पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया : फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के अनुमंडलीय अस्पताल, धमदाहा के परिसर में फाइलेरिया मरीजों के लिए एमएमडीपी किट वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार सिंह, स्थानीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राज आर्यन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इसमें फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया से बचाव एवं साफ-सफाई को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई
शुरुआती दौर में फाइलेरिया बीमारी की पहचान करना अतिआवश्यक: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि वेक्टर जनित गंभीर रोगों में शामिल फाइलेरिया मरीजों को नियमित रूप से आवश्यक उपचार की जरूरत होती है। इसके लिए मरीज़ों को आवश्यक दवाओं के साथ संक्रमित अंगों का पूरा ध्यान रखना पड़ता है। फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को दवा नि:शुल्क दिया जाता है
इसमें मरीजों के हाथ-पैर में सूजन या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को प्रत्येक महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन के साथ ही बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज के पैर को साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह से लपेट कर रहना चाहिए। फाइलेरिया गंभीर बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई समुचित उपचार संभव नहीं है। हालांकि शुरुआती दौर में बीमारी की पहचान कर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवाओं का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इस अवसर पर फाइलेरिया ग्रसित सभी मरीजों को स्वउपचार किट देने के साथ ही उन्हें विशेष तौर पर ध्यान रखने के लिए आवश्यक उपायों की जानकारी दी गई
फाइलेरिया मरीज़ों के बीच एमएमडीपी किट का किया गया वितरण: डीपीओं
केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं एवं आशा फैसिलिटेटर को कालाजार रोगी खोज अभियान में को तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कालाजार की पुष्टि होने के बाद ही मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा मुहैया करायी जाती है। फाइलेरिया रोग से ग्रसित अंगों की विशेष रूप से सफाई करने को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं। अनुमंडलीय अस्पताल के सभागार में स्थानीय क्षेत्र के चिन्हित 53 फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। किट में टब, मग, तौलिया, साबुन आदि साम्रगी दी गई।