पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
सहायक खजांची थाना क्षेत्र के बाड़ीहाट में हुए मिट्ठू सिंह हत्याकांड में पूर्णिया सांसद संतोष कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ने वाली है। पटना हाईकोर्ट ने क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए सांसद संतोष कुशवाहा के ऊपर काफी सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने संतोष कुशवाहा को सांसद कहकर नहीं बल्कि प्रभावशाली आदमी कहकर संबोधित किया है। साथ ही अनुसंधान को प्रभावित करने का भी आरोप है।
न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने हाउसिंग बोर्ड निवासी सुमन सिंह के रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए अनुसंधान प्रभावित को लेकर नोटिस जारी किया है। साथ ही मिट्ठू सिंह हत्याकांड में नामजद अभियुक्त की एक सप्ताह के अंदर गिरफ्तारी के लिए पूर्णिया एसपी को आदेश दिया है।
इधर हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्णिया पुलिस सभी अभियुक्त के पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। हालांकि आदेश निर्गत होने के बाद से ही सभी मुख्य अभियुक्त भूमिगत हो गए है। पूर्णियाँ पुलिस की छापेमारी में बाड़ीहाट मोहल्ले से सूरज प्रकाश उर्फ पप्पू साह, अनमोल कुमार, अमरेंद्र भगत उर्फ बौआ भगत एवं संजय साह को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
जबकि इस मामले में सांसद संतोष कुशवाहा के बड़े भाई शंकर कुशवाहा, भांजा रितेश कुमार उर्फ गुड्डा, जदयू नेता नीलू सिंह पटेल सहित 26 लोग नामजद है। बाड़ीहाट में जमीनी विवाद में हुए इस मारपीट में दोनो तरफ से कुल 6 एफआईआर दर्ज हुआ था। हाईकोर्ट ने सहायक खजांची थाने में दर्ज कांड संख्या 294/19 में दायर याचिका पर याचिकाकर्ता ने सांसद संतोष कुशवाहा, पूर्णिया एसपी, प्रधान सचिव बिहार सरकार, आईजी पूर्णिया, डीएसपी, थानाध्यक्ष,खजांची हाट और डीजी सीआईडी को भी पार्टी बनाया है।कोर्ट ने सख्त टिपण्णी करते हुए सबूत नष्ट होने के संबंध में भी लिखा है। मगर जिस तरह तत्कालीन एसपी विशाल शर्मा ने अनुसंधान कर पूरे सबूत के साथ लिखा, वो आज सभी के गले का फास बन गया है। हालाकि इस मामले में भीतर से काफी राजनीति हो रही है।