Nitin Gadkari ने बनाए गाड़ी से जुड़े नए नियम, 1 अक्टूबर से होंगे लागू, चालान से बचना है तो जान लीजिए..


डेस्क : केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के मंत्रालय रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री (MoRTH) आने वाले एक अक्टूबर से नये नियम लागू करने जा रही है। ये नियम मौजूदा बैटरी सेफ्टी स्टैंडर्ड में कुछ अपडेट के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए भी तैयार किए गए हैं। इस वर्ष इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने वाले मामलों के चलते सरकार ने इन नियमों को तैयार भी किया है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए तैयार किए गए नये नियम :

इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए तैयार किए गए नये नियम : EV में आग लगने वाले मामलों की जांच करने वाली कमेटी ने 29 अगस्त, 2022 को अपनी एक नई रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके बाद सेफ्टी के नए नियम इलेक्ट्रिक पावरट्रेन वाली कैटेगरी L व्हीकल्स, कैटेगरी एम और कैटेगरी एन व्हीकल्स के लिए तैयार किए गए हैं। कैटेरगी एल में चार से कम चक्कों वाली गाड़ियां भी आती हैं। सरकार ने बैटरी में आग लगने के मामलों की जांच के लिए एक अलग से स्पेशल कमेटी बनाई थी। इस स्पेशल कमिटी के रिपोर्ट के आधार पर ही MoRTH ने इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स, क्वाड्रिसाइकिल और फोर व्हीलर्स के लिए एआईएस 156 सेफ्टी स्टैंडर्ड में अपडेट भी जारी किया है।

कैटेगरी एम और एन में चार चक्कों वाली गाड़ियां भी आती हैं जिनका इस्तेमाल यात्रियों और सामनों के लिए किया जाता है। नये नियमों में बैटरी सेल, ऑन-बोर्ड चार्जर, बैटरी पैक का डिजाइन और इंटरनल सेल शॉर्ट – सर्किट से आग लगने के कारण थर्मल ट्रांसफर से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा को भी शामिल किया गया है। नये नियमों का नोटिफिकेशन EV मैन्युफैक्चर्स के लिए जारी कर दिया गया है।

ड्राइवर्स के लिए वॉर्निंग सिस्टम :

ड्राइवर्स के लिए वॉर्निंग सिस्टम : EV को सेल के थर्मल रनवे के मामले में थर्मल घटनाओं या गैसों का जल्द ही पता लगाने के लिए ऑडियो-विजुअल अलर्ट से इसे लैस किया जाएगा।

सेफ्टी फ्यूज :

सेफ्टी फ्यूज : EV में एक सेफ्टी फ्यूज भी अनिवार्य कर दिया गया है। ये ज्यादा गर्मी पैदा होने पर या हाई करंट फ्लो के मामले में पावरट्रेन से बैटरी को समाप्त कर देगा और तुरंत डिस्कनेक्ट भी कर देगा।

बैटरी सेल्स के बीच दूरी :

बैटरी सेल्स के बीच दूरी : EV में इस्तेमाल होने वाली बैटरी में 2 सेल्स के बीच की दूरी भी बढ़ाई जाएगी। रिचार्जेबल एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (RESS) में थर्मल रनवे जैसे स्थिति में गर्मी को निकलने में मदद करने और सेल्स को अलग करने में मदद करने के लिए भी पैनल द्वारा इसकी सिफारिश की गई हैं।

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