नालंदा महिला कॉलेज में मनाया गया संविधान दिवस

संविधान दिवस के मौके पर नालंदा महिला कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मुसर्रत जहां ने भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताओं का वर्णन किया। और कहा कि भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।

यह दिन यानि 26 नवंबर भारत के संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है । मौके पर एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. आशिया प्रवीण ने उपस्थित महाविद्यालय परिवार एवम छात्राओं को संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग ……का सामूहिक संकल्प करवाया।और डॉ. आसिया प्रवीण ने कहा कि हम सभी को मिलकर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाए रखना है। भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएं संविधान को और महान बनाता है।

वही समाजसेवी सह सद्भावना मंच (भारत) के संस्थापक दीपक कुमार ने कहा कि संविधान दिवस अतुल्य विरासत को जारी रखने का एक संकल्प है । सरकार ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी ।आज हम सभी संविधान निर्माण की 73 वी वर्षगांठ मना रहे हैं।उन्होंने मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

वही समाजशास्त्र के व्याख्याता डॉ. रामधनी पाल ने मौके पर कहा कि भारतीय संविधान एक पवित्र सारगर्भित और जीवंत दस्तावेज भारत के लिए एक महान मार्गदर्शक है।

इस मौके पर एनएसएस की छात्रा निशा कुमारी ने संविधान की विशेषताओं पर अपनी राय व्यक्त की ।
मौके पर गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष पुष्पलता कुमारी ,हिंदी विभाग की डॉ.वर्षा रानी , डॉ. सिंधु सिन्हा, नागमणि कुमार तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों में राणा प्रताप सिंह, नौशाद आलम,पवन कुमार ,संजीव सिंह ,संजय , प्रत्युष कुमार तथा एनएसएस की स्वयंसेविका एवम् छात्राएं मौजूद रही ।

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