ब्रिलियंट कान्वेंट के भव्य सभागार में रक्षाबंधन का त्यौहार की महत्ता पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया इस अवसर पर बच्चों ने काफी हर्ष उल्लास के माहौल में आनंद उठाया। आज रक्षाबंधन या राखी बंधन केवल भाई-बहन के बीच का ही माहौल होकर नहीं रह गया है वरन रक्षाबंधन देश की रक्षा पर्यावरण की रक्षा सामाजिक हितों की रक्षा तथा आपसी भाईचारा आदि के भेदभाव को बुलाकर सुमित एक धागे में पिरो कर संभालने की प्रक्रिया को रक्षाबंधन कहा जाने लगा है। यूं तो हम जानते हैं
कि रक्षाबंधन पर बहने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी है और तिलक लगाती है और उनसे अपनी रक्षा का संकल्प लेती है। राखी रक्षाबंधन की व्यापकता इससे भी कहीं ज्यादा है राखी बांधना भाई-बहन के बीच का कार्यकलाप केवल नहीं रह गया है। इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन डॉ शशि भूषण कुमार ने बताया कि हमारे देश में विभिन्न धर्म और संप्रदाय का मिलाजुला देश है। इस देश में हर साल सावन पूर्णिमा के दिन त्यौहार राखी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत ठीक है कैसा देश है
जहां पर यह पर्व मानवीय मूल्यों से भी बढ़कर लोग सेना के जवानों के लिए राखी डाक के द्वारा भेजना पेड़ पौधे में रक्षा सुंदर बांधना तथा विभिन्न धर्मावलंबियों के लोगों के बीच राखी बांधकर भाईचारा एवं प्रेम का रास्ता अपनाते हैं। हमारा देश भारत ही एक ऐसा देश है जो पुरानी परंपरा को आज भी हर्ष एवं उल्लास के साथ जीवंत रखे हुए हैं। विद्यालय में उपस्थित सभी शिक्षकों ने बल्कि सभी छात्राओं ने छात्रों के दाईं कलाई पर राखी एवं रक्षा सूत्र बांधने। जो विद्यालय का निरंतर पारंपरिक परंपरा रही है। कुछ छात्राओं ने विद्यालय के रूप गार्डन पर जाकर पौधों को भी रक्षा सूत्र से बांधे। विद्यालय के सभी शिक्षक गण इस रक्षाबंधन के आयोजन को मिलजुल कर और खूबसूरत बनाया। जिसमें सर्व श्री रंजय कुमार सिंह किशोर कुमार पांडे विजय कुमार आनंद कुमार सृष्टि मैम नाजिया मैम निशा मेम अंकिता मैम तथा राजकुमार सिंह एवं सोनम मैं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और इस कार्यशाला को सुशोभित किया। धन्यवाद