साधना के नाम पर व्यापार कर भूमिहीन दलित परिवारों को घर से बेघर

(राजगीर ) असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच के राज्य समन्वयक डॉ अमित कुमार पासवान ने कहा कि वर्ष 2012 में नगर परिषद राजगीर के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नगर निवेशन प्राधिकार के द्वारा अर्जित 00.61 एकड़ भूमि को जैन धर्म की सबसे बड़ी संस्था वीरायतन राजगीर नालन्दा के द्वारा कब्जा कर लिया गया ।

जिसे अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए नगर पंचायत राजगीर के पत्रांक – 631 दिनांक-21.12.2012 के द्वारा वीरायतन राजगीर को नोटिस कर खानापूर्ति तो की गई लेकिन आज तक कोई भी पदाधिकारी उक्त जमीन को वीरायतन से अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाया । इस प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा लगभग 50 वर्षों से झोपड़ीनुमा मकान बनाकर जीवन गुजर बसर करने वाले दलितों की भी जमीन को जबरन कब्जा कर उसे घर से बेघर कर शोषण व अत्याचार किया जा रहा है । जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।

डॉ पासवान ने कहा कि नगर परिषद राजगीर की लापरवाही के कारण संस्थान के द्वारा अब भी सैकड़ो एकड़ सरकारी जमीन को अधिग्रहण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि वीरायतन के द्वारा सरकारी भूमि पर हॉस्पिटल पूर्व से बना हुआ था जिसमें सभी तरह के बीमारियों का इलाज के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जाता है जवकि संस्थान सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट -21/1860 , इनकम टैक्स अधिनियम1961 के धारा 12ए , 80जी, 35 ऐसी एवं एफसीआरए एक्ट 1976 के अंतर्गत निबंधित है जिसमें चैरिटी वर्क करने का प्रावधान है ।

उसको खानापूर्ति के लिए शुल्क को डोनेशन दिखाकर बिहार सरकार/भारत सरकार, इंडियन जैन डोनर, विदेशी जैन डोनर, एवं आम जन मानस को ठगा जा रहा है। इनके द्वारा पावापुरी में तीर्थंकर महावीर विद्या मंदिर स्कूल बनाया गया है जिसमें उच्च स्तर का फीस रखा गया है जिससे गरीब के बच्चे वंचित हैं साथ ही वीरायतन राजगीर के परिसर में पूर्व से यात्रियों के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस के अलावा आलीशान होटल भी बनाया गया है जिसका नाम कृपानिधि रखा गया है जिसकी बुकिंग लाखो रुपये में होती है।

See also  विद्युत उपभोक्ता का फूटा गुस्सा किया सड़क जाम

इस तरह से सेवा के नाम पर व्यापार का सिलसिला जारी है ऐसे संस्थान का काली करतूत को आमजन मानस तक पहुंचाना समाजसेवीयों , बुद्धिजीवियों का धर्म और कर्तव्य बनता हैडॉ पासवान ने कहा कि नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच के द्वारा आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से पटना से लेकर राजगीर तक सैकड़ों बैनर पोस्टर के माध्यम से वीरायतन की कुकृत्यो का भंडाफोड़ किया जाएगा ।

डॉ पासवान ने कहा कि वेंडर अतिक्रमणकारी नहीं स्वरोजगारी हैं अपना छोटा -छोटा रोजगार सृजन कर पैसा कमाते हैं जिससे उसका परिवार का भरण -पोषण होता है लेकिन वीरायतन के संस्थापक आचार्य श्री चन्दना जी महाराज एवं उनके प्रबंधक के द्वारा ऐसे लोगों को ही उजाड़ने के लिए कई तरह की साजिश रचते रहते हैं । डॉ पासवान ने कहा कि सेवा, शिक्षा , साधना के नाम पर धन इकट्ठा कर दलितों, पिछडो, शोषितो, वंचितो परअत्याचार करने वाले वीरायतन के परिसंपत्तियों की जांच करने आदि विभिन्न मांगो को लेकर 22 नवंबर से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की जाएगी।

Leave a Comment