Tag: ब्रेकिंग न्यूज़

  • हिलसा सूर्यमंदिर छठ घाट को दिया फ़ाइनल टच

    हिलसा ( नालंदा ) नगर परिषद क्षेत्र के सूर्यमंदिर तालाब स्थित ऐतिहासिक छठ घाट की सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं शुक्रवार को नहाय- खाय के दिन नगर कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार एवं ब्रांड ऐंबेसडर सह समाजसेवी डा. आशुतोष कुमार मानव ने बारीकी से साफ़ सफ़ाई एवं बैरीकेटिंग का जायज़ा लिया तथा कर्मियों से हर तरह की आवश्यक ज़रूरतों को शीघ्र पूरा करने सम्बन्धी निर्देश दिए .

    इस दौरान विभिन्न जगहों पर महत्वपूर्ण घेराबंदी के साथ साथ वाच टॉवर का निर्माण पूरा कर लिया गया है . वहीं रोशनी , चेंजिंग रूम, डस्टबीन आदि का भी प्रबंध कर लिया गया है . घाट का स्वरूप निखरे इसके लिए उपयुक्त मात्रा में मोटर से पानी भरकर ख़ासकर उसकी साफ़ – सफ़ाई पर विशेष ध्यान दिया गया है . निरीक्षण के दौरान कर्मियों को निर्देश दिया गया कि जहां जहां जल स्तर अधिक है वहाँ विशेष इंतेजाम किए जाएँ. गोताखोरों के एक दल को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं . इस मौक़े पर अलबेला प्रसाद, मिथलेश कुमार, राहुल कुमार, परमानंद सिंह , रंज़ीत कुमार, अनिल गुप्ता, अभिषेक कुमार , संजीव कुमार समेत नगर परिषद के कई कर्मी एवं अधिकारी उपस्थित थे .

  • आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा नालंदा जिला में धूमधाम से मनायी

    कायस्थों के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा नालंदा जिला में धूमधाम से मनायी गयी। शहर के भरावपर स्थित मंदिर में श्री चित्रगुप्त भगवान की पूजा वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ। इस अवसर पर कायस्थ परिवारों ने बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भरावपर स्थित चित्रगुप्त मंदिर में आकर पूजा अर्चना की।

    उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भगवान चित्रगुप्त से विनती है कि राज्य में अमन चैन शांति भाईचारा कायम रहे। बिहार राज्य तरक्की करें। ऐसी मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त मनुष्यों के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं। इस दिन कायस्थ परिवारों ने कलम और दवात की पूजा की। चित्रगुप्त भगवान को यमराज का सहयोगी माना जाता है।

  • देंक़पुरा गांव स्थित मगराही तालाब का किया गया साफ सफाई।

    रहुुई।छठपूजा को देखते हुए जहां जिला प्रशासन छठ घाट की साफ-सफाई को लेकर मुस्तैद दिखाई दे रही है वही रहुई प्रखंड के अंबा पंचायत के मुखिया सुशीला देवी एवं मुखिया प्रतिनिधि सह बीजेपी जिला महामंत्री अविनाश मुखिया के द्वारा भी अपने पंचायत के छठघाटों की साफ-सफाई को लेकर काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं, तभी तो पिछले 15 दिनों से जिन छठघाट पर गंदगी का अंबार या फिर यूं कहें कि जिस छठघाट पर आधा अधूरा निर्माण कार्य हुआ हो उसे छठघाट का निर्माण कार्य भी मजदूरों के द्वारा करवाया जा रहा है। बात अगर अंबा पंचायत के मंगराही तालाव की करें तो यह मंगराही तलाव ऐसा छठघाट है जहां हजारों की संख्या में छठव्रती महिलाएं अर्ध्य देने के लिए आती हैं छठघाट पर गंदगी का अंबार और मंगराही तालाब छठघाट में पानी में गंदगी को देखते हुए पूर्व में ही पूरे पानी की उड़ाई की गई थी। उसके बाद ट्यूबेल के सहारे इसमें साफ पानी भरने की भी कवायद की जा रही है पिछले कई दिनों से लगातार मगराही तलाव छठघाट में साफ-सफाई एवं ट्यूबवेल के सहारे साफ पानी भरा जा रहा है। बुधवार को अंबा पंचायत मुखिया प्रतिनिधि एवं भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री अविनाश मुखिया एवं पंचायत के लोगों के द्वारा छठघाट के सीढ़ियों की साफ सफाई की गई।बीजेपी नेता अवनाश मुखिया खुद साफ सफाई की जिम्मेदारी को उठाते हुए साफ सफाई में जुटे हुए नजर आए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि छठपूजा को लेकर सीढ़ियों की साफ सफाई की जा रही है एवं पानी में ब्लीचिंग पाउडर भी डाला जाएगा ताकि पानी पूरी तरह से अर्ध्य देने लायक बन जाए। उन्होंने कहा कि छठ पूजा के पहली अर्ध्य और दूसरी अर्ध्य के दिन नाव की व्यवस्था की जाएगी ताकि पूजा के दौरान अगर किसी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो गोताखोर की मदद से उसे बचाया जा सके। उन्होंने इस व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन से मुलाकात भी की है। इस साफ-सफाई के मौके पर अम्बा पंचायत के श्रवण सिंह मनोज सिंह धनंजय कुमार धर्मेंद्र प्रसाद तरुण सिंह विकास कुमार विजय रविदास राजेश रविदास पवन सिंह रंजीत सिंह तथा अन्य ग्रामीणों ने मिलकर छठ घाट का सफाई करने में श्रमदान दिया।

  • पलायन की समस्या सबसे बड़ी, स्वास्थ और शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है

    प्रशांत किशोर ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा के 200 किमी पूरे कर लिए। इस मौके पर बगहा के पतिलार स्थित पदयात्रा कैंप में उन्होंने मीडिया से बातचीत की। अबतक के पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि वे पदयात्रा में रोज लगभग 15-20 किलोमीटर पैदल चलते हैं और जब 10-16 पंचायतों का भ्रमण हो जाता है, तब एक जगह रुकते हैं। ताकि जिन पंचायतों से पदयात्रा गुजरी है, वहां के स्थानीय जन समस्याओं पर लोगों से मिलकर उसे सुन व समझ कर उसे संकलन कर पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना सकें।

    पलायन सबसे बड़ी समस्या, शिक्षा, स्वास्थ व्यवस्था और ग्रामीण सड़कों की हालत बेहद खराब, बिजली के बिल से परेशान है ग्रामीण जनता: प्रशांत किशोर जन सुराज पदयात्रा के दौरान सामने आई समस्याओं का ज़िक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब पदयात्रा गांवों से गुजर रही है तो उन्हें ज्यादातर महिलायें, बच्चे और बुजुर्ग ही गांवों में मिलते हैं। यह साफ़ दिखता है कि पलायन ने विकराल रूप ले लिया है। गांवों के 70 प्रतिशत युवा रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जा चुके हैं। शिक्षा व्यवस्था का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है, स्कूल की बिल्डिंग, शिक्षक और छात्र तीनों का समायोजन कहीं देखने को नहीं मिलता है। जहां बिल्डिंग है, वहां शिक्षक और छात्र नहीं हैं, जहां छात्र हैं वहां शिक्षक और बिल्डिंग नहीं है।

    ग्रामीण सड़कों का हाल भी लालू राज जैसा ही है, जैसे ही आप स्टेट और नेशनल हाईवे छोड़ कर ग्रामीण सड़कों पर आएंगे, आपको पता लगेगा की ग्रामीण सड़कों की स्थिति कितनी बेहाल है। प्रशांत किशोर ने कहा की जल्द हीं वह एक वीडियो भी जारी करेंगे जिसमे 200 किलो मीटर पदयात्रा के दौरान मिली ख़राब सड़कों का हाल दिखाया जायेगा। बिजली बिल की समस्या का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा की बिजली तो पहुंच गई है मगर लोग बिल से परेशान हैं। खुले में शौच की समस्या को गंभीर बताते हुए उन्होंने कहा कि ODF केवल कागजों पर हैं, जमीन पर स्थिति इसके ठीक उलट है।

    चंपारण में बारिश के पानी से आने वाले बाढ़ का ज़िक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा की बारिश के पानी से खेती का बहुत नुकसान होता है। सरकारी परिभाषा के अनुसार 3 दिन तक अगर पानी रुकता है तो उसे बाढ़ माना जाता है। लोगों ने बताया कि ऐसे 60-62 छोटी नदियां हैं, जिसमें नेपाल से बारिश का पानी आता है और कई गांवों को प्रभावित कर चला जाता है। पत्थर बालू की समस्या का ज़िक्र करते प्रशांत किशोर ने वन राज्य अधिनियम को लागू नहीं करने या आंशिक रूप से लागू होने से आने वाली परेशानियों का भी ज़िक्र किया। प्रशांत किशोर ने वृद्धा पेंशन के पैसे मिलने में आने वाली चुनौतियों का ज़िक्र किया साथ ही उन्होंने ने दलित और महदलित समाज की बदहाली पर बात करते हुए कहा कि बिहार में दलित-महादलित के नाम पर राजनीति हो रही है, मगर ज़मीनी स्तर पर हालात बेहद खराब है।

  • रंगोली दिये आतिशबाजी एवं मिठाई के साथ मनी दिवाली

    नालंदा कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना के तरफ दीपावली के अवसर पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया। प्रकाश के इस पर्व के अवसर पर परिसर में साज सज्जा की गई एवं लोगों के बीच मिठाईयाँ बांटी गयी। एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बिनीत लाल ने कहा की कॉलेज में छात्रों ने पूरे उत्साह के साथ आयोजन में भाग लिया।

    पूरे परिसर को पिछले सात दिनों में इनलोगों ने सफाई की। हमारे जीवन में दिवाली का महत्व यह है कि यह हमें जीवन की एक नई दिशा की ओर ले जाती है। चूंकि यह प्रकाश का त्यौहार है इसलिए रंगोली के साथ दिये से भी सजावट की गयी। डॉ लाल ने कहा की दीया ज्ञान, विश्वास, सद्भाव, संतुष्टि, सफलता, भलाई और सच्चाई का प्रतीक है।

    प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा की इसमें अँधेरे को दूर कर प्रकाश किया जाता है एवं हमें इसी तरह अपने अन्दर के बुराईयों के अन्धकार को धो कर अपने अन्दर अनुशासन सत्य और सदाचार रुप प्रकाश करते रहना चाहिए।

    उन्होंने कहा की एनएसएस के इस पहल से निश्चित रूप से कॉलेज समुदाय में एक सकरात्मक ऊर्जा आयेगी। इस अवसर पर शामिल बीएड विभाग की संगीता कुमारी एवं उर्दू विभाग के डॉ शाहिदुर् रहमान ने भी कॉलेज परिवार को दिवाली की शुभकामनाएं दी। दीपोत्सव को आयोजित करने में शामिल सुभाषनी, सौम्या, शिशुपाल, कृजीत, पीयूष, सोनी, राजरंजन, ज्योति, अंकित आदि छात्रों ने कहा की कॉलेज में इस तरह का यह पहला आयोजन है और सभी लोगों ने पूरे उत्साह के साथ इसमें भाग लिया। सभी शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने इस आयोजन के लिए एनएसएस को धन्यवाद दिया।

  • जंग-ए-आजादी के महानायक अशफाक उल्ला खां की 122 वीं जयंती पर विशेष

    राकेश बिहारी शर्मा – कई क्रांतिकारियों के नाम जोड़े में लिए जाते हैं जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और राजगुरू। ऐसा ही एक और बहुत मशहूर जोड़ा है रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां का। इसका आशय सिर्फ ये नहीं कि काकोरी कांड में यही दोनों मेन आरोपी थे। बल्कि इसका आशय था कि दोनों एक-दूसरे को जान से भी ज्यादा चाहते थे। दोनों ने जान दे दी, पर एक-दूसरे को धोखा नहीं दिया। रामप्रसाद बिस्मिल के नाम के आगे पंडित जुड़ा था। वहीं अशफाक थे मुस्लिम, वो भी पंजवक्ता नमाजी। पर इस बात का कोई फर्क दोनों पर नहीं पड़ता था। क्योंकि दोनों का मकसद एक ही था। आजाद मुल्क। वो भी मजहब या किसी और आधार पर हिस्सों में बंटा हुआ नहीं, पूरा का पूरा। इनकी दोस्ती की मिसालें आज भी दी जाती है। अशफाक उल्ला खां तो भारत के प्रसिद्ध अमर शहीद क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है। वे उन वीरों में से एक थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। अपने पूरे जीवन काल में अशफाक, हमेशा हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्षधर रहे।

    अशफाक उल्ला खां का जन्म और पारिवारिक व सामाजिक जीवन

    अशफाक उल्ला खां का जन्म 22 अक्टूबर 1900 ई. में उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर स्थित शहीदगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद शफीक उल्ला खान और उनकी मां का नाम मजहूरुन्न्िानशां बेगम था। ये अपने माता-पिता के छह संतानों में से सबसे छोटे थे। इनके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे। वे पठान परिवार से ताल्लुक रखते थे और उनके परिवार में लगभग सभी सरकारी नौकरी में थे। बाल्यावस्था में अशफाक का मन पढ़ाई में नहीं लगता था। बल्कि उनकी रुचि तैराकी, घुड़सवारी, निशानेबाजी में अधिक थी। बाल्यावस्था में वे उभरते हुए शायर के तौर पर पहचाने जाते थे। पर घर में जब भी शायरी की बात चलती, उनके एक बड़े भाईजान अपने साथ पढ़ने वाले रामप्रसाद बिस्मिल का जिक्र करना नहीं भूलते। इस तरह से किस्से सुन-सुनकर अशफाक रामप्रसाद के फैन हो गए थे। अशफाक उल्ला खां को कविताएं लिखने का काफी शौक था, जिसमें वे अपना उपनाम हसरत लिखा करते थे। 25 साल की उम्र में अशफाक ने अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर ब्रिटिश सरकार की नाक के नीचे से सरकारी खजाना लूट लिया था। इस कांड में राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को फांसी की सजा हो गई और सचिंद्र सान्याल और सचिंद्र बख्शी को कालापानी की सजा सुनाई गई थी। बाकी क्रांतिकारियों को 4 साल से 14 साल तक की सजा सुनाई गई थी।

    क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां को पढ़ने-लिखने में नहीं लगता था मन

    अशफाक उल्ला खां का बचपन से ही पढ़ने-लिखने में मन नहीं लगता था। उन्हें तैराकी करना, बंदूक लेकर शिकार पर जाना ज्यादा पसंद था। देश की भलाई के लिए किए जाने वाले आन्दोलनों की कथाओं / कहानियों को पढ़ने में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे। उन्होंने कई बेहतरीन कविताएं लिखीं थी। जिसमें वह अपना उपनाम हसरत लिखा करते थे। वह अपने लिए कविता लिखते थे, उन्होंने कभी अपनी कविताओं को प्रकाशित करवाने का कोई चेष्टा नहीं की। क्रांतिकारी उनकी लिखी कविताएं अदालत आते-जाते समय अक्सर ‘काकोरी कांड’ में गाया करते थे।

    अशफाक उल्ला खां का देश के क्रांतिकारियों से सम्पर्क

    जिस समय महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया था उस समय अशफाक उल्ला खाँ एक स्कूली छात्र थे। लेकिन इस आंदोलन का अशफाक पर काफी प्रभाव पड़ा जिसने इन्हें स्वतंत्रता सेनानी बनने के लिए प्रेरित किया। चौरी-चौरा की घटना के बाद, महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर भारत के युवाओं को निराशाजनक स्थिति में छोड़ दिया था। अशफाक उल्ला उनमें से एक थे। असफाक उल्ला खाँ ने जल्द से जल्द भारत को स्वतंत्र कराने की ठान ली थी और ये क्रांतिकारियों से जुड़ गए। देश में आजादी के किये चल रहे आंदोलनों और क्रांतिकारी घटनाओं से काफी प्रभावित अशफाक के मन में भी क्रांतिकारी भाव जागे और उसी समय मैनपुरी षड्यंत्र के मामले में शामिल रामप्रसाद बिस्मिल से हुई और वे भी क्रांति की दुनिया में शामिल हो गए। इसके बाद वे ऐतिहासिक काकोरी कांड में सहभागी रहे और पुलिस के हाथ भी नहीं आए। इस घटना के बाद वे बनारस आ गए और इंजीनियरिंग कंपनी में काम शुरू किया। उन्होंने कमाए गए पैसे से कांतिकारी साथियों की मदद भी की। काम के संबंध में विदेश जाने के लिए वे अपने एक पठान मित्र के संपर्क में आए, जिनके उनके साथ छल किया और पैसों के लालच में अंग्रेज पुलिस को सूचना देकर अशफाक उल्ला खां को पकड़वा दिया। उनके पकड़े जाने के बाद जेल में उन्हें कई तरह की यातनाएं दी गई और सरकारी गवाह बनाने की भी कोशिश की गई। परंतु अशफाक ने इस प्रस्ताव को कभी मंजूर नहीं किया। देश की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए हंसते−हंसते फांसी का फंदा चूमने वाले अशफाक उल्ला खान जंग−ए−आजादी के महानायक थे।
    शंखनाद के अध्यक्ष इतिहासकार डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह के अनुसार काकोरी कांड के बाद जब अशफाक को गिरफ्तार कर लिया गया तो अंग्रेजों ने उन्हें सरकारी गवाह बनाने की कोशिश की और कहा कि यदि हिन्दुस्तान आजाद हो भी गया तो उस पर हिन्दुओं का राज होगा तथा मुसलमानों को कुछ नहीं मिलेगा। इसके जवाब में अशफाक ने ब्रितानिया हुकूमत के कारिन्दों से कहा कि फूट डालकर शासन करने की अंग्रेजों की चाल का उन पर कोई असर नहीं होगा और हिन्दुस्तान आजाद होकर रहेगा। अशफाक ने अंग्रेजों से कहा था− तुम लोग हिन्दू−मुसलमानों में फूट डालकर आजादी की लड़ाई को नहीं दबा सकते। हिन्दुस्तान में क्रांति की ज्वाला भड़क चुकी है जो अंग्रेजी साम्राज्य को जलाकर राख कर देगी। अपने दोस्तों के खिलाफ मैं सरकारी गवाह बिल्कुल नहीं बनूंगा। अशफाक उल्ला खां के जीवन पर महात्मा गांधी का प्रभाव शुरू से ही था, जब गांधीजी ने ‘असहयोग आंदोलन’ वापस ले लिया तब उन्हें अत्यंत पीड़ा पहुंची थी। रामप्रसाद बिस्मिल और चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में 8 अगस्त, 1925 को क्रांतिकारियों की एक अहम बैठक हुई, जिसमें 9 अगस्त, 1925 को सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन काकोरी स्टेशन पर आने वाली ट्रेन को लूटने की योजना बनाई गई जिसमें सरकारी खजाना था।

    काकोरी कांड में ऐसे लूटा था सरकारी खजाना

    अशफाक उल्ला खां का मानना था की बिना हथियारों के क्रांति नहीं हो सकती इसलिए उन्हें हथियारों की सख्त जरूरत थी चूंकि हथियार खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इसी के तहत 8 अगस्त 1925 को शाहजहांपुर में क्रांतिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें उन लोगों ने ट्रेन से ले जाए जा रहे हथियार को खरीदने के बजाय उस सरकारी खजाने को लूटने का फैसला किया। अगले दिन यानि 9 अगस्त 1925 को राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला, राजेन्द्र लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह, शचीन्द्र बख्शी, चंद्रशेखर आजाद, केशव चक्रवर्ती, बनवारी लाल, मुकुन्दी लाल, मनमथनाथ गुप्ता समेत कई क्रांतिकारियों के समूह ने ककोरी गाँव में सरकारी धन ले जाने वाली ट्रेन में लूटपाट की थी। इस घटना को इतिहास में प्रसिद्ध काकोरी काण्ड के रूप में जाना जाता है। इस लूटपाट के कारण राम प्रसाद बिस्मिल को 26 सितंबर 1925 की सुबह पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। अशफाक उल्ला फरार हो गए थे। वह बिहार से बनारस चले गए और वहाँ जाकर उन्होंने इंजीनियरिंग कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने 10 महीने तक वहाँ काम किया। इसके बाद वह इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए विदेश जाना चाहते थे जिससे आगे चलकर उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में मदद मिल सके। अपने इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए वह दिल्ली भी गए। अशफाक उल्ला खां ने अपने जिन मित्रों पर भरोसा किया उन्हीं में से एक मित्र ने उनकी मदद करने का नाटक किया और धोखा दिया, उसने असफाक उल्ला खां को पुलिस को सौंप दिया। अशफाक उल्ला खाँ को फैजाबाद जेल में बन्द कर दिया गया। उनके भाई रियासतुल्लाह उनके वकील थे जिन्होंने इस मामले (केस) को लड़ा था। काकोरी काण्ड का मामला राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन को मौत की सजा देने के साथ समाप्त हुआ। जबकि अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अशफाक उल्ला खाँ को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी।

  • विद्यालय में कुल 3500 बच्चों को फलदार पौधा वितरण किया गया।

    आज रोटरी क्लब तथागत के द्वारा खंडकपर एक विद्यालय में कुल 3500 बच्चों को फलदार पौधा वितरण किया गया। क्लब अध्यक्ष रोटेरियन अनिल कुमार ने बताया कि बरसात के बाद ठंड का मौसम आ रहा है, ऐसे मौसम में पौधा लगाने का अच्छा समय होता है। यू तो क्लब के स्तर से पूरे वर्ष पौधा लगाने और वितरण का कार्य चलता रहता है। अभी पर्व के उपलक्ष्य में विद्यालयों में छुट्टियां हो रही है और बच्चे अपने घरों व गांव में फलदार पौधों को लगायेगें। पर्यावरण में शुद्धता के साथ भविष्य में फलों का भी आनंद ले सकेगें।

    इस कार्यक्रम में परियोजना निर्देशक रोटेरियन जोसेफ टी टी, रोटेरियन डॉ इंद्रजीत, रोटेरियन विश्व प्रकाश, रोटेरियन संजीव दास, रोटेरियन ई. अरविंद कुमार, रोटेरियन रूबी सिन्हा, सचिव रोटेरियन प्रमेश्वर महतो इंटरैक्ट क्लब के अध्यक्ष सपना कुमारी, सचिव अंशिका पाल, सह सचिव प्रणव कुमार एवं अन्य सदस्यों ने भाग लिया।

  • बुंदेलखंड में आयोजित हुआ महिला साक्षरता जागरूकता कार्यक्रम ।

    बुंदेलखंड में महिलाओं को साक्षर एवं सशक्त बनाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया इसमें महिलाएं एवं किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह जानकारी सुश्री गीता कौर ने दिया उन्होंने बताया शिक्षा ही एकमात्र ऐसा साधन है जिससे
    हम उन्नत खेती एवं परिवार की भलाई कर सकते हैं और अभी की जरूरत सभी के हाथों में मोबाइल हैं परंतु इसके माध्यम से होने वाले अकाउंट साइबर क्राइम धोखाधड़ी से बचाया जा सकता कि अपने अकाउंट का नंबर , ओटीपी, एटीएम नंबर, किसी को ना बताएं क्योंकि बैंक ये सभी जानकारी नहीं लेता। इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह द्वारा महिलाओं में स्वरोजगार के अवसरों को प्राप्त करने की विषय में जानकारी दी।

    जिले के, न्यूरिया, मसगांव, करगांव, कुमाउपुर, सिजनौड़ा, और गहरौली गांव में किसान संगोष्ठीयो का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य कृषकों, पशुपालकों को कृषि,पशुपालन, उद्यान विभाग और आजीविका सम्बन्धी की योजनाओं की जानकारी सम्बन्धित विभाग के विशेषज्ञों के द्वारा पहुंचना था।
    साथ ही पशुओं में फैली लंपी चर्म रोग के विषय में जानकारी दी गई और इसके बचाव के साथ लोगों में फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया गया।

    बाएफ संस्था द्वारा संचालित बुंदेलखंड महिला साक्षरता कार्यक्रम के तहत ग्राम सिजनौदा ब्लॉक मौदहा, हमीरपुर (यू.पी.) में किसान संगोष्ठी हुई जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. उपेंद्र सिंह जी(उप मुख्य चिकित्साधिकारी मौदहा)*, डॉ. विवेक कुमार (पशु चिकित्साधिकारी करहिया), हेमंत पंचाल ( पशु धन प्रसार अधिकारी बिगहना), ग्राम प्रधान प्रहलाद निषाद, श्री संजीव पटेल (उत्तर प्रदेश पुलिस), विनीत यादव (उत्तर प्रदेश पुलिस), सुरेश कुमार (लेखपाल) एस .के. सिंह (जिला प्रभारी, बायफ ) गीता कौर (फील्ड कोर्डिनेटर,बायफ) उपस्थित रहे, कार्यक्रम की शुरुआत मणिभाई देसाई जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर तथा दीप जलाकर की गई इसके पश्चात सभी उपस्थित अतिथि गणों का स्वागत कर बैठक की शुरुआत की गई सर्वप्रथम सुश्री गीता कौर द्वारा बुंदेलखंड महिला साक्षरता कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

    इसके पश्चात मुख्य अतिथि पशु प डॉ. उपेंद्र सिंह जी(उप मुख्य चिकित्साधिकारी मौदहा) ने किसानों को पशु पालन व लम्पी स्किन बीमारी से बचाव की जानकारी दी, इसी के साथ सेक्स सार्टेड सीमेंस से नस्ल सुधार के साथ होने वाले लाभ बताए। मौदहा से लेखपाल सुरेश कुमार ने कई योजनाओं के बारे में जानकारी दी । उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल सुश्री विनीता यादव द्वारा महिलाओं जागरूक किया घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, चाइल्ड लाइन, संबंधी हेल्पलाईन से अपनी शिकायत करने और उसकी गोपनीयता पर पूर्ण विश्वास दिलाया साथ ही साइबर क्राइम से बचाव की जानकारी दी।
    प्रहलाद निषाद (ग्राम प्रधान) द्वारा ग्राम में चल रहे कार्यक्रम के बारे महिलाओं और किसानों को योजना के साथ जोड़कर लाभ दिलाने का अश्वासन दिया ।

    अंत में सरिता (शिक्षिका) व हरिओम (पुरुष प्रेरक) के द्वारा समस्त ग्राम वासियों एवं मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम मे सहयोगी ऋतुराज त्रिपाठी , गोविंद पांचाल , शिवेंद्र प्रताप , अशोक कुमार , एवं कार्यक्रम संचालन श्यमनारायन द्वारा किया गया। वही ग्राम गहरौली, ब्लॉक मुस्कुरा, हमीरपुर में पशुपालन विभाग के सहयोग से बायफ संस्था द्वारा संचालित, बुंदेलखंड महिला साक्षरता कार्यक्रम के तहत कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया इस मौके पर संस्था के जिला प्रभारी एस के सिंह ने गाय की प्रजाति में फैल रही लंपी स्किन रोग के विषय में जानकारी दी और बचाव के तरीके व सावधानियां बताई।

    इसी क्रम में अपनी विदेशी गाय और भैंस में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से सेक्स सोर्टेड सीमेन से गर्भधान कराने की सलाह दी गई जिसमें 90% से अधिक मादा बच्चे पैदा होते हैं जिससे अन्ना प्रथा में रोक लगाई जा सके।
    साथ ही अपना जिला हमीरपुर जैविक जिला घोषित है तो प्रत्येक किसान को जागरूक किया गया कि अपनी खेती में ज्यादा खाद यूरिया डी.ए.पी. का इस्तेमाल करते हुए वर्मी कंपोस्ट खाद व कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करें जिससे मृदा को बंजर होने से बचाया जा सके और कृषि उत्पादन बढाया जा सके।

    वही तकनीकी और डिजीटल शिक्षा के साथ अक्षर और अंको का ज्ञान, को बढ़ाने और उसके सही प्रयोग की जानकारी लेने का माध्यम साक्षरता केन्द्र पर आने के लिए महिलाओं को सीखने आने के लिए कहा गया।
    बैठक में मुख्य अतिथि बाबूराम ग्राम प्रधान, गहरौली ने महिलाओं व किसान भाइयों को समझाया की खेती में ज्यादा खाद ना डालें अपनी आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ लगा दी जा सके और गायों को अन्ना ना छोड़े बांध कर पशुओं को खिलाने की आदत डालें।

    वही महिला साक्षरता केंद्र कुम्हऊपुर में महिला साक्षरता कार्यक्रम के तहत कृषक गोष्टी का आयोजन हुआ जिसमे मुख्य अतिथि घनश्याम उद्यान निरीक्षक जिला उद्यान विभाग हमीरपुर ग्राम कुम्हऊपुर के पुर्व प्रधान कुलदीप सिंह, पूर्व प्रधान उमाशंकर एवं पंचायत सहायक नेहा वर्मा उपस्थित रहे एवं बाएफ़ के तरफ से जिला प्रभारी एस. के. सिंह जी व बाएफ़ फील्ड कोआर्डीनेटर गीता कौर बाएफ़ केंद्र प्रभारी ललपुरा संतोष कुमार व शिक्षिका पद पर तैनात प्रियंका देवी, मेल मोटिवेटर एस.कुमार एवं अशोक कुमार उपस्थित रहे |

    इस मौके पर एस. के सिंह जी के द्वारा लम्पी स्किन रोग के बारे में विस्तार पूर्वक किसानो को जागरूक किया गया एवं गीता कौर के द्वारा महिला साक्षरता कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गयी |कुलदीप कुमार सिंह (पूर्व प्रधान) के द्वारा महिलाओं एवं किसान भाइयों को जागरूक करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा जो भी योजनायें चलायी जा रही है उनका रजिस्ट्रेशन करवा करके लाभ लें |

    अंत में मुख्य अतिथि घनश्याम(उद्यान निरीक्षक) जिला उद्यान विभाग हमीरपुर के द्वारा जो भी योजनायें चल रही है उसके बारे में बताया गया एवं सभी किसानों से कहा गया कि उद्यान विभाग के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा करके विभाग द्वारा चलायी जा रही विभन्न योजनाओं का लाभ लें | अध्यक्षता कर रहे एस. कुमार जी द्वारा आये हुए सभी अतिथियों, महिलाओं एवं किसानों का धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया ।

    ग्राम न्यूरिया में किसान गोष्ठी की गई जिस में उपस्थित किसान भाई और महिला साक्षरता केंद्र की महिलाएं एवं उपस्थित कृषि विभाग के अधिकारी व पशुपालन विभाग के डॉक्टर साहब द्वारा मिलने वाले योजनाओं के लाभ के विषय में जानकारी दी गई ग्राम पंचायत प्रधान न्यूरिया कन्हैया दीक्षित के द्वारा बाया महिला साक्षरता केंद्र न्यूरिया में आयोजित किसान गोष्ठी में ग्रामीणों को महिलाओं को साक्षरता के बारे में वह ग्राम विकास के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई पशु चिकित्सा अधिकारी श्रीवंश राज पटेल जी के द्वारा आयोजित किसान गोष्ठी में कृत्रिम गर्भाधान साथ-साथ लंपी वायरस बचाव व सावधानियों के बारे में जानकारी दी गई बायफ डीपीओ शैलेंद्र कुमार सिंह के द्वारा किसान गोष्ठी में ग्रामीणों को महिला साक्षरता के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई।

  • पाटलिपुत्र खेल परिसर में राज्य स्तरीय विद्यालय खेल प्रतियोगिता

    कला संस्कृति एवं खेल विभाग द्वारा दक्ष कार्यक्रम के अंतर्गत  पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में राज्य स्तरीय विद्यालय खेल प्रतियोगिता के विभिन्न खेलों के विजेता खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में माननीय मंत्री श्री जितेंद्र राय और सभी ज़िला के डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफिसर मौजूद थे।इस कार्यक्रम में विभिन्न खेलों के लगभग 2200 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।

    नालंदा जिला ताइक्वांडो संघ के सचिव कार्तिक कुमार ने बताया कि नालंदा ज़िला के लगभग 70 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया जिसमें ज़िले के चार खिलाड़ी ताइक्वांडो से भी थे। सचिव कार्तिक कुमार ने बताया कि जो खिलाड़ी गोल्ड मेडल जीते हैं उन्हें ₹10000, जो सिल्वर मेडल जीते हैं उन्हें ₹5000 और जो ब्रोंज मेडल जीते हैं उन्हें ₹2500 नगद राशि से पुरस्कृत किया गया।
    जिला सचिव कार्तिक कुमार ने बताया इस तरह के कार्यक्रम से खिलाड़ियों में और भी उत्तेजना बढ़ेगी और आने वाले समय में और बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इस उपलब्धि पर सचिव कार्तिक कुमार, अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार तथा कोषाध्यक्ष राकेश कुमार ने सभी को बधाई दी है।

  • रोटरी क्लब तथागत के द्वारा रोटरी चिल्ड्रन के साथ दीपावली मिलन समारोह

    आज रोटरी क्लब तथागत के द्वारा संत जोसेफ स्कूल के प्रांगण में रोटरी चिल्ड्रन के साथ मिठाइयां, मोमबत्ती, चॉकलेट बांटकर, आतिशबाजी कर- कर के दीपावली मिलन समारोह मनाया गया। परियोजना निर्देशक रोटेरियन जोसेफ टी टी ने बताया की ये वो बच्चे हैं जो पहले स्कूल नही जाते थे, उन्हें पढ़ाई के प्रति रुचि जगाया और प्रतिदिन इन्हें पढ़ाया लिखाया जाता है। इन सभी बच्चे को कॉपी -किताब, स्कूल बैग, यूनिफार्म सभी चीजे रोटरी क्लब तथागत की ओर से ही दी जाती है। बड़े होकर सभी अपने अपने विद्यालय में जाकर रोटरी क्लब तथागत का नाम रोशन कर रहे हैं। जब भी किसी प्रकार का त्यौहार होता है हम सभी रोटरी तथागत के सदस्य इन्हीं बच्चों के साथ त्यौहार मनाते हैं इनके चेहरे की मुस्कान ही हमारी खुशियां है हमारा त्योहार है।
    इस कार्यक्रम में रोटरी क्लब तथागत के अध्यक्ष रोटेरियन अनिल कुमार, रोटेरियन डॉ श्याम नारायण, रोटेरियन डॉक्टर अरविंद कुमार, डॉ इंद्रजीत कुमार, विभास प्रियदर्शी, संजीव दास, अनिल सैनी, अमित कुमार, राजेश कुमार, इंजीनियर अरविंद, रोटेरियन रूबी सिन्हा, मधु कंचन, किरण कुमारी, माउंट लिट्रा स्कूल के अमन कुमार, एवं सचिव परमेश्वर महतो, रोटेरियन विश्व प्रकाश,  इंटरैक्ट क्लब के अध्यक्ष कुमारी सपना, उपसचिव प्रणव कुमार ने रोटरी तथागत स्कूल के कुल 650 बच्चों के साथ दीपावली मनाई गई।