जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने आज बिंद प्रखंड एवं अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया।
निरीक्षण से पूर्व उन्होंने पंचायतीराज संस्थाओं के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से स्थानीय समस्याओं के बारे में फ़ीडबैक लिया।
कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा नल जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने के क्रम में क्षतिग्रस्त गलियों के बारे में जानकारी दी गई। जीराइन नदी के तटबंध पर बोल्डर पिचिंग की आवश्यकता एवं जमींदारी बांध पर निर्मित ग्रामीण सड़क की मरम्मती की आवश्यकता के बारे में बताया गया।
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का पद वर्तमान में रिक्त रहने के कारण बाल विकास परियोजना पदाधिकारी बिहारशरीफ ग्रामीण को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उनकी सप्ताह में तीन दिन बिंद में उपस्थिति हेतु रोस्टर निर्धारण का निदेश जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को दिया गया।
प्रखंड निरीक्षण के क्रम में सबसे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा की गई। आवास स्वीकृति से संबंधित संधारित एक-एक अभिलेख का बारीकी से अवलोकन किया गया। बिंद प्रखंड में निर्धारित लक्ष्य 149 के विरुद्ध 138 आवास की स्वीकृति दी गई है। जिनमें से 132 लाभुकों को प्रथम क़िस्त, 106 को द्वितीय किस्त तथा 82 को तृतीय किस्त की राशि का भुगतान किया गया है। अब तक 48 आवास पूर्ण हो चुके हैं।जिलाधिकारी ने सभी स्वीकृति प्राप्त लाभुकों को देय क़िस्त की राशि का भुगतान एवं आवास निर्माण पूरा कराने पर विशेष बल देने का निदेश दिया।
मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत प्रखण्ड में 77 दिव्यांग एवं विधवा श्रेणी के लोगों से आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसका भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण के तहत जिला के चयनित 50 पंचायतों में से बिंद प्रखंड के भी तीन पंचायत शामिल हैं। इसके तहत ताजनीपुर, बिंद एवं जमसारी पंचायत में वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। इन पंचायतों के लिए आवश्यक उपस्कर एवं उपकरणों के क्रय हेतु जेम पोर्टल के माध्यम से आपूर्ति हेतु कार्रवाई की जा रही है।
नल जल के क्रियाशीलता की समीक्षा के क्रम में कथराही के वार्ड नंबर 3 में नए चापाकल लगाने की आवश्यकता, जहाना के वार्ड नंबर 9 में नए योजना के क्रियान्वयन का कार्य तथा उतरथु के वार्ड नंबर 1 में जारी शेष कार्य को इस माह के अंत तक पूरा कराने का निर्देश बीपीआरओ को दिया गया।
पंचायती राज विभाग द्वारा क्रियान्वित नल जल की 82 योजनाओं में से 61 में ही जल मीनार का निर्माण कार्य हुआ है। शेष योजनाओं में जिनमें राशि की निकासी की गई है, नोटिस निर्गत करने एवं प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया।
प्रखंड के पंचायती राज विभाग द्वारा क्रियान्वित सभी 97 वार्डों में डब्ल्यू आई एम सी का गठन किया जा चुका है। 28 वार्डों में दस्तावेजों का हस्तांतरण नहीं हुआ है। इस संबंध में नोटिस निर्गत किया गया है। जिलाधिकारी ने अविलंब नोटिस की प्रक्रिया को पूरा करते हुए दस्तावेज हस्तांतरित नहीं करने वाले डब्ल्यू आई एम सी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया।
चापाकलों की मरम्मत के लिए निर्धारित रोस्टर के अनुसार प्रखंड में अब तक 132 में से 15 चापाकलों की ही मरम्मत की गई है।जिलाधिकारी ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए पीएचईडी के कनीय अभियंता से स्पष्टीकरण पूछते हुए कर कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को गैंग की संख्या बढ़ाकर तत्काल मरम्मत सुनिश्चित कराने को कहा। नए चपाकरलों के लिए रोस्टर के अनुसार प्रखंड में 15 नया चपाकल लगाया जाना है, जिसे उच्च प्राथमिकता देते हुए लगाने का निर्देश दिया गया। अनुमंडल पदाधिकारी बिहार शरीफ को चपाकलों की मरम्मत एवं नए चापाकल लगाने के कार्य की प्रतिदिन समीक्षा सुनिश्चित करते हुए इसका त्वरित क्रियान्वयन कराने को कहा गया।
कुआँ जीर्णोद्धार से संबंधित 12 योजनाएं अपूर्ण पाई गई, जिसे 1 सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया गया। कार्य उपरांत प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी इसका भौतिक जांच कर प्रतिवेदन देंगे, जिसके आधार पर ही भुगतान की कार्रवाई की जाएगी।
आपदा प्रबंधन को लेकर कटाव निरोधी कार्यों के लिए सभी चिन्हित स्थानों पर पर्याप्त सैंडबैग का भंडारण सुनिश्चित रखने का निर्देश कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण को दिया गया।
अंचल से संबंधित कार्यों के निरीक्षण के क्रम में परिमार्जन एवं दाखिल खारिज के सबसे पुराने लंबित आवेदनों का अवलोकन किया गया। परिमार्जन से संबंधित सबसे पुराना लंबित एक आवेदन 6 मई का तथा शेष जून माह के पाए गए। ऑनलाइन म्यूटेशन का एक लंबित मामला 63 दिनों की निर्धारित अवधि से अधिक समय का पाया गया। जिलाधिकारी ने परिमार्जन के लंबित कुछ पुराने आवेदन एवं राजस्व कर्मचारी के जांच प्रतिवेदन से संबंधित रिकॉर्ड अवलोकन हेतु मांग किया। इनमें से कुछ रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किया जा सके। जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी बिंद को इसकी जांच कर रिकॉर्ड गुम होने के दोषी कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। परिमार्जन का कार्य करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर से स्पष्टीकरण भी पूछा गया।
पंचायत सरकार भवन, एसएफसी के गोदाम निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्र भवन के निर्माण सहित अन्य परियोजनाओं के लिए भी जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश अंचलाधिकारी को दिया गया।
निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ आपदा हेतु आश्रय स्थल के रूप में चिन्हित प्लस टू उच्च विद्यालय बिंद का भी स्थल भ्रमण किया। वहां अस्थाई शौचालय एवं किचन के लिए स्थल चिन्हित कर पूर्व तैयारी सुनिश्चित रखने को कहा गया।
जिलाधिकारी द्वारा बिंद पंचायत में निर्माणाधीन वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का भी स्थल निरीक्षण कर जानकारी ली गई। बिंद के तिकोना खन्हा में कराए गए बाढ़ निरोधी कार्य स्थल का भी निरीक्षण किया गया। उक्त स्थल पर बनाए गए पुल/कल्वर्ट में गेट लगाने हेतु कार्रवाई का निर्देश कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल को दिया गया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी बिहार शरीफ, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला राजस्व शाखा प्रभारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी/बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सहित अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी आदि उपस्थित थे।