लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। शहरी क्षेत्र में 22 घाट हैं। इनमें से चार खतरनाक हैं। पंचाने नदी का एक दिन में दो फीट जलस्तर बढ़ने से सोहसराय, बियावानी और कोसुक घाट पर पानी ज्यादा है। इसलिए व्रतियों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। बैरिकेटिंग का काम अभी अधूरा है। इमादपुर घाट में दलदल है। जिसमें व्रतियों के पैर फंसने की संभावना है। निगम घाट के गाद निकालने में जुटा है। अन्य घाट अर्ध्य के लायक है, फिर भी सफाई की दरकार है। किसी भी घाट पर चेंजिंग रूम नहीं बनाया गया है।
सोहसराय में जलस्तर अधिक
सोहसराय सूर्य मंदिर के पंचाने नदी घाट जलस्तर अधिक है। दोनों किनारे अर्घ्य देने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं। तीन सीढ़ियां उतरते ही पानी पांच फीट से अधिक है। यहां बैरिकेटिंग कराई जा रही है। बियावानी सूर्य घाट पर जल संग्रह किया जा रहा है। इमादपुर सबसे पुराने घाटों में है। यहां सतह पर कीचड़ है। जिससे व्रतियों को परेशानी होगी।