कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर दीपनगर स्तिथ कोसुक घाट पर हजारों लोगों ने आस्था की डुबकी लगायी । ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सूर्य उदय से पूर्व इस नदी में स्नान कर दीप दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है । कहा जाता है कि महाभारत कालीन जब भगवान कृष्ण मगध नरेश जरासंध का वध करने राजगीर आए थे तो इस जगह पंचाने नदी में स्नान कर तुलसी का पेड़ लगाकर पूजा अर्चना किए थे। उस वक्त इस क्षेत्र को गोविंद क्षेत्र कहा जाता था । इस कारण आज के दिन यहां भारी संख्या में लोग कार्तिक स्नान कर तुलसी के पौधे का पूजा अर्चना करते है । इस मौके पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है । जिसमें मिट्टी के बर्तन और सुथनी एक प्रकार का फल की खूब बिक्री होती है । दूर दूर से लोग मिट्टी के बर्तन और सुथनी खरीदने पहुंचते है। साथ ही पास के गांव में बाबा चौहरमल का मेला भी लगता है । जिसमें भी लोग दूर दूर से आकर पूजा अर्चना करते है। आज दिन दिन भर यहां कई तरह के खेल तमाशा और झूले भी लगाए जाते हैं । जिसका बच्चे और युवक जमकर लुफ्त उठाते हैं ।