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  • राजगीर के होटल रॉयल इंडिया में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक संपन्न।

    नालंदा जिला के प्रखंड राजगीर के होटल रॉयल इंडिया में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक की गई। नवनिर्वाचित संयोजक चंद्रशेखर प्रसाद संयोजक मंडल के सदस्य शाहनवाज जिला प्रवक्ता रामदेव चौधरी ने मीडिया को बताया कि किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए एक संयोजक एक कोषाध्यक्ष एवं संयोजक मंडल को विस्तार करते हुए 15 सदस्य टीम का गठन किया गया बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों को किसानों को लाने एवं कोर्स देने का जिम्बारी दी गई।

    बैठक में 26 नवंबर को किसान महापंचायत को सफल बनाने, एमएसपी पर कानून बनाने, बिहार में बंद मंडियों को पुनः चालू करने, किसानों के कर्ज माफ करने, दाखिल खारिज परिवार्जन रसीद कटाने में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, किसानों को कृषि कार्य हेतु मुफ्त बिजली देने अग्नीपथ योजना वापस लेने की मांग आंदोलन के क्रम में किसानों पर हुए झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं आदि मुद्दों पर चर्चा की गई।

    राजगीर के मेला मैदान में होने वाले किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए संयोजक मंडल का विस्तार किया गया जिसमें 15 सदस्य लोगों को शामिल किया गया इस बैठक की अध्यक्षता चंद्रशेखर प्रसाद ने की अंत में बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया गया कि किसा राजगीर के मेला मैदान में किसान महापंचायत में एक लाख किसानों को प्रस्ताव जुटाने का प्रस्ताव पास किया गया।इस बैठक में जवाहर निराला सुरेंद्र प्रसाद जयराम सिंह अनिल कुमार सिंह उमेश जी अजय कुमार पटेल कृष्ण प्रसाद यादव राम अवतार सिंह विजयकांत सिन्हा उत्तम कुमार उपेंद्र कुमार राम यादव उमराव प्रसाद निर्मल ललन कुमार अरविंद कुमार जगत सिंह पवन कुमार सुहेल कुमार यादव आदि लोग उपस्थित थे।

  • छठ पूजा को लेकर बियावानी कोसुक समेत कई छठघाट का निरीक्षण

    हार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार छठ पूजा को लेकर बियावानी कोसुक समेत कई छठघाट का निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री श्रवण कुमार के साथ स्थानीय मुखिया एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी अंजन दत्ता भी मौजूद रहे। छठघाट के निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रवण कुमार ने ग्रामीणों का की समस्याओं को भी सुना एवं अधिकारियों को कई दिशा निर्देश भी दिए। वही इस मौके पर मंत्री श्रवण कुमार ने प्रशांत किशोर के द्वारा नीतीश कुमार के पलटी मारने के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर कोई भविष्यवक्ता नहीं है पहले खुद के बारे में तय कर लेना चाहिए कि कि वह क्या करना चाहते हैं प्रशांत किशोर को जो हायर करेगा उसके पक्ष में ही प्रचार प्रसार करने का काम करेंगे।

    कभी बंगाल में ममता बनर्जी के प्रचार में चले जाते हैं कभी कांग्रेस के प्रचार प्रसार को लेकर उत्तर प्रदेश चले गए थे। प्रशांत किशोर कोई भविष्यवक्ता नहीं है जो किसी के बारे में भविष्यवाणी करेंगे लेकिन नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से अलग होने का जो कदम उठाया है। उस समय से देश में एक नई राजनीतिक स्थिति पैदा हुई है पूरे देश में इस राजनीतिक परिस्थिति का स्वागत हो रहा है ।

    आने वाले 2024 के चुनाव में इसका फलाफल जरूर निकलेगा। वहीं पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी के बयान पर श्रवण कुमार ने कहा कि इसके पूर्व में जो भी चुनाव हुए हैं वह आरक्षण नियम के पालन करते हुए ही चुनाव हुआ था। खासकर भारतीय जनता पार्टी जुड़े जो नेता है उनके दिमाग में हमेशा आरक्षण विरोधी बात ही पनपता है। तभी तो आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट में जाकर मुकदमा दायर करते हैं और अति पिछड़ों के आरक्षण रोकने की दिशा में पहल करना चाहते हैं हाई कोर्ट का जो आदेश है उसका पालन किया जाएगा।

  • राष्ट्रीय उद्यमिता माह के अवसर पर “एंटरप्रेन्योरशिप प्रतियोगिताएं” पर पोस्टर लॉन्च

    उपविकास आयुक्त श्री वैभव श्रीवास्तव के द्वारा आज “एंटरप्रेन्योरशिप प्रतियोगिताएं” पर पोस्टर विमोचन किया गया।
    भारत सरकार में उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद उच्च शिक्षा हस्तक्षेप के माध्यम से लचीला ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। राष्ट्रीय उद्यमिता माह (19 अक्टूबर – 20 “नवंबर) एक आदर्श , उद्यमशीलता की गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए मंच है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद का उद्यमिता पर प्रतियोगिता के लिए आह्वान एक स्वागत योग्य प्रयास है l व्यावसायिक शिक्षा और कौशल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डिग्री कॉलेजों से स्नातक करने वाले छात्रों के लिए परिसर में कौशल निर्माण को सक्षम करना महत्वपूर्ण है। उद्यमिता और कारीगरी दोनों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक कॉलेज को छात्र स्वयं सहायता समूह (एसएसएचजी) बनाना चाहिए l महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं पुराने छात्र संघ के माध्यम से ऐसे एसएसएचजी के प्रयासों का समर्थन करें।राष्ट्रीय उद्यमिता माह के अवसर पर "एंटरप्रेन्योरशिप प्रतियोगिताएं" पर पोस्टर लॉन्च
    ऐसे समूह/प्रकोष्ठ स्थानीय के साथ इंटरशिप और अप्रेंटिसशिप में भी मदद कर सकते हैं
    व्यवसायों और स्थानीय प्रशासन। अनुभवात्मक अधिगम से संबंधित ऐसी प्रथाएं
    युवाओं को कौशल प्रदान करने की प्रथाओं में स्थिरता ला सकता है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद (एमजीएनसीआरई) सामाजिक कार्य कॉलेजों, व्यावसायिक शिक्षा नई तालीम और में संस्थागत प्रकोष्ठों सामाजिक उद्यमिता, स्थिरता और ग्रामीण जुड़ाव प्रकोष्ठों (एसईएसआरईसी) का गठन और पालन करके व्यावसायिक शिक्षा, कौशल और उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है। शिक्षा महाविद्यालयों में प्रायोगिक शिक्षण प्रकोष्ठ (वेंटेल), और
    प्रबंधन संस्थानों में ग्रामीण उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ (आरईडीसी)। परिसर और समुदाय के साथ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद जुड़ाव लाभकारी है और छात्रों में अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से सामाजिक उत्तरदायित्व और जीवन मूल्यों को विकसित करने के एक भाग के रूप में है।
    उच्च शिक्षा संस्थानों को भी व्यावसायिक शिक्षा और कौशल पर प्रकोष्ठ बनाकर इस राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए अपना समर्थन देने का आह्वान किया गया। ग्रामीण उद्यमिता विकास और सामाजिक उद्यमिता। उद्यमिता प्रतियोगिताओं पर एम.जी.एन.सी.आर.ई. का पोस्टर जारी किया गया। एम.जी.एन.सी.आर.ई. भारत में विश्वविद्यालयों और स्वायत्त संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम इनपुट को डिजाइन, विकसित और बढ़ावा देता है। एम.जी.एन.सी.आर.ई. के लिए फोकस की उच्च शैक्षिक धाराओं में शामिल हैं: ग्रामीण अध्ययन, ग्रामीण विकास, ग्रामीण प्रबंधन, सामाजिक कार्य और शिक्षा। पाठ्यक्रम इनपुट ग्रामीण भारत के लिए प्रासंगिक सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों क्षेत्रों से संबंधित हैं। लचीला ग्रामीण भारत के निर्माण की प्रक्रिया में भारत में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम को शामिल करने के लिए, यानी उन्नत भारत के लिए उन्नत ग्राम l नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत पाठ्यचर्या इनपुट और मान्यता पाठ्यक्रम और उच्च शिक्षण संस्थानों को तैयार करना और पहचानना, जो टिकाऊ, जलवायु और आपदा अनुकूल ग्रामीण आजीविका के विकास को सक्षम बनाता है।

    कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर उपविकास आयुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों एवं संस्थान के प्रतिनिधियों के साथ विमर्श किया। जिला शिक्षा पदाधिकारी को संबंधित महाविद्यालयों के साथ बैठक कर कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कॉलेजों में आवश्यक व्यवस्था शिक्षित कराने को कहा गया।
    सभी कॉलेजों के साथ जिला स्तर से एक-एक रिसोर्स पर्सन को सम्बद्ध करने को कहा गया ताकि छात्रों को उद्यमिता से संबंधित सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा सके।
    इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, एम.जी.एन.सी.आर.ई. के डिस्ट्रिक्ट सस्टेनेबिलिटी मेंटर डॉ. राजकिशोर, डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन आसित कुमार तथा हनी कुमारी भी मौजूद थीं l

  • अंचलाधिकारी, सर्किल इंस्पेक्टर व पुलिस बल पर अज्ञात लोगों ने पथराव

    नालंदा जिला के बिहार थाना क्षेत्र के बनोलिया में सोमवार की देर रात विवादित भूमि पर कब्जा को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़े हुए थे। जिसे रोकने के लिए गए अंचलाधिकारी, सर्किल इंस्पेक्टर व पुलिस बल पर अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया। जिसमे दो पुलिसकर्मी सुधीर कुमार और दिलीप राम बुरी तरह से घायल हो गए। जिन्हे इलाज के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ लाया गया। इस घटना को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी कुमार अनुराग ने कहा की इस घटना से जुड़े अज्ञात लोगों के खिलाफ कारवाई शुरू कर दी गई जिन्हे भी चिन्हित किया जायेगा

    उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। प्राप्त सूत्रों के मुताबिक अंचलाधिकारी के घायल कर्मी सुधीर कुमार के सर पर चोट लगने से उनकी हालत गंभीर हो गई जिसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है। गौरतलब है कि जमीनी विवाद को लेकर बना लिया गांव शुरू से ही संवेदनशील रहा है बावजूद पुलिस उस इलाके में बिना तैयारी के ही चली जाती है और खुद चोटिल होकर वापस भी आ जाती है।

  • नालंदा कॉलेज में कलाम स्टडी सर्किल की शुरुआत

    जन्म दिवस के मौके पर छात्रों को दिखाई गई डॉक्युमेंट्री
    पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के जीवन दर्शन, वैज्ञानिक सोच एवं उनके विजन पर कार्य करने के लिए नालंदा कॉलेज में कलाम स्टडी सर्किल की शुरुआत की गई।

    इस अवसर पर डॉ कलाम का जयंती समारोह के दिन उनके जीवन पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री भी छात्रों एवं शिक्षकों के बीच दिखाया गया। स्टडी सर्किल के कनवेनर डॉ शशांक शेखर झा ने बताया की इससे छात्रों को जोड़कर नई एवं वैज्ञानिक सोच के बारे में चर्चा एवं परिचर्चा किया जायेगा।

    उन्होंने बताया की कलाम का जीवन भारत के युवाओं के लिए प्रेरणादायी है इसलिए वे उनके किये गए कार्यों से प्रेरणा लेकर देश की उन्नति में सहयोगी बन सकते हैं। प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने डॉ कलाम को युगद्रष्टा कहा एवं उनके कठिन जीवन के बारे में बताया। उन्होंने कहा की अल्प संसाधन होने के वावजूद सफलता के शिखर तक पहुंचकर डॉ कलाम ने करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा की अमिट छाप छोड़ी है।

    आईक्युएसी के समन्वयक डॉ बिनीत लाल ने कहा की कॉलेज में भारत के कुछ चुनिंदा महापुरुषों के जीवन दर्शन एवं कार्यों से छात्रों को प्रेरित करने के लिए 6 स्टडी सर्किल बनाये गए हैं। सावित्री बाई फुले एवं कलाम स्टडी सर्किल की शुरुआत हो चुकी है।

    इसके अलावे गांधी, अंबेडकर, विवेकानंद एवं चंद्रगुप्त के नाम पर स्टडी सर्किल बनाये गए हैं। सभी स्टडी सर्किल को एक शिक्षक कन्वेनर के तौर पर चलाएंगे एवं छात्रों को जोड़कर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। कार्यक्रम में बॉटनी विभाग के डॉ सुमित कुमार, भूगोल विभाग के डॉ भावना एवं डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ सरवर अली, परमानंद कुमार, अलीमुद्दीन, संगीता कुमारी आदि शिक्षकों ने छात्रों के साथ भाग लिया

  • लोकशक्ति विकास पार्टी द्वारा घोषित

    लोकशक्ति विकास पार्टी द्वारा घोषित , पांच लाख-गांधी मैदान पटना कार्यक्रम का नालन्दा जिला आयोजन समिति का बैठक स्थानीय जिला कार्यालय कमरूद्दीनगंज बिहार शरीफ ने किया गया।

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जीतेंद्र कुमार सिंह जी ने कि लोकशक्ति को जगाकर विकास के प्रति जिम्मेवार बनाने हेतु पांच लाख-गांधी मैदान पटना कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
    जबतक जनता चुप है तबतक सत्ता सुख में है।
    इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव अमित कुमार ने कहा हर घर जगाना है विकसित बिहार बनाना है।
    प्रदेश महासचिव डॉ.सूर्यदेव चन्द्रपाल ने कहा कि पांच लाख-गांधी मैदान पटना कार्यक्रम लक्ष्य नहीं हमारा रास्ता है।
    हमारा लक्ष्य विकसित बिहार बनाना है।
    सर्वसम्मति से पांच लाख-गांधी मैदान कार्यक्रम हेतु दस हजार गांवों में आयोजन समिति गठन कर हेतु संकल्प लिया गया।

    इस अवसर पर निरंजन सिंह, अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह, दिलिप कुमार सिंह, अमरदीप भारती, अशोक सिंह, चांदो बाबू, प्ररितोष कुमार,राणा गोपाल, जीतेंद्र कुमार सिंह, अमित कुमार सिंह @ सोनु सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए।

  • बड़गांव छठ महोत्सव लोकगीतों से झूमेंगे सूर्यनगरी बड़गांव में श्रद्धालु

    ऐहिसाहिक सूर्य नगरी बड़गांव को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुनः स्थापित करने के उद्देश्य एवं बडगांव छठ करने के लिए आने वाले भक्तों की सेवा हेतु विगत 4 वर्ष पूर्व बड़गांव इलाके के युवाओं द्वारा सूर्यनारायण जागृति मंच (बडगांव) की स्थापना की गयी है।मंच के प्रयास से वर्ष 2019 से ही ‘बड़गांव छठ महोत्सव’ की शुरुआत की गई थी।कोरोना काल के बाद अब जन मानस की ज़िंदगी पटरी पर लौट रही है। समाज अब त्रासदी से उत्सव की ओर बढ़ चला है।सरकार द्वारा जारी कोरोना के सभी मानक दिशा-निर्देशों के अनुपालन के साथ इस वर्ष एक दिवसीय ‘बड़गांव छठ महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा।

    महोत्सव का उद्देश्य बड़गांव की महत्ता को भारत के अलावे विदेशों में भी प्रचारित-प्रसारित करना है और इसी उद्देश्य से ऑनलाइन आयोजित बैठक में मंच के मार्गदर्शक युवा कवि संजीव कुमार मुकेश की अध्यक्षता में सूर्यनारायण जागृति मंच(बडगांव) के संयोजक अखिलेश कुमार, महामंत्री पंकज कुमार एवं मंच के सभी सक्रिय सदस्यों ने सर्वसम्मति से कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की और यह निर्णय लिया गया कि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देशभर के नामचीन कवियों के साथ–साथ बिहार के युवा प्रतिभावान कवियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।संजीव कुमार मुकेश ने बताया कि बड़गांव छठ महोत्सव के माध्यम से युवाओं को लोक संस्कृति व परंपरा से अवगत कराना और उन्हें जोड़ना है।मंच के संयोजक अखिलेश कुमार एवं पंकज कुमार के बताया कि इस महोत्सव को सफल बनाने में बड़गांव एवं आस-पास के गांव के आम नागरिकों के साथ-साथ शिक्षाविद, समाजसेवी एवं प्रबुद्ध जनों का मार्गदर्शन एवं सार्थक सहयोग निरंतर मिल रहा है।

    कवि संजीव कुमार मुकेश ने बताया कि साहित्य संस्कृति का सबसे बड़ा संबाहक होता है। कविताओं और गीतों के माध्यम से हम जन-जन तक सूर्यनगरी की महिमा पहुंचा सकते हैं। बड़गांव छठ महोत्सव की परिकल्पना ऐतिहासिक सूर्यनगरी बडगांव की महिमा को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुनर्स्थापित करने का सार्थक साझा प्रयास है। सबों का सहयोग और मार्गदर्शन से ही हम इसे उत्कृष्टता प्रदान कर सकते हैं। इस वर्ष का आयोजन अन्य वर्षों से और भव्य होगा। देश भर से अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर ख्याति प्राप्त कवि-कवयित्री के साथ-साथ बिहार प्रसिद्ध गायक फोक स्टार ऑफ इंडिया सत्येंद्र संगीत और उनकी टीम द्वारा लोकगीतों का भी आनंद उठाया जा सकेगा।

    कवि सम्मेलन में शालिम होने वाले कवियों के नाम:

    दिनेश देवघरिया, राष्ट्रीय ओज कवि, पटियाला (पंजाब)
    अनंत महेंद्र, युवा गीतकार, धनबाद झारखंड
    यह छठ जरूरी है फेम कुमार रजत, पटना (बिहार)
    चंदन द्विवेदी, प्रसिद्ध कवि, पटना (बिहार)
    रंजीत दुधु, मगही हास्य कवि
    प्रशांत बजरंगी, युवा ओज कवि, बनारस
    आराधना अन्नू, बेगूसराय
    केशव प्रभाकर, बाल कवि, बेगूसराय
    अध्यक्षता – उमेश प्रसाद उमेश, वरिष्ठ साहित्यकार व कवि
    संचालन – संजीव कुमार मुकेश, युवा कवि , नालंदा

    लोकगायन हेतु:
    सत्येंद्र संगीत एवं टीम

    50 सूर्य सेवक भी ड्रेस में रहेंगे तैनात

    गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी 50 सूर्य सेवक ड्रेस कोड में पहचान पत्र के साथ सूर्य घाट एवं मंदिर परिसर में तैनात रहेंगें। सभी सूर्य सेवकों की सूची प्रशासन को भी उपलब्ध कराया जाएगा। सूर्य सेवक छठ व्रती माताओं-बहनों की सेवा के साथ-साथ प्रशासन के दिशा निर्देशों का अक्षरसः पालन करेंगें। मंच के सूर्यसेवक कोरोना सम्बन्धी नियमों के पालन हेतू जगह-जगह सूचना व पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगे। मंच द्वारा फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था भी की जा रही है। पेयजल, छठव्रती माताओं के लिये चेंजिंग रूम इत्यादि की व्यवस्था,यात्रियों के लिए रहने हेतु अस्थाई टेंट की व्यवस्था भी सूर्यनारायण जगृति मंच द्वारा किया जाएगा।मंच की कोर टीम के सदस्यों ने नालंदा प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें मंच द्वारा आयोजित बड़गांव छठ महोत्सव एवं सूर्य सेवको की सेवा भाव से अवगत करवाया गया है एवं कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रशासन की दी गई।

    बैठक में समाजसेवी बबलू सिंह, संजीव गुप्ता, संजय सिंह, बिपिन कुमार, अभय कुमार, कृष्णकांत कश्यप, प्रेम सागर पासवान,गोपाल जी सहित अन्य सक्रिय सदस्यों की उपस्थिति थी।

  • मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की 91 वीं जयंती पर विशेष

    राकेश बिहारी शर्मा – ‘सपने वे नहीं होते, जो आपको रात में सोते समय नींद में आए बल्कि सपने वे होते हैं, जो रात में सोने ही न दें।’ ऐसी बुलंद सोच रखने वाले ‘मिसाइलमैन’ अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम (एपीजे अब्दुल कलाम) भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक कहे जाते हैं। जब कलाम ने देश के सर्वोच्च पद यानी 11वें राष्ट्रपति की शपथ ली थी तो देश के हर वैज्ञानिक का सर फख्र से ऊंचा हो गया था। वे ‘मिसाइलमैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के रूप में लोकप्रिय हुए।

    संयुक्‍त राष्‍ट्र संगठन ने वर्ष 2010 से डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के शिक्षा और छात्रों के लिए उनके प्रयासों को स्‍वीकारते हुए उनकी जन्‍म तिथि 15 अक्‍टूबर को ‘विश्व छात्र दिवस’ के तौर पर मनाने की घोषणा की थी। तब से हर साल 15 अक्‍टूबर को छात्र इसे एक जश्‍न के तौर पर मनाते आ रहे हैं। कलाम जी एक वैज्ञानिक और एक इंजिनियर के रूप में विख्यात है। कलाम जी ने हमेशा अपनी ज्ञान और शिक्षा के माध्यम से छात्रो से जुड़े रहे और उनके भाषण, वो खुद छात्रो के लिए एक प्रेरणा थे। अब्दुल कलाम जी विद्यार्थियों के बीच बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय थे। उनका व्यवहार, आचरण और उनके द्वारा दिया जाने वाला भाषण सबको प्रभावित करता था।

    आज मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम जी की 91वीं जयंती है। प्रख्यात वैज्ञानिक, अभियंता, श्रेष्ठ शिक्षक, भारत रत्न से सम्मानित देश के पूर्व ग्यारहवें राष्ट्रपति एवं मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का देश हमेशा आभारी रहेगा। भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने का सपना देखने वाला ये कर्मवीर योद्धा मरते दम तक देश के लिए काम करते रहे एवं आखिरी क्षणों में भी विद्यार्थियों व बच्चों को हमेशा से अपने ओजस्वी भाषण से प्रेरित करते रहे।आज से छह साल पहले 27 जुलाई 2015 को उनका निधन मेघालय के शिलांग में हुआ था। यहां वे एक कॉलेज लेक्चर देने गए थे। मशहूर वैज्ञानिक अब्दुल कलाम आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर दे रहे थे तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा, आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अफसोस डॉक्टरों की टीम उन्हें बचा नहीं सकी। 83 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था।
    एपीजे अब्दुल कलाम कहते थे – ‘मैं शिक्षक हूं और इसी रूप में पहचाना जाना चाहता हूं।’ और सचमुच अपनी अंतिम श्वास लेते समय वे विद्यार्थियों के बीच ही तो थे एक शिक्षक के रूप में। वे हमारी आंखों में आंसू नहीं, स्वप्न देखना चाहते थे। वे कहा करते थे- ‘सपने वे नहीं होते जो सोते वक्त आते हैं, बल्कि सपने तो वे होते हैं जो कभी सोने ही नहीं देते।’ युवाओं के बूते देश में नई क्रांति लाने का उनका यह ध्येय नवीन भारत की आधारशिला थी। सचमुच डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसा व्यक्तित्व का इस धरती पर जन्म लेना भारत के लिए गौरव की बात है।

    एक बार डॉ. कलाम जब स्कूल के बच्चों को लेक्चर दे रहे थे तभी बिजली में कुछ गड़बड़ी हो गई।डॉ. कलाम उठे और सीधा बच्चों के बीच चले गए और उन्हें घेरकर खड़े हो जाने के लिए कहा। इस तरह से उन्होंने लगभग चार सौ बच्चों के साथ बिना माइक के संवाद किया। राष्ट्रपति बनने के कुछ दिन बाद वो किसी इवेंट में शरीक होने केरल राजभवन त्रिवेंद्रम गए। उनके पास अपनी तरफ से किन्हीं दो लोगों को बुलाने का अधिकार था, और आप जानकर हैरान होंगे कि उन्होंने किसे बुलाया – एक मोची को और एक छोटे से होटल के मालिक को। दरअसल, डॉ. कलाम बतौर वैज्ञानिक काफी समय त्रिवेंद्रम में रहे थे, और तभी से वे इन लोगों को जानते थे, और किसी नेता या सेलेब्रिटी की बजाए उन्होंने आम लोगों को महत्व दिया। ऐसी ऊँची सोच रखने वाले ‘मिसाइलमैन’ अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक कहे जाते हैं।

    अब्दुल कलाम के विचार आज भी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। एक मछुआरे का बेटा ट्रेन के द्वारा फेंके गए अखबारों के बंडल को सही करके वितरण करने के बाद स्कूल जाया करता था। बचपन में अखबार बांटने वाला वही बच्चा अपने जीवन में ऐसी ऊंचाई छू लेता है कि वो एक दिन दुनिया के समस्त अखबारों की सुर्खियां बटोरता नजर आता है। वास्तव में डॉ. कलाम का जीवन, समाज के अंतिम व्यक्ति के राष्ट्र का प्रथम नागरिक बनने की एक प्रेरणादायक कहानी है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति, मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्-तमिलनाडु के एक गरीब परिवार में हुआ था।

    एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम मसऊदी था। शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने फिजिक्स और विज्ञान से जुड़े अन्य विषयों का अध्ययन किया। उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत के नागरिक सम्मान के रूप में 1981 में पद्मभूषण, 1990 में पद्मविभूषण तथा 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। कलाम ऐसे तीसरे राष्ट्रपति रहे हैं जिन्हें ‘भारतरत्न’ का सम्मान राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही प्राप्त हुआ है, अन्य दो राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉक्टर जाकिर हुसैन हैं। ये प्रथम वैज्ञानिक थे, जो राष्ट्रपति बने थे और प्रथम राष्ट्रपति भी रहे हैं, जो अविवाहित थे। अब्दुल कलाम एक राष्ट्रपति के अलावा वे एक आम इंसान के तौर पर वे युवाओं की पहली पसंद और प्रेरक रहे हैं।

    उनकी बातें, उनका व्यक्तित्व, उनकी पहचान न केवल एक राष्ट्रपति के रूप में हैं बल्कि जब भी लोग खुद को कमजोर महसूस करते हैं, कलाम का नाम ही उनके लिए प्रेरणा बन जाता है। भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी तथा विलक्षण व्यक्तित्व का स्वामी थे। डॉक्टर कलाम साहब भारतीयता के आदर्श थे। यूं तो डॉक्टर अब्दुल कलाम जी राजनीतिक क्षेत्र के व्यक्ति नहीं थे। लेकिन राष्ट्रवादी सोच और राष्ट्रपति बनने के बाद भारत की कल्याण संबंधी नीतियों के कारण इन्हें कुछ हद तक राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न माना जाता है।

    अपने इस मिसाइलमैन को भारत सरकार के पद्मभूषण और भारत रत्न देकर इन सम्मानों की ही गरिमा बढ़ाई है। वे कहते थे मैं शिक्षक हूँ और इसी रूप में पहचाना जाना चाहता हूँ और सचमुच 27 जुलाई 2015 को अपनी अंतिम साँसे लेते समय वे विद्यार्थियों के बीच ही तो थे, एक शिक्षक के रूप में। कलाम साहब ने ही 2009 में चंद्रयान की नींव रखी थी। उन्होंने ही ISRO के वैज्ञानिकों को चंद्रयान -2 मिशन पर काम शुरू करने के लिए कहा था। कलाम साहब आज हमारे बीच नहीं है लेकिन वो जहां भी होंगे आज बहुत खुश होंगे। कलाम सही मायने में एक ‘जनता के राष्ट्रपति’ थे, जिन्होंने हर भारतीय विशेषकर युवाओं को अपना समर्थन दिया। वे सादगी, ईमानदारी और समझदारी के प्रतीक थे।

    डॉ. कलाम का मानवीय पक्ष बहुत मज़बूत था

    डॉ. कलाम का विचार इतना नेक की अपने परिवार को राष्ट्रपति भवन में ठहराने के लिए साढ़े तीन लाख का चेक काटा। डॉ. कलाम को अपने बड़े भाई एपीजे मुत्थू मराइकयार से बहुत प्यार था। लेकिन उन्होंने कभी उन्हें अपने साथ राष्ट्रपति भवन में रहने के लिए नहीं कहा। उनके भाई का पोता ग़ुलाम मोइनुद्दीन उस समय दिल्ली में काम कर रहा था जब कलाम भारत के राष्ट्रपति थे। लेकिन वो तब भी मुनिरका में किराए के एक कमरे में रहते थे। एक बार एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति भवन में मई 2006 में कलाम ने अपने परिवार के करीब 52 लोगों को दिल्ली आमंत्रित किया. ये लोग आठ दिन तक राष्ट्रपति भवन में रुके थे। कलाम ने उनके राष्ट्रपति भवन में रुकने का किराया अपनी जेब से दिया था।

    यहाँ तक कि एक प्याली चाय तक का भी हिसाब रखा गया। वो लोग एक बस में अजमेर शरीफ़ भी गए जिसका किराया कलाम ने भरा। उनके जाने के बाद कलाम ने अपने अकाउंट से तीन लाख बावन हज़ार रुपयों का चेक काट कर राष्ट्रपति भवन कार्यालय को भेजा। दिसंबर 2005 में उनके बड़े भाई एपीजे मुत्थू मराइकयार, उनकी बेटी नाज़िमा और उनका पोता ग़ुलाम हज करने मक्का गए। जब सऊदी अरब में भारत के राजदूत को इस बारे में पता चला तो उन्होंने राष्ट्रपति को फ़ोन कर परिवार को हर तरह की मदद देने की पेशकश की। कलाम का जवाब था, ‘मेरा आपसे यही अनुरोध है कि मेरे 90 साल के भाई को बिना किसी सरकारी व्यवस्था के एक आम तीर्थयात्री की तरह हज करने दें ।

    डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा रचित ये पुस्तकें हैं :- 1. इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम 2. विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी 3. इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया 4. द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स 5. गाइडिंग सोल्स: डायलॉग्स ऑन द पर्पस ऑफ लाइफ 6. मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ 7. इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिज 8. यू आर बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियोंड 9. द साइंटिफिक इंडियन: ए ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी गाइड टू द वर्ल्ड अराउंड अस 10. फेलियर टू सक्सेस: लीजेंडरी लाइव्स 11. टारगेट 3 बिलियन 12. यू आर यूनिक: स्केल न्यू हाइट्स बाई थॉट्स एंड एक्शंस 13. टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजेस 14. इन्डोमिटेबल स्प्रिट 15. स्प्रिट ऑफ इंडिया 16. थॉट्स फॉर चेंज: वी कैन डू इट 17. माई जर्नी: ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इन्टू एक्शंस 18. गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया 19. मैनीफेस्टो फॉर चेंज 20. फोर्ज योर फ्यूचर: केन्डिड, फोर्थराइट, इन्स्पायरिंग 21. बियॉन्ड 2020: ए विजन फॉर टुमोरोज इंडिया 22. द गायडिंग लाइट: ए सेलेक्शन ऑफ कोटेशन फ्रॉम माई फेवरेट बुक्स 23. रिग्नाइटेड: साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर 24. द फैमिली एंड द नेशन 25. ट्रांसेडेंस माई स्प्रिचुअल एक्सपीरिएंसेज इत्यादि है।

    देश के पहले कुंवारे राष्ट्रपति कलाम का हेयर स्टाइल अपने आप में अनोखा था, और एक राष्ट्रपति की आम भारतीय की परिभाषा में फिट नहीं बैठता था। लेकिन देश के वह सर्वाधिक सम्मानित व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में अपना अतुल्य देकर देश सेवा की। ऐसे स्वर्णिम भारत की कल्पना करने वाले भारत के महान वैज्ञानिक एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति ‘मिसाइल मैन’ डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।

  • जन सुराज भविष्य का सबसे बड़ा क्राउड फंडिंग का प्लेटफार्म बनेगा

    प्रशांत किशोर की 3500+ किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा के पहले 100 किमी पूरे, कहा- ग्रामीण सड़कों की मौजूदा स्थिति लालू राज जैसी| प्रशांत किशोर ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा के 100 किमी पूरे कर लिए। इस मौके पर पदयात्रा शिविर में उन्होंने मीडिया से बातचीत की। पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि वे पदयात्रा में रोज लगभग 15-20 किलोमीटर चलते हैं और जब 15 से 20 पंचायत का भ्रमण हो जाता है तब एक जगह रुकते हैं, ताकि जिन पंचायतों से पदयात्रा गुजरी है, वहां के स्थानीय जन समस्याओं पर लोगों से मिलकर उसे सुन व समझ कर उसे संकलन कर पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना सकें।

    जिले के बलथर मामले पर बोले प्रशांत किशोर – ग्रामीणों व प्रशासन के बीच विश्वास जरुरी
    चर्चित बलथर प्रकरण पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है, इसलिए मेरा सुझाव है कि प्रशासन और ग्रामीणों के बीच में जो डर का माहौल है उसे प्राथमिकता के आधार पर खत्म करने का प्रयास किया जाए। इस मामले से जुड़े 700-800 पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलने के बाद मेरा सुझाव है कि सभी परिवार मिलकर एक समिति बनाएं और अपने प्रतिनिधि चुने। इसके बाद प्रशासन और ग्रामीणों के बीच मध्यस्थता का रास्ता निकले और दोबारा ग्रामीण और प्रशासन के बीच विश्वास कायम हो सके।

    जन सुराज भविष्य का सबसे बड़ा क्राउड फंडिंग का प्लेटफार्म बनेगा
    जन सुराज पदयात्रा के लिए पैसा कहां से आ रहा है, इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “पिछले 10 सालों में मैंने जिन नेताओं और दलों के लिए काम किया, जिनके भी जीत में अपना कंधा लगाया, वे सभी लोग बिहार में हो रहे इस नए प्रयोग में हमारी मदद कर रहे हैं। इसके अलावा हमलोग क्राउड फंडिंग के लिए भी एक बड़ी व्यवस्था खड़ी कर रहे हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी क्राउड फंडिंग की व्यवस्था होगी और जो भी लोग इसमें अपना आर्थिक योगदान देना चाहते हैं वो दे सकेंगे। जनता के सहयोग से ही जन सुराज अभियान को आगे ले जाने का प्रयास है।

  • अनदेखा भारत साइकिल यात्रा कार्यक्रम का बिहार प्रदेश प्रभाग का शुभारंभ

    बिहारशरीफ:- रविवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम अनदेखा भारत साइकिल यात्रा कार्यक्रम का बिहार प्रदेश प्रभाग का शुभारंभ ज्ञान की धरती नालंदा के बिहार शरीफ शहर के आई एम ए हाल से किया गया। इस कार्यक्रम में साक्षी बने विधायक अस्थावां डॉ. जितेंद्र कुमार , मुंबई से पधारे ब्रम्हाकुमारी प्रशांति लक्ष्मी बहन, राजस्थान से आए ब्रह्माकुमारी प्रवीणा बहन, बी.के. गीता बहन, पटना से आए बी.के. संगीता बहन , वीरायतन से डॉ. समप्रज्ञा जी महाराज l

    स्वागत भाषण में सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अनुपमा ने मंच पर आसीन अतिथियों का एवं सभागार में उपस्थित सभी भाई बहनों को स्वागत करते हुए सबो का आभार प्रकट किए l स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि अनदेखा भारत साइकिल यात्रा कार्यक्रम एक ऐतिहासिक पहल है, इसके माध्यम से पर्यटन स्थल का नवजागरण होगा और देश स्वर्णिम भारत की ओर अग्रसर होगा l बी.के. प्रशांति लक्ष्मी बहन को इस अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए कहीं की आजादी के ‘अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत’ की ओर अग्रसर होने का यह अभियान प्रभावी माध्यम बनेगा l बी.के. प्रवीणा बहन ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि यह संस्था नारी सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है l डॉ संप्रज्ञा जी ने अपने संबोधन में माउंट आबू के जो संस्था का मुख्यालय है अपने अनुभूतियों से भावविभोर किया l

    पटना से आए बी.के. संगीता बहन ने सभागार में उपस्थित सभी महानुभावों को अपने आशीर्वचन से आभार व्यक्त किए एवं कार्यक्रम की सफलता का शुभ संकल्प को दोहराएl ब्रह्मा कुमारी पूनम ने सभागार में उपस्थित सभी अतिथियों एवं भाई बहनों को पूनः इस तरह के कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिए, ताकि सेवा केंद्र को आप सभी लोगों का सानिध्य प्राप्त होता रहे l यही हम सबों की शुभकामना है आप सब को कोटि-कोटि धन्यवाद l

    कार्यक्रम के साक्षी दृष्टा बने बी.के रघुनंदन भाई, बी.के. रीना बहन,बी. के. प्रियंका,बी. के. रिमझिम बहन,बी. के. ज्योति बहन, रवि भाई, रवि शंकर भाई धनंजय भाई, देवेंद्र भाई, राज किशोर भाई, अमित भाई सहित सैकड़ों लोगो का आगमन हुआ l साइकिल यात्रा का शुभारंभ झंडा दिखाकर किया गया l शुभारंभ मंच पर सभी महानुभावों के संयुक्त रूप से किया गया l सभी साइकिल यात्री भाई बहनों को पट्टा, टोपी पहनाया गया l यात्री में रवि भाई ,टिंकू भाई, आकाश भाई ,सहित 21 लोग उपस्थित थे l