गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हार्दिक पटेल को वीरमगाम विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। साल 2015-16 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे हार्दिक के लिए वीरमगाम तक पहुंचने की राह आसान नहीं रहने वाली।
बीजेपी शासित राज्य की वीरमगाम सीट पर पिछले दो बार से कांग्रेस का कब्जा है। राजनीति छुआछूत से मुक्त वीरमगाम से हर समुदाय और जाति के नेता प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं हार्दिक पटेल का ये पहला विधानसभा चुनाव है। हार्दिक का जन्म और पालन-पोषण अहमदाबाद के वीरमगाम शहर में ही हुआ। बावजूद उनके लिए इस सीट से जीत हासिल करना आसान नहीं रहने वाला।
आगामी विधानसभा चुनाव में हार्दिक का सामना कांग्रेस के मौजूदा विधायक लाखभाई भारवाड़ से होगा, जिन्होंने 2017 में बीजेपी की तेजश्री पटेल को 6,500 से अधिक मतों के अंतर से हराया था। कांग्रेस के पूर्व नेता और मौजूदा कांग्रेस विधायक के बीच ये मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है।
कब और कैसे हुए हार्दिक का ‘उदय’ :
कब और कैसे हुए हार्दिक का ‘उदय’ : साल 2015 में पाटीदार आंदोलन का आगाज हुआ था। इस आंदोलन का मकसद पाटीदारों को आरक्षण दिलाना था। आंदोलन के दौरान अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में एक सभा आयोजित हुई जिसमें 5 लाख लोग शामिल हुए। एक साथ किसी आंदोलन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकत्रित होने अपने आप में रिकॉर्ड था।
इसी आंदोलन में हार्दिक पटेल नाम के युवा नेता का उदय हुआ जिसने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। और आज वही नेता खुब चर्चा में बना हुआ है। इस आंदोलन के दौरान 14 लोगों की मौत हुई थी और यहीं से हार्दिक को राजनीति में मजबूती मिली। जाति के लिए शुरू हुआ सामाजिक आंदोलन कब राजनीतिक आंदोलन बन गया पता ही नहीं चला।
इस आंदोलन के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और विजय रूपानी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से सम्मानित किया गया। जिसके बाद हार्दिक पटेल सरकार को घेरने के लिए विपक्ष का प्रमुख हथियार बन गए। नतीजन वह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के खास बन गए।
इसकी सबसे बड़ी वजह थी की पार्टी के सीनियर नेताओं को हार्दिक रास नहीं आ रहे थे। तो दूसरी तरफ पाटीदार आंदोलन के दौरान राज्य में अलग-अलग हिस्सों में हार्दिक पर दर्ज हुए मामले हार्दिक के गले की फांस बनते जा रहे थे जिसके चलते हार्दिक पटेल सत्ताधारी बीजेपी के करीब आने लगे और 2022 में जब राज्य में चुनाव की आहट सुनाई पड़ी तो हार्दिक बीजेपी में शामिल हो गए।