पंचायती राज विभाग के द्वारा पूर्व से प्रशिक्षित जिला स्तरीय प्रशिक्षक से नहीं लिया

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स्थित सभागार में पंचायत प्रतिनिधियों एवं कर्मियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण पंचायती राज विभाग के द्वारा संपन्न हुआ।
जिसमें राजगीर प्रखंड से पूर्व में जिला स्तरीय प्रशिक्षक रहे गोपाल शरण मेहता, रमेश कुमार पान, चंचल कुमारी से प्रशिक्षण नहीं दिलाया गया। पूछे जाने पर जिला स्तरीय प्रशिक्षक रमेश कुमार पान, गोपाल शरण मेहता एवं चंचल कुमारी ने कहा कि प्रशिक्षण के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है जबकि प्रशिक्षण देने के लिए सरकारी स्तर पर पंचायती राज विभाग के द्वारा साठ दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण 2009 में हमलोगों को दिया गया था । कई बार प्रशिक्षण का मौका भी मिला बावजूद हमलोग को प्रशिक्षण से दूर रखना अफसरशाही साफ झलकता है। 5 साल पर एक बार ही प्रशिक्षण देने का मौका मिलता था उससे भी बिहार सरकार व जिला प्रशासन ने हमलोगो को बंचित कर दिया। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री बिहार, पंचायती राज विभाग के मंत्री, जिला पदाधिकारी नालंदा एवं जिला पंचायती राज पदाधिकारी नालंदा को पत्र लिखा गया है साथ ही रमेश कुमार पान ने बताया कि इस मामले को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में भी आवेदन दिया गया है जरूरत पड़ी तो पंचायती राज विभाग बिहार सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का भी हमलोग काम करेंगे। वही चंचल कुमारी ने कहा कि हमलोग प्रशिक्षण के दरमियान ग्राम-सभा की अहमियत पर प्रकाश डालते थे लेकिन सरकार के उदासीन रवैया के कारण आज तक ग्राम-सभा को धरातल पर नहीं उतारा गया जिसके कारण पंचायत क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार है। इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक सभी पदाधिकारियों की मिलीभगत है। ब तक ग्राम सभा को धरातल पर नहीं उतारा जाएगा तब तक पंचायती राज का सपना साकार होना असंभव है।

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