Indian Railway : टिकट काउंटर को निजी हाथों में देने की तैयारी, जानें – रेलवे का पूरा प्लान..


Indian Railway Privatization : देश में प्राइवेटाइजेशन का दौर धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। रेलवे में आरक्षण टिकट काउंटर (PRS) को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने पश्चिमी मध्य रेलवे के कोटा मंडल को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयन किया है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने भी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की तैनाती की नई प्रणाली शुरू करने से पहले पार्टियों से रुचि की अभिव्यक्ति मांगी है। लोगों के सुझाव व प्रस्ताव मिलने के बाद जरूरत के मुताबिक टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

बोर्ड की ओर से पश्चिमी मध्य रेलवे को प्रशिक्षण कार्य दिसंबर तक संपन्न कर लेने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लेने के बाद अगले साल मार्च महीने तक एक नई गाइडलाइंस जारी किए जाएंगे। बोर्ड के मुताबिक अगले साल देश के तमाम आरक्षण काउंटरों को निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा। बोर्ड के इस फैसले के पीछे का कारण आरक्षण टिकट काउंटरों पर भीड़ का ना होना है।

IRCTC के माध्यम से टिकट लेने वालों को।संख्या ज्यादा :

IRCTC के माध्यम से टिकट लेने वालों को।संख्या ज्यादा : देश में अधिकांश लोग रेलवे टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक कर लेते हैं। इन वजहों से आरक्षण काउंटर पर टिकट लेने वालों की भीड़ ना के बराबर रहती है। वेटिंग और तत्काल टिकट लेने वाले यात्री ही आरक्षण काउंटर पर जाते हैं। इसे देखते हुए रेलवे स्टेशन पर बने आरक्षण काउंटर की संख्या भी कम हुई है। ऐसे में रेलवे ने अब आरक्षण काउंटर को निजी हाथों में देने का फैसला लिया है। इसे अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरुआत किया जाएगा। यह सफल रहा तो अगले साल पूरे देश में मौजूद आरक्षण टिकट काउंटर को निजी हाथों में दे दिया जाएगा।

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