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  • भरतीय आजादी की लड़ाई का एक विस्मृत योद्धा नक्षत्र मालाकार

    बिहारशरीफ,बबुरबन्ना-नालंदा 09 अक्टूबर 2022 : स्थानीय सोहसराय के साहित्यिक भूमि बबुरबन्ना मोहल्ले में सविता बिहारी निवास स्थित साहित्यिक मंडली शंखनाद के तत्वावधान में शंखनाद के अध्यक्ष साहित्यकार प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह की अध्यक्षता में भारत के रॉबिनहुड, मानव धर्म के सच्चे उपासक नक्षत्र मालाकार की 117 वीं जयंती समारोह मनाई गई। जिसका संचालन शंखनाद के मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने किया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह, महासचिव राकेश बिहारी शर्मा एवं साहित्यसेवी सरदार वीर सिंह ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर किया।

    भारत में साम्राज्यवाद और सामंतवाद विरोध के जीवंत मिसाल थे नक्षत्र मालाकार

    मौके पर शंखनाद के सचिव साहित्यसेवी साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने समारोह में विषय प्रवेश कराते नक्षत्र मालाकार के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि अमीरों से लूटकर गरीबों में बांटने वाले नक्षत्र मालाकार भारत के रॉबिनहुड थे। नक्षत्र मालाकार का जन्म तत्कालीन पूर्णिया जिले के समेली गांव में 9 अक्टूबर 1905 को एक गरीब माली परिवार में हुआ था। आज वह स्थान कटिहार जिले की सीमा में है।

    नक्षत्र मालाकार के पिता लब्बू माली अत्यंत गरीब गृहस्थ थे। लब्बू माली की दो शादियां हुई थी। पहली पत्नी सरस्वती से दो पुत्र- जगदेव और द्वारिका हुए। पहली पत्नी के निधन के बाद दूसरी पत्नी लक्ष्मी देवी से दो पुत्र- नक्षत्र मालाकार और बौद्ध नारायण एवं तीन पुत्री- तेतरी देवी, सत्यभामा एवं विद्योतमा हुआ। पहले हुए नक्षत्र मालाकार। अपने 82 साल के जीवन का हर लम्हा उन्होंने सामंती शक्तियों के विरुद्ध लोहा लेते बिताया था। उन्होंने कहा भारत में साम्राज्यवाद और सामंतवाद विरोध के जीवंत मिसाल थे नक्षत्र मालाकार।

    ये अंग्रेजी शासन में 9 बार जेल गए और सामंती, महाजनी, प्रतिगामी शक्तियों के विरोध के कारण आजादी के बाद कांग्रेसी शासन में भी आजीवन कारावास की सजा पाई। लेकिन यह बिडम्बनापूर्ण सच है कि उन पर न तो कोई किताब है, न ढंग के कोई शोध ही हुए। 20वीं सदी के तीसरे दशक से छठे दशक तक उतर बिहार में बस नक्षत्र थे और उनकी तलाशी में पूर्णिया के गांवों-कस्बों के चप्पे-चप्पे की तलाशी लेती पुलिस। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कटिहार में बी.एम.पी.बटालियन-7 की स्थापना की गई थी। सरकार ने पूरे उतर बिहार के सिनेमा हॉल के पर्दे पर उन्हें गिरफ्तार करवाने के इश्तेहार छपवाए जाते थे। और 25 हजार रुपए इनाम की घोषणा की गई। बिहार के लोग मार खा लेते, पुलिस की यातना सह लेते, लेकिन नक्षत्र की सुराग नहीं बतलाते थे। उन्होंने बताया कि भारत के महान कथाकार एवं रिपोतार्ज उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु ने नक्षत्र मालाकार को चलित्तर कर्मकार बनाकर अमर कर दिया। उनके रॉबिनहुड और सुल्ताना डाकू वाले चरित्र ने कई लेखकों को सम्मोहित किया। उनके ही गाँव के अनूपलाल मंडल ने उनपर एक पूरा उपन्यास ही लिख डाला-तूफान और तिनके जो काफी लोकप्रिय उपन्यास है। भरतीय आजादी की लड़ाई का एक विस्मृत योद्धा हैं नक्षत्र मालाकार।

    बिहार ही नहीं पुरे देश में नक्षत्र मालाकार का डंका बजता था

    जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए शंखनाद के अध्यक्ष साहित्यकार डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि 40 और 50 के दशक में बिहार ही नहीं पुरे देश में नक्षत्र मालाकार के नाम का डंका बजता था। जमींदारों को उसके नाम से रात भर नींद नहीं आती थी। पुलिस वाले दहशत के मारे थाने के अंदर सहमे हुए बैठे रहते थे। सिनेमा घरों में उनके फ़ोटो के साथ इनामी इश्तेहार दिखाए जाते थे। बिहार मिलिटरी पुलिस की एक बटालियन और बलूच सिपाहियों का एक दस्ता उन्हे पकड़ने कटिहार भेजा गया था। लोग मार खा लेते, लेकिन नछत्तर का पता नहीं बताते थे।

    अमीरों से अनाज लूटने की शुरुआत मालाकार ने भारत में पड़े भयानक अकाल में की। बड़े-बड़े किसानों और व्यापारियों ने बखारों में अनाज दबा लिया था। वे न केवल गोदाम लुटवा कर अनाज गरीबों में बँटवा देते थे बल्कि सरकार के खबरी का काम करने वालों के नाक-कान काट लेते थे। कोई अगर अपना नाक-कान गमछा से ढँक कर घूमता तो लोग समझ जाते थे कि हो न हो, ये आदमी नछत्तर के हत्थे चढ़ा होगा।

    उन्होंने कहा- नक्षत्र मालाकार नमक सत्याग्रह, विदेशी कपड़ों की होली और शराब दुकानों की पिकेटिंग से शुरू उनका राजनीतिक सफर कांग्रेस से होते हुए सोशलिस्ट पार्टी की तरफ मुड़ा और सीपीएम पर खत्म हुआ। वर्ष 1936 में वे सोशलिस्ट पार्टी में भर्ती हुए तो जयप्रकाश नारायण ने प्यार से नाम बदल कर नछत्तर माली से नक्षत्र मालाकार कहने लगे। आजादी के पहले नक्षत्र मालाकार पर पचासों मुकदमे चले, नौ बार गिरफ्तार हुए, पर कभी सजा नहीं हुई। गवाह नहीं मिलते थे। कौन नकटा बने! उनके रॉबिनहुड और सुल्ताना डाकू वाले चरित्र ने कई लेखकों को सम्मोहित किया।

    साहित्यसेवी सरदार वीर सिंह व प्रमोद कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी नक्षत्र मालाकार कांग्रेस, कांग्रेस सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट तीनों पार्टियों में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता थे, इसलिए ये कई बदनामियों से बेदाग रहे। लेकिन आज बिहार की नई पीढ़ी के लोग क्रांतिकारी योद्धा नक्षत्र मालाकार को नहीं जानती है। इनके द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में किए गये काम का कोई विधिवत संरक्षण नहीं किया गया। यह सब इसलिए नहीं हुआ क्योंकि ये बिहार के पिछड़े समुदाय माली जाति के थे।

    साहित्यकार अभियंता आनंद वर्द्धन एवं मिथिलेश प्रसाद चौहान ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले उच्च वर्ग के स्वतंत्रता सेनानियों, राजा-महाराजाओं के योगदान को अभिलेखों के माध्यम से आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन दलितों और पिछड़ों के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को धीरे-धीरे मिटाने की कोशिश की जा रही है।

    इस अवसर पर समाजसेवी धीरज कुमार, राजदेव पासवान, कॉमरेड विजय कुमार, व्रज भूषण प्रसाद,युगेश्वर यादव, सविता बिहारी सहित कई लोगों ने नक्षत्र मालाकार के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।

  • आशा नगर स्थित एरावत पैलेस में कुशवाहा समाज की एक अहम बैठक की गई

    बिहारशरीफ के आशा नगर स्थित एरावत पैलेस में कुशवाहा समाज की एक अहम बैठक की गई इस बैठक के दौरान कुशवाहा क्रांति मंच की उद्घोषणा भी की गई वही इस बैठक के दौरान डॉ के के मरने की अध्यक्षता में मंच की सभा में विवेक चंदन कुशवाहा को सम्मानित रूप से संयोजक चुना गया इस सभा में कुशवाहा समाज को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग पर भी प्रस्ताव पारित हुआ नालंदा जिला में कुशवाहा समाज के सशक्तिकरण एवं एकीकरण करने का एजेंडा भी कुशवाहा क्रांति मंच के बैनर तले पारित हुआ। इस मौके पर विवेक का चंदन ने कहा कि कुशवाहा समाज का बैठक का मुख्य उद्देश्य समाज के सशक्तिकरण और एकीकरण करना है क्योंकि हमारा ही कुशवाहा समाज से 17 सालों से इस इलाके के विधायक हैं उनकी हमारी समाज के लिए क्या भूमिका रही इस पर भी चर्चा की गई। आज समाज में हमारी इतनी बड़ी आबादी होते हुए भी हमारे कुशवाहा समाज का कोई भी एक मंत्री भी नहीं है। 90 के बाद यानी बैकवर्ड मूवमेंट होने के बाद हमारा अस्तित्व लगातार घटते ही जा रहा है इसके अलावे लोकल समस्या के ऊपर भी इस बैठक में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

  • बिहार शरीफ की पुत्री प्रिया रानी ने फिर माउंट एवरेस्ट को फतह किया

    बिहार के फौलादी बच्चो ने एक बार फिर माउंट एवरेस्ट बेस कैंप, गोक्यो पीक, kala pathar किया फतेह |
    बिहार शरीफ नालंदा खंडकपर मानपुर भवन की रहने वाली अनिल गुप्ता की पुत्री प्रिया रानी , नईपोखर के रहने वाले पंकज कुमार के सुपुत्र गोपाल कुमार , और जमुई से मधु दुबे किं पुत्री अनीशा दुबे एक बार फिर इंटरनेशनल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट बेस कैंप नेपाल पर फतह किया । बिहार के तीनों परवतरोही प्रिया रानी ,गोपाल कुमार और अनीशा दुबे बिहार से नेपाल के लिए रवाना हुए । उन्होंने बताया कि 23पर्वत को पार करके पैदल सैलरी से माउंट एवेरेस्ट बेस कैंप पर फतह किया। उन्होंने 27सितंबर को माउंट एवरेस्ट बेस कैंप (17598ft) फतह किया और कलापट्ठर ट्रैक जिसकी ऊंचाई (18192)भी फतह किया । उसके बाद 29सितंबर को नेपाल की गोक्यो पीक जिसकी ऊंचाई (17929) फतह किया । बिहार से तीनों परवतरोही ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर भारत का तिरंगा फहराया और नेशनल एंथम के साथ माउंट एवरेस्ट पीआर आन बान सान के साथ तिरंगे की शान बढ़ाया। गोपाल कुमार, प्रिया रानी और अनीशा दुबे ने बताया कि इस एवरेस्ट पर क्लाइंब के दौरान कोई गाइड नही लिया गया और सेल्फ पूरा माउंट एवरेस्ट बेस कैंप , कलापत्थर ट्रैक और गोकयो पीक खुद गाइड किए । इन दिनों में कई मुसीबतों का सामना करना परा जैसे लगातार 8घं टे चढ़ना ,खाने की कमी आदि पर हमारे पर्वतारोही ने हार नहीं मानी बोहोत मेहनत करने के बाद माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फतह किया और बिहार सहित पूरे भारत का गौरव बढ़ाया। बिहार से बेमिसाल स्वच्छ अमृत महोत्सव का बैनर लगाते हुए बिहार को ये भी प्रेरणा दिए और 75वे आजादी के अमृत महोत्सव पर भी उत्साह दिखाया गोपाल ,प्रिया और अनीशा के द्वारा । बिहार से पहले भी पर्वतारोही प्रिया रानी, गोपाल कुमार और अनीशा दुबे ने यूनान पीक(18925फीट), फ्रेंडशिप पीक(19232फीट), पतालसु पीक13944फीट), परवतरोहण संस्था से बी.एम.सी और कई बेसिक कोर्स माउंटेन से किए थे। काफी मेहनत के बाद गोपाल ,प्रिया और अनीशा के साथ अंजना यादव और अमित विश्वकर्मा मधयप्रदेश के साथ टीम ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप चढ़ाई की और फतह किया । बिहार से गोपाल कुमार , प्रिया रानी और अनीशा दुबे के साथ जो पांच की टीम बनकर माउंट एवरेस्ट को फतह किया । उन्होंने बोला की जैसे पांच उंगली पंजा बनाता है वैसे ही पूरे माउंट पीआर एक दूसरे के लिए खरे रहे। हमारी पांचों की टीम ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप फतह किया और देश का गौरव बढ़ाया। हमारी टीम गर्ल्स एंड बॉयज दोनो को बढ़ाती है ताकि कई बच्चो का सपना साकार हो सके जैसे ish bar तीन लड़कियां और दो लड़कों।का ग्रुप बनाकर माउंट ऐवरेस्ट बेस कैंप के साथ कलापत्थर ट्रैक और गोकयो पीक पर भारत का तिरंगा फहराया।

  • मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया।

    बिहार नगर निकाय चुनाव मे आरक्षण नहीं लागू कराने, 4600 नगर निकाय उम्मीदवारों का भविष्य खराब करने एवं सभी नगर निकायों को अफसरों के हवाले करने के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय जायसवाल के निर्देशानुसार नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ के अस्पताल चौराहा पर नालंदा जिला पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष सूरज कुमार चंद्रवंशी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला दहन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे जिला अध्यक्ष प्रोफ़ेसर राम सागर सिंह, शहर के माननीय विधायक डा. सुनील कुमार एवं भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता श्री राजीव रंजन जी उपस्थित हुए।

    इस अवसर पर जिला अध्यक्ष प्रो. रामसागर सिंह ने कहा कि बिहार मे नगर निकाय चुनाव को लेकर दिए गए माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अवहेलना करते हुए जानबूझकर ऐसी स्थिति पैदा की गई जिसके कारण न्यायालय द्वारा चुनाव को रोकने का आदेश जारी करना पड़ा जिससे हजारों उम्मीदवारों की विशेष रूप से पिछड़ा अतिपिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों की भविष्य खराब होने की पूरी संभावना बन गई है जिसकी पूरी जिम्मेवारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की है। बिहार मे लालूराज मे कभी पिछड़ों अतिपिछड़ों को आरक्षण नहीं मिला जब भी मिला जब बिहार मे भाजपा सरकार मे साथ रही ,पिछड़ों अतिपिछड़ों की हितों की चिंता और उनके लिए आगे बढ़कर काम करने वाली पार्टी एकमात्र भारतीय जनता पार्टी ही है। हम सभी भाजपा कार्यकर्ता सरकार से यह मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को पालन करते हुए अतिशीघ्र आरक्षण को लागू किया जाए और स्पष्ट तरीके से चुनाव कराया जाय।

    इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष सुधीर कुमार, शैलेन्द्र कुमार, रीना कुमारी, श्यामकिशोर प्रसाद सिंह, अमरकांत भारती, जिला महामंत्री राजेश्वर प्रसाद सिंह, अविनाश प्रसाद सिंह, जिला मंत्री मदन प्रसाद सिंह, डा आशुतोष कुमार, रविशंकर मंडल, तेजस्विता राधा, कोषाध्यक्ष राजीव कुमार,जिला मीडिया प्रभारी अमित गौरव उर्फ गोपी जी, महानगर अध्यक्ष बिहार शरीफ उत्तरी अमरेश कुमार, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष धीरज पाठक,महामंत्री सोनू कुमार हिन्दू ,मंजूला जी, प्रज्ञा भारती, रेणू सिंह, अनिल पटेल, प्रेम सागर पासबान, आजाद कुमार, रंजन कुमार, डा.धीरेन्द्र नारायण, डा. नीरज कुमार, अनूप साव, हरनौत मंडल अध्यक्ष मुकेश कुमार,नूरसराय मंडल अध्यक्ष शिवशंकर गुप्ता, राजू कुशवाहा, राजीव, सूरज कुमार, तरूण कुमार, विश्वनाथ कुमार, संजय कुशवाहा, विपीन कुमार, संजय आजाद, सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

  • नगर निकाय चुनाव में विलंब से बढ़ेगा अपराध : राजू दानवीर

    जन अधिकार युवा परिषद के अध्यक्ष राजू दानवीर ने प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव के रद्द होने पर कहा कि इससे प्रदेश के लाखों युवाओं का मनोबल टूट गया है। इस बार चुनाव में तकरीबन 80% युवा किसी ना किसी तरह शामिल हो रहे थे। उन्होंने आशा थी कि वे इस चुनाव के जरिए अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत करेंगे या जनता की सेवा कर अपने नगर में बदलाव लाएंगे। उनकी उम्मीदों पर माननीय न्यायालय के निर्णय से पानी फिर गया। उक्त बातें राजू दानवीर ने आज हिलसा प्रखंड अंतर्गत चिकसौरा में अभी चिकसौरा एमरजेंसी हॉस्पिटल का शुभारंभ करते हुए कहा उन्होंने कहा कि चुनाव रद्द होने से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि इस बार अधिकतर ईमानदार युवा और समाजसेवी अपने मेहनत की कमाई और कर्ज लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे, जो सब बर्बाद हो गया। 2- 3 दिनों बाद मतदान होने थे और कोर्ट के निर्णय से गहरा धक्का लगा है।
    उन्होंने कहा कि चुनाव रद्द होने से उन लोग का क्या होगा ? इन्होंने कर्ज लेकर या अपने खेत बेचकर राजनीति में सेवा के संकल्प से आने का फैसला लिया था ऐसे युवा आज क्या करेंगे ? वह रोड पर आ गए. जब यही करना था तो पहले ही हो जाना चाहिए था. यह गरीब और आम आदमी को धक्का था. सबसे बड़ी बात जिन लोगों ने चुपके से अंतिम दिन अपना नॉमिनेशन कराया था जो समाजसेवी थे, वो पैसा कहां से लाएंगे. चुनाव लेट होने से आपराधिक घटनाओं में वृद्धि होगी।

  • विपलुप्त हो रही नाट्य कला को पुनर्जीवित कर रहा नालंदा नाट्य संघ

    नवरात्र के मौके पर बिहारशरीफ के डाक बंगला मोड़ पर नालन्दा नाट्य संघ के कलाकारों द्वारा शहरी क्षेत्रों में विपलुप्त हो रही नाट्य परंपरा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से दो दिवसीय नाट्य सह संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया । नाट्य का उद्घाटन समाजसेवी अरविंद कुमार सिन्हा द्वारा किया गया । इस मौके पर उन्होंने नालंदा नाट्य संघ के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि आज के परिवेश में नाट्य कला विलुप्त होती जा रही है। इस विलुप्त हो रही नाट्य परंपरा को पिछले 66 साल से संघ के कलाकार पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। जो काबिले तारीफ है ।

    एक वक्त था जब नाट्य को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते थे । बहुत लोगों का इससे जुड़ाव हुआ करता था। मगर अब लोग इससे दूर होते जा रहे हैं। ऐसे परिवेश में नालंदा नाट्य संघ के कलाकार इस परंपरा को बचा रहे हैं वह बहुत बड़ी बात है । संघ के सचिव संजय कुमार डिस्को ने बताया कि पिछले 2 साल से कोरोना काल के कारण सभी तरह के आयोजन पर रोक था । इस बार स्थिति सामान्य होने पर माता के जहाँ लोग आशीर्वाद ले रहे हैं । वही संघ के कलाकारों द्वारा शिव तांडव ,जय माँ काली , शरणा वरना जैसे नाट्य का मंचन किया जा रहा है । नाट्य को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी।

  • मार्गदर्शन व पुस्तक वितरण श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में 16 अक्टूबर को होगी।

    नालंदा जिला के गिरियक प्रखंड के गांव हरगावाॅ में मार्गदर्शन व पुस्तक वितरण का कार्यक्रम पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में होने को लेकर जनसंपर्क की गई। इस मौके पर फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामदेव चौधरी ने कहा कि इस एक दिवसीय कार्यक्रम में10वीं 11वीं 12वीं कक्षा के देश के जानकार प्रोफेसर द्वारा एससी एसटी ओबीसी एवं अल्पसंख्यक छात्र एवं छात्राओं को फुले अंबेडकर शिक्षा संस्थान व एजुकेशन फाॅर चेंज के द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा एवं एनसीईआरटी पुस्तक पर 50% एंंव अन्य पुुस्तक पर 80% छूट और कॉपी कम दाम पर वितरण किया जाएगा नाश्ता एवं भोजन मुफ्त दिया जाएगा मेधावी छात्र एवं छात्राओं को 10,000 रु स्कॉलरशिप दिया जाएगा अंत में एक स्वर से उपस्थित लोगों ने कहा कि नालंदा जिले के अलावे बिहार के अन्य राज्य से भी छात्र एवं छात्राओं को अधिक से अधिक संख्या में आने का आवाहन किए तथा उपस्थित होकर अपने सपने को साकार करें हम उनके उज्जवल भविष्य के लिए कामना करेंगे तथा इस एक दिवसीय कार्यक्रम में छात्र एवं छात्राओं के अलावे उनके माता-पिता के उपस्थिति अनिवार्य है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लिंक द्वारा आरंभ है। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए सुबह 7:00 बजे से 9:00 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर कर सकते हैं। संपर्क नंबर 9570497272/7004901986 इस जनसंपर्क में मोहन चौधरी मनी चौधरी विकास चौधरी अजय चौधरी आदि लोग उपस्थित थे।

  • नालंदा जिला रिटायर आर्मी मैन के द्वारा गांधी जी की जयंती मनाया

    नालंदा जिला रिटायर आर्मी मैन के द्वारा आज चाणक्य क्लासेस में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती बड़े ही धूमधाम से मना कर देश के प्रति देश प्रेम का जज्बा को प्रदर्शित किया सभी रिटायर आर्मी मैन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की साथ ही उन्होंने इस उपलक्ष में केक काटकर उनके जन्मदिन को मनाया

    यह कार्यक्रम नालंदा एक्स सर्विसमैन वेलफेयर सोसाइटी के अंतर्गत किया गया जिसकी अध्यक्षता गोपाल लाल साहू ने किया|  बताते चलें कि यह हर रविवार को एक समूह में अपनी मूलभूत समस्याओं को लेकर बैठक करते हैं परंतु रविवार के दिन ही देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिन पड़ गया लोगों ने मीटिंग के पश्चात बड़े ही धूमधाम से इस कार्यक्रम को मनाया

  • कांग्रेस जनों ने महात्मा गांधी-लाल बहादुर शास्त्री को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि

    जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजेंद्र आश्रम बिहार शरीफ में देश के दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता स्वर्गीय महात्मा गांधी जी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार की अध्यक्षता में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई सर्वप्रथम कांग्रेस जनों ने उनके तैल चित्र पर माला एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तत्पश्चात दोनों महापुरुषों की जीवनी पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि आज हम आजादी के दो महान विभूतियों का जयंती मना रहे हैं जिनकी आज फिर से इस देश को आवश्यकता आन पड़ी है एक तरफ महात्मा गांधी जी सत्य एवं अहिंसा के पुजारी थे तो दूसरी तरफ लाल बहादुर शास्त्री ईमानदारी एवं सच्चाई के मिसाल के साथ-साथ एक कर्तव्यनिष्ठ एवं मजबूत इच्छाशक्ति के धनी थे

    एक तरफ गांधीजी नागरिकों को देश के किसी भी स्थान में रहने की आजादी के पक्षधर थे उनका कहना था कि मनुष्य को अपनी मन पसंदीदा जगहों में बसने से नहीं रोका जा सकता महात्मा गांधी जी सत्य और अहिंसा के लिए सदैव जाने जाते रहेंगे जब बंगाल में हिंदू विरोधी दंगे भड़क उठे थे इन दंगों को शांत कराने के लिए गांधीजी अपनी जान की परवाह किए बगैर लगभग 4 महीनों तक वहां ग्रामीण इलाकों में भ्रमण कर कौमी एकता स्थापित करते रहे उसके कुछ ही दिनों के बाद 1947 में ही जब बिहार में दंगे भड़के तो बंगाल से सीधा पटना की ओर रुख कर गांधी जी ने यहाँ भी कौमी एकता की मिसाल पेश कर सर्व धर्म का समभाव स्थापित कर बिहार के दंगे को भी समाप्त करवाने का काम किए थे ऐसे हजारों उदाहरण है जिसमें गांधी जी ने देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए अपनी जान की परवाह ना करते हुए उन्होंने हिंदुस्तान को एक सूत्र में बांधने का काम किया आज फिर से देश को महात्मा गांधी जैसे सपूत की आवश्यकता आ गई है क्योंकि इस देश में जो संगठन और लोग गांधीजी के हत्यारे थे

    आज वही लोग देश को दो भागों में बाँटते नजर आ रहे हैं एक तरफ गांधीवादी विचारों के समर्थक लोग हैं जो देश को हर हाल में टूटते देखना नहीं चाहते हैं तो दूसरी ओर हत्यारे गोडसे के समर्थक लोग हैं जो इस देश को अलगाववाद के रास्ते पर ले चलने का प्रयास कर रहे हैं लोगों को जोड़ने के बजाए उन्हें तोड़ने में विश्वास रखते हैं धर्म और जाति का विभेद पैदा कर एक दूसरे के भीतर भय का माहौल कायम कर उन्हें आपस में लड़ाने का काम कर रहे हैं लेकिन हम कांग्रेसी जनता के बीच जा जाकर गांधी जी का संदेश पहुंचाने का काम कर रहे हैं और जब तक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के शरीर में खून का एक कतरा भी बाकी रहेगा तब तक हम लोग इस देश को अलगाववादी ताक़तों से बचाएं रखेंगे दूसरी तरफ आज एक और हमारे बिभूति की भी जयंती है जिनकी सादगी की मिसाल दुनिया देती है स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री विवेकानंद जी के विचारों से काफी प्रभावित थे इसके अलावा वे गांधीजी के भी सच्चे अनुयाई थे देश जब आजाद हुआ था उस समय उन्हें सबसे पहला देश का रेलवे मंत्री होने का गौरव प्राप्त है उसके बाद वह देश के गृह मंत्री बने थे शास्त्री जी को देश में श्वेत क्रांति लाने के लिए जाना जाता है उन्होंने अमूल दूध को बढ़ावा देते हुए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया था साथ ही शास्त्री जी को देश के किसान और मजदूरों को नेता के तौर पर भी जाना जाता है

    उन्होंने सीमा पर डटे जवानों के साथ-साथ नौजवानों एवं किसानों के लिए एक नारा दिया था जिसका नाम जय जवान जय किसान था शास्त्री जी अपनी सादगी एवं ईमानदारी के लिए भी जाने जाते थे जब वह मंत्री पद से हटे थे तो उनके घर के कमरे में सिर्फ एक जगह कमरे में ही लाइट जलता था बाकी कमरे अंधेरे में रहते थे जब उनसे यह प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा की अकारण बिजली का खपत क्यों किया जाए और वैसे भी जब मेरा एक बल्ब से ही काम चल जाता है तो मैं ज्यादा बिजली बिल जमा क्यों भरूं यह उनका वाक्य था उनके बारे में तो यहां तक कहा गया है कि जब उस जमाने में आलू महंगी हुई थी तो उन्होंने आलू खाना ही छोड़ दिया था स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जब स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल गए तो उन्होंने गरीब स्वतंत्रता सेनानियों की भी मदद की जब शास्त्री जी जेल में थे तो उनकी पत्नी को घर चलाने के लिए 50 रुपए मिलते थे यह पैसा उन्हें लाला लाजपत राय जी की संस्थान सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी की ओर से मिलता था उस समय शास्त्री जी की पत्नी ने कहा था कि मेरा घर 40 रुपया महीना में ही चल जाता है

    इसके बाद शास्त्री जी ने जेल से ही पत्र लिखकर कहा था कि अतिरिक्त 10 रुपए किसी और जरूरतमंद को दे दिया जाए इतना ही नहीं जब वह प्रधानमंत्री थे तो वह खुद अपने बेटे का रिपोर्ट कार्ड लेने के लिए दिल्ली स्थित सेंट कोलंबस स्कूल पहुंच गए थे आज फिर से ऐसी सादगी विचार एवं इमानदार नेता को इस देश की आवश्यकता आ पड़ी है आज अगर हमारे यह दोनों महापुरुष हम लोगों के बीच होते तो देश का यह हाल नहीं हुआ होता आज के जयंती समारोह में जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह नव प्रभात प्रशांत मो जेड इस्लाम मो उस्मान गनी महिला अध्यक्ष संजू पांडे नंदू पासवान अजीत कुमार नगर अध्यक्ष महताब आलम गुड्डु मुन्ना पांडे कोषाध्यक्ष ताराचंद मेहता सरबेंद्र कुमार अधिवक्ता सैयद इफ़्तखार आलम बच्चू प्रसाद देवेंद्र यादव मो जोहैर गनी अशोक कुमार के अलावे दर्जनों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी अपने-अपने विचार दोनों महापुरुषों पर व्यक्त किए॥

  • “सी” प्रमाण पत्र एवं अवार्ड प्राप्त कैडेटों को किया गया सम्मानित |

    आज 38 बिहार बटालियन एनसीसी बिहार शरीफ के प्रांगण में एनसीसी के “सी”प्रमाण पत्र एवं एनसीसी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कैडेटों को बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राजीव बंसल ने पारितोषिक प्रमाण पत्र एवं नगद रुपया से सम्मानित किया कर्नल राजीव बंसल ने बताया कि इस बार संपन्न हुए “सी” प्रमाण पत्र की परीक्षा में जो सासाराम में हुआ था हमारे कैडेटों का प्रदर्शन अन्य बटालियन के मुकाबले अच्छा रहा आज उन्हें “सी” प्रमाण पत्र दिया गया साथ ही साथ उन्हें समाज के लिए देश के लिए अच्छा करने उदाहरण प्रस्तुत करने देश भक्ति एवं राष्ट्र भक्ति का जज्बा और राष्ट्रप्रेम की भावना से आम जनमानस को भी सराबोर करना है

    उन्होंने उन्होंने थल सेना कैंप यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम बेस्ट कैरेट आदि कैडेटों से भी मुलाकात की एवं उनका हौसला अफजाई किया उन्हें सम्मानित किया इस अवसर पर पटेल कॉलेज के एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट डॉक्टर शशिकांत कुमार टोनी सूबेदार मेजर शुक्रर सवैया, सूबेदार भरत थापा, धान बहादुर राणा ,धनंजय कुमार, धर्मेंद्र भारद्वाज, शंकर जाधव, हवलदार संजीव कुमार, लिपिक विजय शंकर ,अखिलेश्वर कुमार, साहिल भारती शिवदयाल मधुकर ,ज्योति कुमारी आदि सैकड़ों कैडेट्स आर्मी स्टाफ मौजूद थे अंत में भारत माता की जय और वंदे मातरम 38 बिहार बटालियन की जय से पूरा बटालियन परिसर गूंज उठा।