RCP सिंह ने जदयू से दिया इस्तीफा, नई पार्टी बनाने का दिया संकेत, JDU ने भेजा था नोटिस

लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह ने जदयू की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत दिया है. इससे पहले सुबह ही पार्टी ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. जदयू ने आरसीपी सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है. जेडीयू का आरोप है कि आरसीपी सिंह ने पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम कर दी. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

अपने ऊपर गंभीर लगने के बाद आरसीपी सिंह ने जदयू की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत दिया है. आरसीपी सिंह ने कहा कि साजिश के तहत आरोप लगाया गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कार्यकर्ताओं से भी साथ चलने का आह्वान किया है. आरसीपी सिंह ने कहा कि JDU डूबता हुआ जहाज है. जदयू में अब बचा क्या है, अब तक जदयू का झोला उठाकर क्या करूंगा. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू सिर्फ गणेश परिक्रमा करने वालों की ही पार्टी बनकर रह गई है.

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आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि राज्यसभा टिकट काटे जाने से पहले उन्होंने बात तक नहीं की. कोई कटसी भी नहीं निभाई, यह कहने की कि आपका टिकट काटा जा रहा है. आरसीपी सिंह ने कहा कि बार-बार यह कहा जा रहा था कि राज्यसभा में आरसीपी सिंह के दो टर्म हो चुके हैं. तो मैं पूछता हूं कि यह नियम तो और लोगों पर भी लागू होता है. सीएम नीतीश का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि खुद कितने टाइम से रह रहे हैं. नियम तो सभी पर बराबर लागू होगा.

आरसीपी सिंह ने कहा कि मैंने सारी बातों पर सोच-विचार कर फैसला किया है. फिलहाल मैं मीडिया के माध्यम से इस्तीफा देने की घोषणा करता हूं, इसके तुरंत बाद में पार्टी को पत्र भी भेज दूंगा. मैंने पिछले कई महीनों से देखा है कि पार्टी में अब कुछ नहीं बच गया है. पार्टी में एक कार्यक्रम तक नहीं हो रहा. पिछला कार्यक्रम मैंने पिछले वर्ष 4 जुलाई को किया था. पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या हाल बना कर रखा गया. आरसीपी सिंह ने कहा कि बिना कुछ सोचे-समझे पार्टी ने मुझे पत्र भेज दिया, मुझसे व्यक्तिगत रूप से पूछा भी जा सकता था. मगर पार्टी ने ऐसा नहीं किया.

बता दें कि जदयू के कोटे से केन्द्र में मंत्री रहे आरसीपी सिंह को कुछ वक्त पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. दरअसल पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया और उनका कार्यकाल खत्म हो गया था. इतना ही नहीं वो पार्टी में लंबे समय से उपेक्षित भी थे. अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में उन पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया. ये उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश थी. राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल से इनकार से उनका मंत्री पद भी चला गया और पार्टी में उनके करीबी समझे जाने वाले नेताओं को बाहर कर दिया गया.

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