पेंशनर समाज नालन्दा का जिला स्तरीय 26 वां वार्षिक सम्मेलन हुआ संपन्न

बिहारशरीफ अनुमंडल परिसर में बिहार पेंशनर समाज जिला शाखा नालन्दा का जिला स्तरीय 26 वां वार्षिक सम्मेलन पेंशनर समाज के जिला अध्यक्ष चन्द्रसेन प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता में तथा संचालन कृष्णम गिरी के द्वारा सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन मंगल दीप प्रज्वलित कर की गई।

इस मौके पर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बिहार पेंशनर समाज नालन्दा के जिला अध्यक्ष चन्द्रसेन प्रसाद सिन्हा ने स्थानीय मांगों को प्रमुखता से रखते हुए कहा कि “संघे शक्ति कलयुगे” आज बिना संघ के शक्ति के किसी भी कार्य का निष्पादन होना कठिन है। संघ की शक्ति आपसी सहयोग और संघर्ष पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि सातवाँ वेतन आयोग के अनुशंसा के आलोक में दिनांक 01.04.2017 के प्रभाव से पुनरीक्षित नया पेंशन/पारिवारिक पेंशन का लाभ दिया है, परंतु 01.01.2006 के पूर्व के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों का निष्पादन नहीं हो सका है। इसीलिए संगठन में काफी आक्रोश है। दिनांक 01.01.2006 के पूर्व सेवा निवृत कर्मियों का विशेषकर शिक्षकों का 1 ग्रेड पे कम जोड़कर पेंशनर/पारिवारिक पेंशन पुनरीक्षण किया जा रहा है। फलस्वरूप सभी पेंशनरों को 650, 750 एवं 1000 तक प्रतिमाह घाटा है। इसके लिए संगठन जल्द अंदोलन करेगा। 20 वर्ष की सेवा पर केन्द्र के अनुसार पूर्ण पेंशन मिलना चाहिए।

मौके पर संघ के उपाध्यक्ष मो. तस्लीम उद्दीन ने कहा कि वित्त विभाग ज्ञापांक 6022, दिनांक 18.12.1989 से अब तक 33-34 वर्ष बीत चुके है, परंतु उसे लागू नहीं किया जा सका है, जिससे मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों में बहुत बड़ा निराशा है। 01.01.2009 से प्राथमिक शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को अन्य कर्मियों की भाँति 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्षों की सेवा पर लाभ देने का निर्णय लिया गया है। परंतु प्रवरण वेतनमान की तरह ही कार्य लंबित रह गया। यह घोर चिन्तनीय है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा लंबित और बिहार सरकार के निर्णयानुसार जिला मुख्यालय शाखा बिहारशरीफ में शीघ्र ओल्ड एज होम का निर्माण कराया जाय।

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गौतम प्रसाद ने कहा कि आज जरूरत है पेंशन की इसलिए पेंशनरों को एकजुट होना पड़ेगा क्योंकि आने वाले समय में सरकार के द्वारा कुछ भी किया जा सकता है जैसे करोना काल में यहां लोगों की मदद की जरूरत थी वहां डेढ़ साल से डीए रोक दिया गया था।

मौके पर शिक्षक संघ के राज्य परिषद सदस्य सह पेंशनर मित्र राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि शिक्षक और कर्मचारी राष्ट्र निर्माण में अहम किरदार निभाते हैं और समाज के अगुआ हैं। ये सभी को सेवानिवृत्त होने पर कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है जो ठीक नहीं है, ये सभी सेवानिवृत्त शिक्षक अपने हक के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। पहले की तरह ही सेवानिवृत्त होने वाले कर्मी को सेवानिवृत्ति के दिन ही पेंशन लाभ का भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा- एक तरफ सरकार सेवानिवृत्त लोगोंको वरिष्ट नागरिक की उपाधि देकर सम्मानित करती है। वहीं दूसरी ओर कार्यालयों एवं बैंक में पेंशन के लिए हमें घंटों लाइन में खड़ा करवाया जाता है, जिससे हमें शारीरिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। जीवन में सदा कुछ न कुछ अच्छा करते रहना चाहिए। पेंशन भोगियों की मदद करने से मन को शांति प्राप्त होती है।

इस दौरान सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिला कोषाध्यक्ष सुरेश प्रसाद ने पिछले साल में संगठन द्वारा किये गये कार्यो का विस्तार से प्रकाश डालते हुए आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। जिसे सर्वानुमति से अनुमोदित किया गया। उन्होंने संगठन को मजबूत करने तथा पेंशनरों के हितार्थ एकजुट रहने का आग्रह भी किया। उन्होंने संबोधित करते हुए आव्हान किया कि पेंशनरों के हितों के लिये संगठन की मजबुती के लिये आपस में सभी सक्रियता से एक जुट रहें। उम्र के इस पड़ाव में आने वाली कठिनाइयों का सामना एकजुटता से ही संभव है। उन्होंने उपस्थित सदस्यों से इसी तरह की चट्टानी एकता कायम रखने एवं एक दूसरे के सुख-दुख में साथ देने की अपील की।

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सम्मेलन में उपस्थित 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले पेंशनर सर्वश्री विशेषर प्रसाद, डोमन हलवाई, गेनौरी चौधरी, कृष्ण कुमार प्रसाद सिन्हा, भागवत सिंह, वाचस्पति उपाध्याय, कौशिल्या देवी, मेधनी देवी, वावु लाल सिंह, राम प्रकाश प्रसाद, यशोदा देवी, राम शखी देवी, गुलाब चौधरी, वासो देवी, रामदेव प्रसाद, गोरक नाथ पंडित, गौरी देवी, सुशिल कुमार सिन्हा, नवल किशोर प्रसाद, ओम प्रकाश आर्य, मो० शहावउद्दीन, आनन्दी प्रसाद, विश्वनाथ पंडित, सुरेश चन्द्र प्रसाद, चन्द्रिका सिंह को अंगवस्त्र, छड़ी तथा प्रशस्ति-पत्र देकर कुल 25 पेंशनरों को सम्मानित किया गया।

सम्मेलन में नई कार्यसमिति का गठन किया गया,जिसमें कुल सदस्यों की संख्या 21 हुई। इन्हीं 21 में से एक सभापति,दो उपसभापति, एक सचिव ,संयुक्त सचिव दो तथा एक कोषाध्यक्ष, संगठन मंत्री एक तथा शेष तेरह कार्यसमिति के सदस्यों का चयन किया गया।

इस सम्मेलन में पेंशनर समाज नालन्दा के रघुनन्दन प्रसाद, सुनीति कुमारी, किशोरी पंडित, यशोदा देवी, नेमत खातून, रविंद्र प्रसाद, कपिलदेव प्रसाद, नागेश्वर रजक, नागेश्वर चौधरी महेंद्र प्रसाद, सुरेश चंद्र सिन्हा, रामाकांत पासवान,हरेकृष्ण देव प्रसाद, कपिलदेव प्रसाद, सरयू शरण प्रसाद, इत्यादि पेंशनर व शिक्षक नेता मौजूद थे।

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