पिछले 18 नवंबर को बेना थाना क्षेत्र इलाके के चुरावन बीघा चौक के समीप ओवरब्रिज का गाटर गिरने से एक मजदूर की दर्दनाक मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। गौरतलब है कि रजौली से लेकर बख्तियारपुर तक फोरलेन सड़क के निर्माण को लेकर कई जगह पर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसी ओवरब्रिज के निर्माण कार्य के दौरान गाटर गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद ओवरब्रिज के गुणवत्ता पर ग्रामीणों के द्वारा सवाल भी खड़े किए गए थे और हंगामा भी किया गया था। जिसके बाद नालंदा जिलाधिकारी शशांक शुभंकर को हस्तक्षेप करना पड़ा और इसके जांच के लिए चिट्ठी लिखी गई।
बुधवार को दिल्ली की 3 सदस्य केंद्रीय टीम चुरावन विगहा हादसे की जांच करने के लिए घटनास्थल पर पहुंची। केंद्रीय टीम आने को लेकर पूर्व से ही एनएचएआई के द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई थी। हालांकि दिल्ली से आई हुई केंद्रीय टीम ने करीब डेढ़ घंटो तक घटनास्थल की बारीकियों से जांच की।
उसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए केंद्रीय टीम में शामिल पदाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि अभी तो सिर्फ हमारे द्वारा इस हादसे की जांच की गई है इसे बारीकियों से देखने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। गुणवत्ता के सवाल पर केंद्रीय टीम ने चुप्पी साध ली और कहा कि मामला चाहे जो भी हो पूरी जांच प्रक्रिया के बाद ही इसके ऊपर कुछ भी कहा जा सकता है और कार्रवाई भी की जा सकती है कहा जा सकता है कि केंद्रीय टीम बोलने से सीधे तौर पर बचते नजर आई।