कलश स्थापन के साथ सोमवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो गयी। इसी के साथ मां शेरावाली की पूजा में हर कोई लीन हो गये। वैदिक मंत्रोच्चार और शंख ध्वनि से चहुंओर भक्तिमय हो गया। शहर व गांव के पूजा पंडालों और देवी मंदिरों में दुर्गासप्तशती के श्लोक ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ ’ गूंजने लगा। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना की गयी।