महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनी बाबा साहब अम्बेडकर की पुण्यतिथि

 

बिहारशरीफ,नालंदा 6 दिसम्बर 2022 : स्थानीय शहर के अम्बेडकर चौक पर आज मंगलवार को विश्वविभूति, महामानव, बोधिसत्व, संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की 66 वां महापरिनिर्वाण दिवस अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी संघ एवं बामसेफ नालन्दा की ओर से मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता अनुसूचित जाति / जनजाति कर्मचारी संघ के जिला उपाध्यक्ष भोला पासवान ने किया। अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी संघ एवं बामसेफ के सदस्यों तथा समाजसेवियों ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा पर माल्यापर्ण व पुष्पांजलि अर्पित की तथा मोमबत्ती प्रज्जवलित कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया।
अध्यक्षीय सम्बोधन में संघ के उपाध्यक्ष भोला पासवान ने जिलेवासियों व सभी सदस्यों को अपनी और संघ की ओर से शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा- आज पूरे देश में अम्बेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। 20 वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक, तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं। विधि विशेषज्ञ एवं उत्कृष्ट कौशल के धनी डॉ. आंबेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

मौके पर संघ के मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता राकेश बिहारी शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहेब ने जीवन भर तिरस्कार सहने के बाद जब संविधान लिखा तो समाज के सभी वर्ग के लोगों का ध्यान रखा। उन्होंने स्वयं विषपान कर समाज के लोगों को अमृतपान कराने का काम किया। संविधान की रचना करने के दौरान उन्होंने अपनी कुंठित भावना को उजागर नहीं होने दिया। इसी का परिणाम है कि जब हिन्दुस्तान में सर्वे कराया गया तो महात्मा गांधी के पश्चात उन्हें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था। वे अपना सम्पूर्ण जीवन गरीबों, दलितों, वंचितों तथा समाज के पिछड़े वर्गो के उत्थान के लिए न्यौछावर कर दिए। शिक्षा विकास की पहली सीढ़ी है। शिक्षा के बिना किसी समाज, देश या व्यक्ति का उत्थान संभव नहीं है। वे कहते थे कि एक रोटी कम खाओ पर बच्चों को जरुर पढाओ। वे समाज के लोगों को शिक्षित, संगठित होने तथा संघर्ष करने का संदेश दिए।

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इस अवसर पर संघ के संरक्षक हरेंद्र चौधरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि युगपुरूष, विश्व भूषण, भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार और महान समाज सुधारक थे। डॉ. भीमराव अम्बेड़कर ने संत गाडगे बाबा, महात्मा ज्योतिबा फुले और संत कबीर की शिक्षा संबंधी सोच को परिवर्तन की राजनीति के केन्द्र में रखकर संघर्ष किया था। वे सामाजिक परिवर्तन के ध्वज बाहक थे।

बामसेफ के उपाध्यक्ष राजेश कुमार रमन ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की सामाजिक एवं आर्थिक सिद्दांत आजाद भारत के लिए आज भी प्रासंगिक है।

कृष्णदेव चौधरी ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर आधुनिक भारत के प्रमुख विधि वेत्ता, समाजसुधारक थे। सामाजिक भेदभाव व विषमता का पग-पग पर सामना करते हुए अन्त तक वे झुके नहीं। अपने अध्ययन, परिश्रम के बल पर उन्होंने अछूतों को नया जीवन व सम्मान दिलाया।

संघ के सचिव भारतेंदु कुमार ने कहा कि डॉ० अम्बेडकर आजीवन समाज के सभी वर्गों के सामाजिक उत्थान व राष्ट्रहित के लिए कार्य करते रहे एवं अपना जीवन समर्पित कर दिए। वे हमेशा समानता एवं भाईचारे का संदेश देते रहे। उनकी कीर्ति युगों-युगों तक जीवंत रहेगी।

सरदार वीर सिंह ने कहा कि बाबा साहब के संघर्ष के बदौलत ही आज हम सब को संवैधानिक रूप से समानता का अधिकार मिला है। वे समाज के प्रेरणास्रोत हैं।

संघ के उपाध्यक्ष रमेश पासवान ने कहा कि डॉ० अम्बेडकर ने समाज सुधारक का काम किया और लोगों को शिक्षित होने का संदेश दिया। उनका मानना था शिक्षा से ही सामाजिक परिवर्तन एवं जनकल्याण संभव है।

इस दौरान रंजीत पासवान, शिवालक पासवान, अनिल पासवान, अजीत कुमार, उपेंद्र कुमार, रंजीत कुमार, प्रमोद कुमार, श्यामनन्दन चौहान सहित दर्जनों लोगों ने भाग लिया।

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