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  • बिहारशरीफ में NIA की बड़ी रेड.. जानिए कहां और किसे तलाश रही है?

    इस वक्त एक बड़ी ख़बर बिहारशरीफ से आ रही है । जहां तीन इलाकों में एक साथ NIA की टीम ने छापेमारी की है । जिसके बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है । बताया जा रहा है कि आतंकियों की तलाश में NIA की टीम यहां आई थी। जो आतंकियों के लिए स्लीपर सेल का काम करती है।

    कहां कहां रेड
    NIA की टीम अचानक बिहारशरीफ पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से शहर के तीन मोहल्लों में छापेमारी की। NIA की करीब 5 घंटे तक छापेमारी की । सोहसराय थाना क्षेत्र के महुआ टोला, बिहार थाना क्षेत्र के कटरा पर और गढ़पर मोहल्ले में भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में NIA की टीम ने छापेमारी की ।

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    किसके किसके घर की तलाशी
    NIA की टीम ने तीन लोगों के घरों की तलाशी और आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ की। जिन तीन लोगों के घरों में छापेमारी हुई है उसमें सोहसराय के महुआ टोला के रहने वाले मो. फैज, बिहार थाना क्षेत्र के कटरापर नदीपर मोड़ के मो. असगर अली और गढ़पर के लाल बाबू उर्फ़ मो. सिराज शामिल हैं।

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    क्यों हुई छापेमारी
    दरअसल, सोहसराय के महुआ टोला के रहने वाले मो. फैज,कटरापर नदीपर मोड़ के रहने वाले मो. असगर अली और गढ़पर के लाल बाबू उर्फ़ मो. सिराज तीनों SDPI संगठन से जुड़े हैं । इन तीनों पर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप है । दरअसल, इनका नाम पटना के फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल में भी आया था। जिसकी जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने NIA को सौंपी है।

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    छापेमारी में क्या मिला
    NIA के डीएसपी मो. नैयर के नेतृत्व में तीनों ठिकानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान NIA को कई दस्तावेज मिले हैं। लेकिन तीनों में से किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

    नालंदा का नाम बदनाम
    आतंकी गतिवधियों में नालंदा का नाम पहली बार आया है । इससे पहले सीमांचल, दरभंगा और पटना जिले के मुस्लिम इलाकों का नाम आता रहा है। लेकिन नालंदा जिला का नाम अछूता रहा था। लेकिन पहली बार नालंदा में NIA की रेड पड़ी है।

  • रेलवे ट्रैक पर मिली बिहारशरीफ के युवक की लाश.. हत्या, हादसा या खुदकुशी ?

    राजगीर-बख्तियारपुर रेलखंड पर एक युवक की लाश मिली है। सिर कटी लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। लाश मिलने की खबर आस-पास के गांव में जंगल की आग की तरह फैली। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ इक्ट्ठा हो गई. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना नालंदा पुलिस को दी ।

    कहां मिली लाश ?
    बख्तियारपुर-राजगीर रेलखंड पर पावापुरी हॉल्ट के पास एक युवक की लाश क्षत-विक्षत हालत में मिली है। धड़ से सिर अलग है। बताया जा रहा है कि जब लोग खेतों में काम के लिए घरों से निकले तो किसी की नजर युवक की लाश पर पड़ी। जिसकी सूचना बिहार शरीफ रेल जीआरपी और स्थानीय दीपनगर थाना पुलिस को दी गई।

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    मृतक की पहचान हुई
    युवक की लाश क्षत विक्षत अवस्था में थी ऐसे में शव की पहचान करना मुश्किल हो रहा था। हालांकि बाद में शव की पहचान कर ली गई । मृतक का नाम मुरारी कुमार है और वो दीपनगर थाना क्षेत्र के गुलनी गांव के रहने वाले नंदू महतो का बेटा था।

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    बिहाशरीफ में रहता था
    मुरारी कुमार बिहारशरीफ के लहेरी थाना क्षेत्र के मेहरपर मोहल्ले में किराए के कमरे में रहता था। बताया जा रहा है कि वो कंचनपुर में मोबाइल की दुकान चलाता था।

    रोजाना कंचनपुर जाता था
    परिवारवालों के मुताबिक मुरारी रोजाना बिहार शरीफ से सुबह सुबह कंचनपुर जाता था। जहां दिन भर मोबाइल दुकान पर काम करने के बाद शाम में लौटकर बिहारशरीफ आ जाता था. लेकिन मंगलवार की शाम से वो अपने कमरे पर नहीं लौटा।

    मौत पर सस्पेंस बरकरार
    मुरारी की मौत कैसे हुई है। इस पर सस्पेंस बरकरार है । कोई इसे हत्या बता रहा है, तो कोई इसे हादसा करार दे रहा है। तो वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि युवक ने खुदकुशी की है ।

    पुलिस का क्या है कहना
    दीपनगर के थानाध्यक्ष मो.मुस्ताक ने नालंदा लाइव से बातचीत में कहा कि परिजनों के द्वारा अभी तक लिखित आवेदन नहीं दिया गया है । ये सुसाइड है या हत्या इसकी जांच की जा रही है। लेकिन शव को देखने से प्रतीत होता है कि युवक की मौत ट्रेन से गिरने से हुई है

  • बिहारशरीफ में सड़क हादसे में युवक की मौत… पहनने की जगह बाइक में लटका था हेलमेट

    बिहारशरीफ में सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवक बाइक से जा रहा था और हेलमेट पहनने की जगह बाइक में लटका हुआ था। माना जा रहा है कि अगर वो हेलमेट पहने रहता तो शायद जान बच जाती।

    कहां हुआ हादसा
    हादसा बिहारशरीफ के मामू भगिना के पास NH 20 पर हुआ है। परिजनों के मुताबिक युवक अपनी बाइक से बाईपास होते हुए बिहार शरीफ बाजार जा रहा था। तभी अज्ञात वाहन से उसके बाइक की टक्कर हो गई । जिसमें उसकी मौत हो गई।

    मृतक की पहचान हुई
    मृतक की पहचान सोहडीह गांव के रहने वाले दिनेश कुमार के रूप में हुई है। 30 साल का दिनेश बिहार शरीफ के सलेमपुर स्थित प्राइवेट कॉलेज में लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत था।

    जांच में जुटी पुलिस
    हादसे के बाद कुछ देर के लिए बाईपास पर जाम लग गया । हालांकि पुलिस ने जाम को हटवाया और शव का पोस्टमार्टम कराकर परिवार वालों को सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई और उस वाहन की तलाश करने की कोशिश कर रही है । जिससे दिनेश की बाइक को टक्कर लगी थी।

  • नालंदा में खुदाई मिले दो हजार साल पुराने दुर्लभ अवशेष.. मिलेगी नई जानकारी

    शिक्षा नगरी नालंदा में दो हजार साल से ज्यादा पुराने अवशेष मिले हैं । इन अवशेषों को दुर्लभ माना जा रहा है। जिसमें शिवलिंग भी शामिल हैं । खुदाई में मिले शिवलिंग को ग्रामीण अपने साथ ले गये और शिवमंदिर में स्थापित कर दिया।

    कहां हुई खुदाई
    विश्व धरोहर की सूची में शामिल नालंदा खंडहर के पास तालाब की खुदाई की गई । जिसमें कई संरचनाएं मिली हैं। ये संरचना पालकालीन हो सकती है। चर्चा है कि नालंदा विश्वविद्यालय के समय यहां तालाब और सीढ़ियां थी। शिक्षक और छात्र यहां स्नान करते थे। तालाब की खुदाई गलत तरीके से की जा रही थी।

    ASI ने रुकवा दी थी खुदाई
    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसकी सुरक्षा के लिए बाउंड्री बनवाने का आदेश दिया है।एएसआई के मुताबिक ये यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का बफर जोन है। जिसमें खुदाई के लिए राज्य कला और संस्कृति विभाग से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना पड़ता है। लेकिन, तालाब की खुदाई करवा रही कार्य एजेंसी ने ऐसा नहीं किया। बल्कि चोरी चुपके रात में खुदाई होती रही

    खुदाई में क्या-क्या मिले
    खुदाई में शिवलिंग समेत कई प्राचीन और दुर्लभ अवशेष मिले हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि रात को छिपकर खुदाई की जाती थी। यहां मिले कई प्राचीन अवशेषों को लोग ट्रैक्टर पर लादकर ले गये हैं। खुदाई में मिले शिवलिंग को ग्रामीण अपने साथ ले गये और मोहनपुर गांव के शिवमंदिर में स्थापित कर दिया। इसी प्रकार अन्य अवशेष भी इधर-उधर कर दिया गया।

    विश्व धरोहर है नालंदा खंडहर
    नालंदा खंडहर को 15 जुलाई 2016 को यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 450 ई. में कुमारगुप्त ने की थी। 780 सालों तक यह बौद्ध धर्म, चिकित्सा, गणित, वास्तु आदि विषयों की पढ़ाई का केन्द्र बना रहा। भारत के अलावा दूसरे देशों से भी छात्र यहां पढ़ाई करने आते थे। यहां 10 हजार छात्र थे। उन्हें पढ़ाने के लिए दो हजार शिक्षक थे।

    खिलजी ने लगा दी थी आग
    1199 ई. में तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने इसे नष्ट कर दिया। कहते हैं कि यहां इतनी किताबें थी कि तीन महीने तक आग धधकती रही।

  • नालंदा में चार अंतरजिला अपराधी गिरफ्तार, जानिए, निशाने पर कौन थे ?

    नालंदा पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। बुजुर्ग और गांव के सीधे सादे लोगों को निशाना बनाने वाले चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है । ये चारों अंतरजिला अपराधी हैं। पूछताछ में चारों अपराधियों ने कई बड़े खुलासे किये हैं।

    कहां से हुई गिरफ्तारी
    चारों बदमाशों को सरमेरा से गिरफ्तार किया गया है। बिहारशरीफ सदर के डीएसपी डॉ. शिब्ली नोमानी ने बताया कि सरमेरा थाना पुलिस क्षेत्र में गस्ती कर रही थी। तभी थानाध्यक्ष को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग पंजाब नेशनल बैंक के पास घूम रहे हैं। जो बैंक से पैसा निकालने वालों से ठगी का काम करते हैं। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है ।

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    पूछताछ में कई खुलासे
    पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि बैंक से पैसा निकाल कर जो ग्राहक बाहर निकलते थे उन्हें ज्यादा पैसा देने के नाम पर या अन्य प्रलोभन झांसा देकर उसके रुपए ले लेते थे तथा अपना बनाया हुआ रुपया और कागज का बंडल दे देते थे।

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    कैसे बनाते थे निशाना
    ये गिरोह वैसे लोगों को अपना शिकार बनाता है जो इनके लालच में फंस जाए। खास कर पेंशनधारी या लाचार बुजुर्ग को। बेहद ही ग्रामीण वेशभूषा में बदमाश पहले से बैंको के पास खड़ी रहते हैं और यह कहकर भोले भाले और बुजुर्ग लोगों को ठगने का काम करते हैं कि वो अपने मालिक के यहां से पैसे चोरी कर लाया है। वह जो रुपए बैंक से निकाल कर लाए हैं। वो उसे दे दें और रुपये के बंडल को तत्काल ले जाकर अपने अकाउंट में जमा कर लें। उसके बाद मौके से बदमाश फरार हो जाते थे। जब रुपये से भरा बंडल खोला जाता था तो ठगी का एहसास होता था।

    अपराधियों के पास बंडल बरामद
    अपराधियों के पास से रुमाल में लपेटा हुआ कागज के दो बंडल मिले हैं। जिसके सबसे ऊपर 500 रुपए का सही नोट रखा हुआ. इसी बंडल को दिखाकर बैंक के ग्राहकों को अत्याधिक रुपया देने का लालच देकर इस गिरोह के द्वारा ठगी की घटना को अंजाम दिया जाता था। इनके पास से एक इंडिगो कार,मोबाइल फोन और बैंक में रुपया जमा निकासी की पर्ची भी बरामद की गई है ।

    कौन कौन गिरफ्तार
    पकड़े गए सभी आरोपी पटना जिला के रहने वाले हैं । जिसमें कंकड़बाग थाना क्षेत्र के जगनपुरा निवासी प्रमोद सहनी, फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र के आलमपुर गोनपुरा निवासी प्रमोद राम, हिंदूनी निवासी दिनेश राय, आलमपुर गोंनपुरा निवासी विशाल कुमार शामिल है।

    छापेमारी टीम में कौन कौन
    छापेमारी टीम में सदर डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी के अलावा सरमेरा थाना अध्यक्ष विवेक राज और दारोगा राकेश कुमार शामिल थे।डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के लालच या प्रलोभन में फंसकर अपना समय और धन ना गवाएं। साथ ही साथ बैंकों में अनजान लोगों से किसी भी प्रकार की मदद ना लें