कोई अनपढ न रहियो गीत से महिला साक्षरता कार्यक्रम की दी गई जानकारी।

महिला साक्षरता कार्यक्रम के तहत अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं इससे
साक्षर बनकर महिलाएं हो रही जागरूक। महिला साक्षरता कार्यक्रम के तहत
एक दिवसीय क्षेत्र भ्रमण कर बढ़ाया ज्ञान।

इनमें केन्द्र से नामंकित महिलाओं को ज्ञान अर्जन के लिए मौदहा, जिला हमीरपुर के महिला साक्षरता केन्द्र मसगांव(दामुपुरवा), करगांव (सायर) और रमना डेरा (छिरका) की नामंकित महिलाएं (शिक्षार्थी) को क्रास लर्निग कार्यक्रम के आयोजन में जिला बांदा के साक्षरता केंद्रों पर ले जाया गया।
उक्त जानकारी देते हुये कार्यक्रम के फील्ड कोर्डिनेटर गीता कौर ने कहा कि यह कार्यक्रम बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत, पशुपालन विभाग के सहयोग से बाएफ संस्था द्वारा उत्तर प्रदेश के तीन जिले चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर चलया जा रहा ।

इस कार्यक्रम में समय समय पर अनेक गतिविधियां की जा रही है जिसमें सेंटर की महिलाओ को नई और रोचक तरीके से जागरूक और साक्षर किया जा रहा है इसके तहत आज हमीरपुर जिले की नामंकित महिलाओं को बांदा जिले के केंद्रों का भ्रमण क्रास लर्निंग कार्यक्रम में शामिल किया।

इस कार्यक्रम का उद्वेश्य केन्द्र की नामंकित महिलाओ में घर से बाहर अन्य स्थान पर जाने का अवसर देना है, जिससे की उनमें आत्मविश्वास बढ़े। साथ ही अपने गांव के सेंटर को अच्छा और नया रोचक तरीके, कैसे हो सकते है उन्हे स्थानीय रूप से जानने और अपनाने के लिए प्रेरित करना है। यह कार्यक्रम
बांदा के साक्षरता केन्द्र तिंदवारा, नंदवारा और करतल विजिट क्षेत्र की विजिट की गई।

बांदा की महिलाओ ने सेंटर पर आए सभी प्रतिभागियों का स्वागत फूल देकर और चन्दन का टीका लगाकर किया। इसके पश्चात आपस में परिचय करते हुवे सभी ने सेंटर पर आकर सीखे कार्य की चर्चा की ।
सब दीदी मिलकर के पढ़ रही है कोई अनपढ़ ना रहिए गीत द्वारा महिलाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित किया गया,
और वहां की शिक्षिका एवं लर्नरों ने खेती-बाड़ी , पढ़ाई के बारे में, पशुओं की देखरेख, कृत्रिम गर्भाधान करवाने के लाभ और पशुओं का बीमा और फसल बीमा कराने की भी जानकारी बताई की सभी महिलाएं पशुपालन करती है।
महिलाओ (लर्नर) ने शिक्षा के बिना कोई मजा न जीने में ….. साक्षरता के गीत भी गाया, तत्पश्चात केंद्र में लगे चार्ट के महत्व को एक करके ने समझाया

और अक्षर पहचानने वाला खेल खेलते हुवे, अक्षर और अंको का मतलब बताना, जीवन में उनका प्रयोग भी बताया।
अन्त में महिलाओ ने शेर और बकरी के खेल के माध्यम से संगठन के बारे मे समझा। इसके पश्चात सभी हमीरपुर की महिलाओं ने बांदा की महिलाओ उनके कार्य की सराहना करते हुवे धन्यवाद दिया। सभी को बांदा सेंटर बहुत अच्छे लगे और उन्होंने भी उत्सुकता के साथ अपने सेन्टर पर भी ऐसे ही बढ़ चढ़ भागीदारी करने की सहमती दी ।
क्रास लर्निग के लिए प्रतिभागी दोनो जिले की कुल 98 महिलाओ के साथ प्रेमवती, खुशबू, पुष्पा, शीतल देवी, सरोज, राजाबाई (शिक्षिकाएं ), विमल कुमार, रामकुमार, ऋतुराज त्रिपाठी, संदीप राजपूत, रामाश्रय (मेल मोटिवेटर), गीता कौर (फील्ड कार्डिनेटर, हमीरपुर) सुनीता कुशवाहा (फील्ड कार्डिनेटर, बांदा) शामिल रहें।

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