जैविक उत्पाद बिक्री केंद्र एवं जिला कृषि कार्यालय का किया निरीक्षण

जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने आज बिहारशरीफ कृषि कार्यालय के पास जैविक उत्पाद बिक्री केंद्र का निरीक्षण किया। इस केंद्र में फ्रिज की व्यवस्था नहीं होने के कारण उत्पादों की बिक्री में कठिनाई हो रही है।जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को पूर्व में ही फ्रिज की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निदेश दिया था। इस संबंध में उनसे स्पष्टीकरण पूछते हुए फ्रिज की व्यवस्था हेतु विभाग को संसूचित करने का निदेश दिया।

इसके बाद जिलाधिकारी ने जिला कृषि कार्यालय का निरीक्षण किया। कार्यालय में संचालित उर्वरक नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण किया गया।नियंत्रण कक्ष में संधारित शिकायत पंजी का उन्होंने बारीकी से अवलोकन किया।पंजी में दर्ज 15 शिकायतों के अनुपालन की प्रविष्टि से संबंधित जाँच रिपोर्ट का उन्होंने रैंडम अवलोकन किया।

जाँच रिपोर्ट की गुणवत्ता को लेकर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया क्योंकि इसमें शिकायतकर्ता का पक्ष दर्ज नहीं किया गया था। जिलाधिकारी ने इन सभी शिकायतों की जाँच गुरुवार को वरीय पदाधिकारियों के क्षेत्र भ्रमण के क्रम में सुनिश्चित कराने को कहा।इसमेंशिकायतकर्त्ता के पक्ष के साथ ही संबंधित उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठान की जांच की जाएगी।

जैविक उत्पाद बिक्री केंद्र एवं जिला कृषि कार्यालय का किया निरीक्षण  जैविक उत्पाद बिक्री केंद्र एवं जिला कृषि कार्यालय का किया निरीक्षण

जिले में उर्वरक की उपलब्धता/आपूर्ति से सम्बन्धित संचिका का भी जिलाधिकारी ने अवलोकन किया।प्रखंडवार उर्वरक के आवंटन/वितरण की पद्धति के बारे में जानकारी ली गई। वर्तमान खरीफ मौसम में उर्वरकों के प्रखंडवार आवंटन का समेकित रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।

निरीक्षण के उपरांत जिलाधिकारी द्वारा आत्मा सभागार में कृषि टास्क फोर्स की बैठक की गई। जिला में धान का आच्छादन लगभग 84 प्रतिशत बताया गया।धान,मक्का एवं अन्य सभी फसलों के आच्छादन का वास्तविक आंकड़े में भिन्नता नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। उन्होंने धान के आच्छादन का किसानवार सूची तैयार करने को कहा।

धान/मक्का के आच्छादन का स्थल जाँच प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों के क्षेत्र भ्रमण के क्रम में कराने का निदेश दिया गया।विशेष रूप से वेन,बिंद, हिलसा,इसलामपुर,परवलपुर, सरमेरा आदि प्रखंडों में फसल आच्छादन का जाँच कराने को कहा गया।

डीजल अनुदान योजना के तहत हर पात्र किसान से आवेदन सृजित कराकर लाभान्वित करने का निदेश दिया गया।
उर्वरक की कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित रखने का स्पष्ट रूप से निदेश कृषि विभाग के सभी संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया।
आकस्मिक फसल योजना से प्रत्येक पात्र किसान को आवश्यकतानुसार आच्छादित करने की व्यवस्था सुनिश्चित रखने को कहा गया।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक उद्यान, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सहित कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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