फर्जी सर्टिफिकेट पर जघन्य मामलों में बालिग को नाबालिग बताकर जमानत लेने वाले संगठित गिरोह का भी कारनामा जारी है। जिला किशोर न्याय परिषद में ऐसे ही मामले में सक्रियता एक बार फिर से देखी गयी। फर्जी सर्टिफिकेट दाखिल कर जमानत लेने आये पिता-पुत्र पर एफआईआर करने का आदेश दिया गया है। साथ ही, ऐसे गिरोह को चिह्नित कर कार्रवाई करने का आदेश जेजेबी के प्रधान दंडाधिकारी आशीष रंजन ने दिया।
न्यूज नालंदा – पिता-पुत्र पर एफआईआर का आदेश, जानें मामला …..
प्रमाण पत्र पर संदेह होने के बाद किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी आशीष रंजन में प्रमाण पत्र की बारीकी से जांच करायी। जांच के क्रम में दावेदार हर्ष माफिया की काउंसलिंग की गयी। इसमें उसने खुद यह स्वीकार किया कि वह बिहारशरीफ के बड़ी पहाड़ी स्थित उच्च विद्यालय से मैट्रिक का परीक्षा दे चुका है। इसमें उसकी जन्म तिथि 11 मार्च 2000 है।
कोर्ट में फर्जी आयु प्रमाण पत्र जमा करने वाले पिता-पुत्र व फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले सक्रिय गिरोह पर किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी आशीष रंजन ने बिहार थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। जघन्य अपराध के मामले में खुद को किशोर न्याय अधिनियम का लाभ लेने की लालसा में अभियुक्त हर्षकांत यस उर्फ हर्ष माफिया तथा उसके पिता पप्पू प्रसाद ने परिषद को गुमराह करना चाहा। लेकिन, वह इस मंसूबे में नाकाम साबित हुआ। गौरतलब हो कि इसके पूर्व भी नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद की सक्रियता से फर्जी सर्टिफिकेट गिरोह के सदस्यों का खुलासा हुआ था। इतना ही नहीं, कुछ लोगों को चिह्नित कर एफआईआर भी दर्ज की गयी। बावजूद, आज तक पुलिस के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।