Tag: मंदिर

  • देवीसराय मुहल्ले में स्थापित की गई मां काली को नगर भ्रमण के साथ विदाई

    देवीसराय मुहल्ले में स्थापित की गई मां काली को नगर भ्रमण के साथ विदाई दी गई। मां की विदाई में महिला श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई। प्रतिमा विसर्जन को लेकर सुबह से ही तैयारी शुरू कर दी गई थी। परम्परा के अनुसार सबसे पहले मुहल्ले व आस-पास की महिलाएं खोईछा भरने का रस्म अदा किया।

    इसके बाद मुहल्लेवासियों द्वारा मां काली को नगर भ्रमण कराया गया। नगर भ्रमण के दौरान डीजे के धुन पर गुलाल उड़ाती महिलाएं जमकर थिरक रही थी। और जय माता दी के जयघोष के साथ विदाई दी। संतोष कुमार गुलमणी, दिनेश प्रसाद ने बताया कि हर साल यहां आश्विन पूर्णिंमा को शितला नगरी मघड़ा में भव्य मेला का आयोजन किया जाता है

    दुसरे दिन विधिवत नगर भ्रमण कराते हुए मां काली को शितला सरोवर में विसर्जन किया जाता है। इस इलाके में करीब 1 दर्जन प्रतिमाएं स्थापित होती है। दशहरा मेला समाप्त होने के बाद लोग मघड़ा मेला का आनंद उठाने काफी दुर-दुर से आते हैं। प्रतिमा विसर्जन जुलूस को लेकर सोमवार को दोपहर के बाद बिहारशरीफ-एकंगर मार्ग पर जाम का नजारा रहा। हलांकि रोड जाम हटाने के लिए पुलिस बल तैनात थे। लेकिन जुलूस में भीड़ होने के कारण समस्या हो रही थी।

  • संत आश्रम राजाकुआं में 48 घंटे का अखंड हरिकीर्तन का समापन

    बिहारशरीफ,6 अक्टूबर 2022 : बिहारशरीफ प्रखंड अंतर्गत राजाकुआं स्थित संत बाबा आश्रम में श्री संत आश्रम न्यास समिति के सौजन्य से सोमवार 3 अक्टूबर 2022 से बुधवार 5 अक्टूबर 2022 तक 48 घंटे का अखंड हरिकीर्तन संपन्न हुआ। अखंड हरिकीर्तन का उद्घाटन श्री संत आश्रम न्यास समिति के संरक्षक पूर्व एमएलसी राजू यादव ने किया।
    मौके पर उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से जहां लोगों में भक्ति और मानवीय संवेदनाओं का संचार होता है, वहीं पर्यावरण भी शुद्ध होता है। उन्होंने कहा कि जनमानस में अच्छी सोच और आपसी भाईचारा के लिए किया जा रहा अखंड हरिकीर्तन श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत होगा। उन्होंने आह्वान भी किया कि इस भूमंडलीय ऊष्मीकरण (ग्लोरबल वॉर्मिंग) के मौके पर लोग खाली स्थलों पर पौधारोपण करें जिससे लोगों को ऑक्सीजन या शुद्ध प्राणवायु भी मिलेगा। वहीं बरसात के पानी का संचयन भी करें। वर्तमान समय में कृषि के लिए उचित बारिश नहीं होने की वजह से स्थिति भयावह हो रही है। ऐसे में जलस्तर में भी गिरावट हो रही है। इसलिए आनेवाले पीढ़ी के लिए जल बचाने की जरूरत है और लोगों को जल बचाने के लिए जागरूक करें।
    कार्यक्रम के दौरान बाबा नवदीप ने कहा कि वातवरण शुद्ध हो और सभी गांव एवं समाज में एकता बनी रहे इसी उद्देश्य से श्री संत आश्रम में प्रत्येक वर्ष 3 अक्टूबर संत बाबा के पूण्यतिथि पर अखंड हरिकीर्तन का आयोजन किया जाता है। अखंड हरीकीर्तन के समापन के अवसर पर महाप्रसाद का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय हरीकीर्तन में नालंदा ही नहीं बल्कि पड़ोसी जिले के लोग संत बाबा का दर्शन करने और हरे रामा-हरे कृष्णा का हरीकीर्तन में भाग लेने के लिए पधारे हैं।
    इस हरीकीर्तन में अध्यक्ष राजेश्वर यादव, आनंदी प्रसाद, जागेश्वर यादव, राकेश बिहारी शर्मा, सुरेश प्रसाद, सरदार वीर सिंह, विजय कुमार, महंथ बबाली साधु, अवधेश प्रसाद,मारो देवी,बिंदा देवी,शबनम कुमारी, शिवानी कुमारी, विनोद बाबा, टुनि बाबा, रामेश्वर सिंह, द्वारिका बाबा आदि सैकड़ो महिला-पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।

  • धनेश्वरघाट मंदिर में हवन व पूजा के साथ 48 घंटे का अष्टयाम महायज्ञ सम्पन्न

    बिहारशरीफ के धनेश्वरघाट हनुमान मंदिर में गुरुवार को हवन व सत्यनारायण पूजा के साथ ही 48 घंटे का दो दिवसीय 32वां अष्टयाम महायज्ञ सम्पन्न हुआ। हनुमान मंदिर यज्ञ समिति की ओर से आयोजित इस अष्टयाम महायज्ञ का शुभारंभ 6 सितंबर को हुआ था। दो दिनों तक निर्बाध रूप से भैंसासुर, सोसन्दी, बेलदारबीघा, लोदीपुर व हुड़ारि गांवों की कीर्तन मंडली द्वारा “हरे राम, हरे कृष्णा” के उद्घोष से पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ रहा।

    धनेश्वरघाट मंदिर में हवन व पूजा के साथ 48 घंटे का अष्टयाम महायज्ञ सम्पन्न

    यज्ञ समिति के वरिष्ठ सदस्य आनन्द कुमार ने बताया कि अष्टयाम का अर्थ है आठ पहर। एक दिन-रात में आठ याम होते हैं इसलिए इसे अष्टयाम से अभिहित किया जाता है। महायज्ञ समष्टि प्रधान होता है। अत: इसमें व्यक्ति के साथ जगत कल्याण और आत्मा का कल्याण निहित रहता है। इसलिए महर्षि भारद्वाज ने कहा है कि सुकौशलपूर्ण कर्म ही यज्ञ है और समष्टि सम्बन्घ से उसी को महायज्ञ कहते हैं।
    यज्ञ समिति के अध्यक्ष ने बताया कि धनेश्वरघाट मन्दिर में अष्टयाम महायज्ञ का शुभारंभ 1992 में हुआ। हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी इसकी शुरुआत तथा 48 घण्टे बाद त्रयोदशी को हवन-पूजा के साथ संपन्न होता है।

    धनेश्वरघाट मंदिर में हवन व पूजा के साथ 48 घंटे का अष्टयाम महायज्ञ सम्पन्न

    इसकी शुरुआत यज्ञ मंडप में 6 सितंबर मंगलवार को कलश स्थापित कर भगवान की पूजा-अर्चना से की गई। सर्व कल्याण, जन हिताय, चंहुओर सुख-समृद्धि की विचारधारा को आगे बढ़ाने सहित विश्व शांति के लिए आयोजित इस दो दिवसीय अष्टयाम यज्ञ के दूसरे और अंतिम दिन 8 सितंबर गुरुवार को धनेश्वरघाट मन्दिर परिसर में हवन व सत्यनारायण पूजा की गई। इस अवसर पर हनुमान मंदिर यज्ञ समिति की ओर से प्रसाद वितरण व भंडारा का भी आयोजन किया गया। इसमें श्रद्धालु नर-नारियों सहित हजारों लोगों ने भोजन किया। अष्टयाम महायज्ञ के सफल आयोजन में यज्ञ समिति के कुमार माधवेन्द्र सिंह, रामकृष्ण प्रसाद, उदय प्रसाद, कुमार मयंक, कौशलेन्द्र कुमार, दीपू कुमार, शैलेन्द्र कुमार, उपेन्द्र कुमार, राकेश कुमार, मुन्ना सिंह व पुजारी सूरज कुमार आदि सक्रिय रूप से लगे रहे।