Google से भी तेज निकला Bihar का लाल – 1 करोड़ साल के दिनों को चंद सेकेंड में बता देता है..


डेस्क : बिहार के वैशाली जिले के देसरी प्रखंड क्षेत्र के गाजीपुर के अभय कुमार का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। अभय ने एक लाख कैलेंडर वर्ष का प्रश्न मिलते ही चंद सेकंड्स में जवाब दिया जिसके बाद उनका नाम इस रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।

अभय कुमार गाजीपुर निवासी शिक्षक सहेंद्र पासवान के बेटे हैं। गूगल से ज्यादा सालों को याद रखने की कला पर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के मुख्य संपादक डॉ. बिस्वरूप राय चौधरी ने अभय को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजा है। महज 4 मिनट में अभय ने 23 विभिन्न तिथियों के सवालों का उत्तर दिया। अपनी मानसिक गणना के बलबूते पर उन्होंने ये खिताब जीता है। इसके लिए उसे ऑनलाइन कई चरणों के टेस्ट से गुजरना पड़ा।

इस बारे में बातचीत करते हुए अभय ने बताया है कि गूगल एक बार में महज 10 हजार सालों तक का कैलेंडर दिवस दर्शाता है। वहीं, एक करोड़ कैलेंडर वर्ष याद रखने वाले अभय ने इसका दावा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भी पेश किया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाने के बाद अभय ने अपना दावा एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए पेश किया है।

मीडिया से बात करते हुए अभय ने बताया कि दावा पेश करने के बाद उनका चयन एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में हो चुका है। जिसके बाद उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 1 करोड़ साल के कैलेंडर दिवस बताने का दावा भी पेश किया है। साल 2016 में अभय ने बी-टेक मैकेनिकल से पास किया। जिसके बाद उन्हें इंडो जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी में जॉब मिली, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। फिर उन्होंने मोतिहारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में 4 साल तक शिक्षण दिया।

अभय ने छात्रों को मेमोरी तकनीक सिखाने के लिए खुद का अपना एप एस्प्रियंट जेट बनाया है, जो कक्षा 6 से लेकर यूपीएससी समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षा के विद्यार्थियों को सीधे तौर पर लाभ देगा। इसकी मदद से अन्य मेमोरी ट्रेनर से 10 गुना ज्यादा प्रभावशाली तकनीक से विजुअल निमोनिक्स सीखने में आसानी हो रही है। इस एप की सहायता से छात्र या उम्मीदवार किसी भी ऐतिहासिक तिथि, अनुच्छेद, सामान्य ज्ञान, गणित के फार्मूला के अलावा अन्य नई तकनीकी बस एक बार देख कर याद कर सकते हैं। एप पर विद्यार्थियों को फ्री टेस्ट एवं फ्री माइंड मैप भी देखने को मिल रहा है।

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