सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने किया मखाना को एमएसपी में शामिल करने की मांग

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मनीष कुमार/कटिहार

लोकसभा के मानसून सत्र में कटिहार सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से मखाना उत्पादन से जुड़े कई सवाल पूछे हैं। जिसमें मखाना उत्पादक किसानों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने, कटिहार,कोशी, सीमांचल और मिथिलांचल क्षेत्रों में नेफेड या अन्य संस्थाओं के माध्यम से कृषि आधारित योजनाओं को लागू करने, उपरोक्त स्थानों सहित कटिहार संसदीय क्षेत्र के किसानों द्वारा उत्पादित मकानों की खरीद की जिम्मेदारी किस नेफेड को दी गयी हैं। इसके अलावा उन्होंने मंत्रालय से पूछा है, कि मखाने की खरीद के लिए लक्ष्य निर्धारित करना तथा मखाने का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए सरकार द्वारा क्या योजना बनाई जा रही है। सांसद द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देते हुए कहा कि भारत सरकार ने 10000 नए एफपीओ का गठन करने और बढ़ावा देने के लिए 10,000 किसान उत्पादक संगठनों एफपीओ के गठन एवं संवर्धन के केंद्रीय क्षेत्र की योजना शुरुआत की है जो वित्त के पैमाने का लाभ उठाएगी, उत्पादन लागत में कमी और किसानों की आय में वृद्धि करेगी। इस योजना के तहत गठित नए एफपीओ के लिए 5 वर्ष की अवधि हेतु पेशेवर प्रारंभिक सहायता का प्रावधान किया गया है

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उक्त योजना के तहत 13 कार्यान्वयन एजेंसीयां (आईएसएस) अर्थात लघु किसान कृषि व्यवसाय संघ (एसएफएसी), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड), पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपनान निगम लिमिटेड (एनईआरएएमएसी),तमिलनाडु लघु किसान कृषि व्यवसाय संघ, लघु किसान कृषि व्यवसाय संघ हरियाणा,पनधारा विकास विभाग कर्नाटक, ग्रामीण मूल्य श्रृंखला विकास हेतु फाउंडेशन- ग्रामीण विकास मंत्रालय ,गुजरात कृषि-उद्योग निगम लिमिटेड, उत्तर प्रदेश विविधीकृत कृषि सहायता परियोजना, भारतीय आदिवासी सहकारी विपणन संघ और राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड के एफपीओ के गठन एवं संवर्धन के लिए मंजूरी दी गई थी। आईए नामतः एसएफएसी, नाबार्ड, एनसीडीसी और नेफेड ने बिहार राज्य में मखाना फसल के 13 एफपीओ को बढ़ावा दिया है

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मखाना को न्यूनतम समर्थन मूल्य में शामिल करने के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा संबंधित राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों विभागों की राय और अन्य प्रासंगिक कार्य को पर विचार विमर्श करने के बाद सरकार कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसपी) की सिफारिश के आधार पर 22 अनिवार्य कृषि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और गन्ने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) का निर्धारण करती है। 22 अनिवार्य फसलों में 14 खरीफ फसलें अर्थात धान,ज्वार, बाजरा,मक्का,रागी,अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी,तिल,रामतिल, कपास और 6 रबी फसलें अर्थात गेहूं, जौ, चना,मसूर,रेपसीड और सरसों कुसुम तथा दो वाणिज्यिक फसलें अर्थात सूट और खोपड़ा इत्यादि शामिल है

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सरकार उन फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित करती है जो सामान्यता शीघ्र खराब होने वाली प्रकृति के होते हैं, बड़े पैमाने पर इनकी खपत होती है ,खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक होते हैं,जिसमें उत्पादन की व्यापक रूप से भिन्न लागत नहीं होती है तथा ये व्यापक रूप से खेती के तहत बड़े क्षेत्र में उगाए जाते हैं,को एमएसपी के तहत शामिल किया जाता है। बिहार में विभिन्न आइए द्वारा संवर्धित एफपीओ का विवरण देते हुए कटिहार जिले के कटिहार अतुल्य मखाना फेड प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एवं मनसाही एग्रोबिजनेस फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड सहित अन्य 11 एफपीओ का नाम जवाब में शामिल किया हैं।

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