उर्दू वाद विवाद प्रतियोगिता में नालंदा कॉलेज के छात्रों ने जीता कई पुरस्कार

बिहार सरकार के उर्दू निदेशालय, मन्त्रिमण्डल सचिवालय विभाग के निर्देशानुसार नालन्दा समाहरणालय के उर्दू भाषा कोषांग के द्वारा आयोजित उर्दू वाद- विवाद प्रतियोगिता में नालंदा कॉलेज के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में नालन्दा जिला के विभिन्न कॉलेज एवं मदरसों के छात्र छात्राओं ने भाग लिया।

स्नातक तथा समकक्ष स्तर के वाद-विवाद प्रतियोगिता का बिषय ‘उर्दू ग़ज़ल मक़बूलियत के अस्बाब’ था। इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय तीनो स्थान नालन्दा कॉलेज के छात्र छात्राओं ने प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की। मो० आसिफ, बी०ए० उर्दू आनर्स द्वितीय वर्ष के छात्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। शबिस्ता परवीन, बी०ए० उर्दू आनर्स, प्रथम बर्ष की छात्रा ने द्वितीय तथा ज़ेबा आफ़रीन, बी०ए० उर्दू आनर्स प्रथम बर्ष की छात्रा ने तृतीय स्थान अर्जित किया।

इनाम के तौर पर प्रथम पुरस्कार के लिए मो० आसिफ को 6500/- की नगद राशि, शबिस्ता प्रवीण को द्वितीय पुरस्कार के लिए 5500/- की नगद राशि तथा तृतीय स्थान के लिए ज़ेबा आफ़रीन को 4500/- नगद राशि प्रदान की गई। साथ ही तीनो विजेताओं को मेडल तथा सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया। इंटरमीडिएट स्तर के वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय ‘उर्दू जबान की अहमियत’ था।

इस प्रतियोगिता में नालन्दा कॉलेज बिहार शरीफ की इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष की छात्रा बुसरा शफीक ने तृतीय स्थान प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की। इनाम के तौर पर 3500 की नगद राशि, मेडल तथा सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। नालन्दा कॉलेज के प्राचार्य डॉ० रामकृष्ण परमहंस तथा उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० शाहिदुर्रहमान ने सभी विजेताओं को मुबारकबाद दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि उर्दू बिहार की दूसरी सरकारी भाषा है, और बिहार सरकार इसके उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए कॉलेज भी उर्दू विभाग के छात्र छात्राओं के लिए लगातार प्रयास करता है। बिहार सरकार का यह कदम बहुत ही सरहानीय है।

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