दुनियां भर में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे नंबर पर विद्यमान हिंदी एक समृद्ध और विकसित भाषा है। इसे देश में राजभाषा का दर्जा दिया गया है। बहुत ही कम लोग जानते होंगे, लेकिन हिंदी के कई प्राचीन नाम हैं जैसे कि हिंदवी, देशभाषा, देशीय भाषा और भाखा कहा गया है।
हालांकि, ये नाम देने वाले लोग भी अलग-अलग थे। मसलन हिंदी को तुलसीदास भाखा और मलिक मुहम्मद जायसी हिंदवी कहते थे। जो ये दर्शाता है कि हिंदी का विस्तार क्षेत्र कभी सीमित नहीं रहा। हमारी अस्मिता की पहचान आज भी यह है। आइए आपको हिंदी दिवस पर कुछ ऐसे शब्दों का अर्थ बताते हैं, आप आज तक जिनसे अनजान हैं।
भीरुता, –
भीरुता, – कायरता, वाक्य में प्रयोग : ‘हमारे सीने में उस शब्द का उच्चारण मात्र नश्तर चुभोता रहा और हम भीरुता से सब कुछ सहते रहे’
आहूत, –
आहूत, – बुलाया गया, वाक्य में प्रयोग : ‘राजू ने अपने घर सोसायटी की बैठक आहूत की, लेकिन दो-चार लोग ही वहां पहुंचे’
आहुति, –
आहुति, – बलिदान, वाक्य में प्रयोग : ‘देश के लिए वीर सैनिक ने लड़ते-लड़ते अपने प्राणों की आहुति दे दी.
किंकर्तव्यविमूढ़, –
किंकर्तव्यविमूढ़, – पशोपेश में, वाक्य में प्रयोग : ‘हालात बद से बदतर होते रहे, लेकिन जो सक्षम अधिकारी थे वह किंकर्तव्यविमूढ़ ही बने रहे.
सुमेलित
सुमेलित, मिलता जुलता, वाक्य में प्रयोग : ‘अपनी जरूरत से मिलता-जुलता सामान आप ले सकते हैं’
वृष्टि,
वृष्टि, बारिश, वाक्य में प्रयोग : ‘मध्य प्रदेश में इस बार बहुत ओलावृष्टि हुई, जिससे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है’
वरीयता, –
वरीयता, – श्रेष्ठता, वाक्य में प्रयोग : ‘इंटरव्यू के बाद जो चयनित नाम है, वरीयता के आधार पर क्रमबद्ध लिखे गए हैं’