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  • नीतीश पर भारी पड़े तेजस्वी यादव.. कांग्रेस भी मन मसोकर रह गई.. जानिए पूरा मामला

    बिहार में विधानसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं । दोनों सीटों के लिए बीजेपी पहले उम्मीदवार उतार चुकी है। अब महागठबंधन ने भी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। इस उपचुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और कांग्रेस पर तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी भारी पड़ी है। पहले माना जा रहा था कि महागठबंधन में चर्चा थी कि आरजेडी मोकामा और जेडीयू गोपालगंज लड़ेगी लेकिन आखिर में तेजस्वी भारी पड़े और दोनों सीट आरजेडी के नाम कर लिया। इससे जेडीयू के साथ-साथ कांग्रेस को भी मन मसोसना पड़ा है।

    किसे किसे मिला टिकट
    गोपालगंज और मोकामा उपचुनाव को लेकर आरजेडी ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। मोकामा से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मैदान में उतारा है । तो वहीं, गोपालगंज में बीजेपी की कुसुम देवी के खिलाफ आरजेडी ने मोहन प्रसाद गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है।

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    बाहुबलियों की पत्नी में भिड़ंत
    सबसे पहले बात मोकामा विधानसभा सीट की करते हैं। यहां उपचुनाव में बाहुबलियों में मुकाबला होगा। बीजेपी ने बाहुबली नलिनी रंजन शर्मा उर्फ ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को मैदान में उतारा है .. तो वहीं आरजेडी ने बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को टिकट दिया है । ललन सिंह और अनंत सिंह में पहले भी छत्तीस का आंकड़ा रहा है और दोनों ही भूमिहार जाति से आते हैं । अगर आंकड़ों की बात करें तो नीतीश कुमार और आरजेडी में गठबंधन के बाद नीलम देवी का पलड़ा भारी दिख रहा है ।

    गोपालगंज में होगी किसकी जीत
    गोपालगंज में बीजेपी के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती है। बीजेपी ने पूर्व विधायक सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को मैदान में उतारा है।सुभाष सिंह के निधन से ही यह सीट खाली हुई है। महागठबंधन ने आरजेडी के मोहन प्रसाद गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। अगर बात आंकड़ों की करें तो सुभाष सिंह यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं । वे लगातार चौथी बार विधायक बने थे । इस बार मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है ।

    मोकामा में क्यों हो रहा है उपचुनाव
    मोकामा के पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट में कोर्ट ने दोषी करार दिया था । जिसकी वजह से उनकी विधासनसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उन्होंने जदयू उम्मीदवार को हराया था। तब जेडीयू एनडीए में था। इस बार उपचुनाव में मोकामा से अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह मैदान में हैं। ऐसे में असली दंगल दो बाहुबलियों की पत्नियों के बीच है

  • नीतीश कुमार के मंत्री ने कहा- हां, मैं चोरों का सरदार हूं.. विपक्ष ने मांगा इस्तीफा

    बिहार में जब से आरजेडी के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने सरकार बनाई है । तब से ही रोज नया नया बखेड़ा खड़ा हो जाता है । पहले कार्तिकेय कुमार को कानून मंत्री बनाने पर.. फिर लेशी सिंह को मंत्री बनाने पर.. तो कभी मंत्रियों के बयान पर ।

    ‘हां, मैं चोरों का सरदार हूं’
    अब बिहार के कृषि मंत्री और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे बयान पर हंगामा पसरा हुआ है । बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि हां वो चोरों के सरदार हैं । साथ ही कहा कि वो अपने बयान पर कायम हैं । उन्होंने जो कुछ भी कहा है सही कहा है।

    क्यों बताया चोरों का सरदार
    दरअसल. सुधाकर सिंह कैमूर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे । इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को जमकर लताड़ा । उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के कर्मचारी और अफसर चोर हैं। इसलिए वो खुद चोरों के सरदार हैं।उन्होंने अपने विभाग के अफसरों और कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुआ कहा कि कर्मचारी और अधिकारी नकली रिपोर्ट पेश करने का काम करते हैं ।

    विपक्ष ने साधा निशाना
    कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के विवादित बयान के बाद विपक्ष हमलावर है । विपक्ष ने कृषि मंत्री और नीतीश सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार सरकार भ्रष्ट हो चुकी है और ऐसे में कृषि मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए

  • बिहार बीजेपी के 10 नेताओं की Y सुरक्षा छीनी गई.. जानिए किस किस का और क्यों ?

    बिहार बीजेपी के नेताओं को झटके पर झटका लग रहा है । पहले हाथ से सत्ता गई । अब बीजेपी के बड़े नेताओं की वाई कैटगरी की सुरक्षा छिन गई है । बीजेपी के जिन नेताओं का Y श्रेणी की सुरक्षा छिन गई है उसमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद शामिल हैं ।

    कब और क्यों मिली थी सुरक्षा
    दरअसल, इस साल जून में सेना में भर्ती की केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का बिहार में भारी विरोध हुआ था। युवाओं ने भारी आगजनी और तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद बीजेपी के कई नेताओं ने बिहार सरकार पर आन्दोलनकारियों का साथ देने का आरोप लगाया था। बीजेपी नेताओं का आरोप था कि सरकार के शह पर ऐसा हुआ है और प्रदर्शन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है । जिसके बाद केन्द्र ने सुरक्षा मुहैया कराया था।

    किस किस की सुरक्षा छिनी
    बिहार बीजेपी के जिन 10 नेताओं से वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ली गई है । उसमें प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर, अररिया के सांसद प्रदीप सिंह, किशनगंज के एमएलसी दिलीप जायसवाल शामिल हैं। साथ ही कटिहार से एमएलसी अशोक अग्रवाल, दीघा से बीजेपी विधायक संजीव कुमार चौरसिया, बिस्फी से बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल और दरभंगा के विधायक संजय सरावगी भी शामिल हैं

    केंद्र ने वापस ली सुरक्षा
    सुत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने इन सभी नेताओं से वाई कैटगरी की सुरक्षा वापस ले ली है । आपको बता दें कि बीजेपी के इन नेताओं को जून महीने में उस समय वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, सेना की बहाली के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की थी।इस दौरान बिहार में पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी और प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल समेत कई नेताओं के घरों पर तोड़फोड़ हुआ था ।

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  • सत्ता गंवाने के बाद बिहार BJP में बड़े बदलाव.. जानिए अब किसे मिला प्रभार

    बिहार में सत्ता गंवाने के बाद भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व का अब बिहार में संगठन पर एक बार भी नजर रख रही है । बिहार बीजेपी के नए प्रभारी बनाए गए हैं। भूपेंद्र यादव की जगह अब तावड़े को बिहार का नया प्रभारी बनाया गया है। साथ ही कई अन्य लोगों को भी अलग जिम्मेदारी दी गई है।

    कौन हैं तावड़े
    विनोद तावड़े को बिहार बीजेपी का नया प्रभारी बनाया गया है। उन्हें भूपेन्द्र यादव की जगह बिहार का प्रभारी बनाया गया है । गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 का बिहार में शंखनाद करने के पूर्व विनोद तावड़े को प्रभारी बनाया जाना महत्वपूर्ण है। तावड़े महाराष्ट्र के रहने वाले हैं ।वे अखिल विद्यार्थी परिषद से ही बीजेपी से जुड़े रहे हैं। अभी वे पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री हैं। ओबीसी समुदाय से आने वाले विनोद तावड़े महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। तावड़े के पास बिहार से पहले हरियाणा की जिम्मेदारी थी।।

    मंगल पांडेय का कद बढ़ा
    बीजेपी के केंद्रीय नेतृ्त्व ने मंगल पांडेय का कद एक बार फिर बढ़ा दिया है । मंगल पांडेय को बंगाल में BJP का प्रभारी बनाया गया है । मंगल पांडेय अब तक हिमाचल प्रदेश और झारखंड के प्रभारी रह चुके थे। उन्हें अब पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य का प्रभारी बनाया गया है। वे बिहार बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं साथ ही बिहार के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे थे

    नितिन नवीन को नई जिम्मेदारी
    बिहार बीजेपी के युवा नेता और पूर्व मंत्री नितिन नवीर को भी नई जिम्मेदारी दी गई है । पटना के बांकीपुर से विधायक नितिन नवीन को छत्तीसगढ़ का सह-प्रभारी बनाया गया है।

    रितुराज सिन्हा को नई जिम्मेदारी
    वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री और युवा नेता रितुराज सिन्हा को नॉर्थ-इस्ट प्रदेश का सह-संयोजक बनाया गया है। आपको बता दें कि रितुराज सिन्हा आरके सिन्हा के बेटे हैं ।

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  • जीजाजी के चक्कर में बुरे फंसे तेजप्रताप यादव.. विपक्ष ने बुरी तरह से घेरा.. जानिए पूरा मामला

    जीजाजी के चक्कर में बुरे फंसे तेजप्रताप यादव.. विपक्ष ने बुरी तरह से घेरा.. जानिए पूरा मामला | Nalanda Live



  • नीतीश ने कर दिया खेल.. पहले इस्तीफा, फिर सरकार गठन का दावा

    बिहार में JDU और BJP के बीच तलाक हो गया है । CM नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया । साथ ही शाम 4 बजे राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने तुरंत ही नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। उनके पास कुल 164 विधायकों का समर्थन है ।

    तेजस्वी ने रिसीव किया
    नीतीश कुमार राजभवन से सीधे राबड़ी देवी आवास पहुंचे। जहां तेजस्वी यादव उन्हें रिसीव करने बाहर तक आए। राबड़ी के घर पर आरजेडी, कांग्रेस और माले के विधायक मौजूद थे। जहां नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुना गया।

    दूसरी बार राजभवन पहुंचे
    महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार दोबारा राजभवन पहुंचे। इस बार उनके साथ तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव भी साथ में थे। नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस बार 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा। पहली बार नीतीश कुमार ने 160 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी। लेकिन जीतन राम मांझी भी नीतीश के साथ आ गए। उसके पास 4 विधायक हैं।

    बीजेपी की इमरजेंसी बैठक
    बिहार के सियासी उठापटक के बीच बीजेपी ने कोर ग्रुप की आपात बैठक बुलाई है।जिसमें मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा होगी । आपको बता दें कि बीजेपी और जेडीयू में साल 2020 में गठबंधन बना था।

    तेजस्वी बनेंगे डिप्टी CM
    तेजस्वी यादव को एक बार फिर बिहार का डिप्टी CM बनाया जाएगा। जबकि स्पीकर की कुर्सी कांग्रेस को जाएगी । कांग्रेस कह चुकी है कि नीतीश कुमार ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। सब कुछ तय हो गया है।

  • नालंदा में जेडीयू का सम्मान समारोह में मंत्री श्रवण कुमार का बड़ा बयान.. जानिए क्या कहा

    बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड यानि जेडीयू ने नालंदा में सम्मान समारोह का आयोजन किया । इसका आयोजन रहुई प्रखंड के एक निजी विद्यालय में किया गया था। जिसके आयोजक जेडीयू के रहुई प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार पटेल उर्फ राकेश मुखिया थे ।

    कौन कौन हुए शामिल
    सम्मान समारोह कीअध्यक्षता हरनौत के पूर्व विधायक इंजीनियर और नव नियुक्त राष्ट्रीय महासचिव ई.सुनील ने किया। जबकि ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार मुख्य अतिथि के तौर पर सम्मेलन में शामिल हुए। इसके अलावा नालन्दा सांसद कौशलेंद्र कुमार और हरनौत के जेडीयू विधायक हरिनारायण सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

    हर प्रखंड में ऐसा समारोह हो
    ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने साथ ही अपील की हर प्रखंड अध्यक्ष को ये पहल करनी चाहिए ताकि पार्टी मजबूत हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो काम किया है और जो काम कर रहे हैं उसे जन-जन तक पहुंचाएं।

    मंत्री का बड़ा निर्देश
    बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि आज जिले में सुखाड़ की स्थिति बन रही है। उसे लेकर जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने का, बंद नलकूप को चालू करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है एवं इस स्थिति में किसान भाई कैसे वैकल्पिक खेती करें उसके लिए भी इंतजाम किया जा रहा है।

    ईं सुनील ने क्या कहा
    जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव ई. सुनील कुमार ने कहा कि वे अब भी खुद को आम कार्यकर्ता ही मान रहे हैं। जो विश्वास हम पर पार्टी ने जताया है उस पर खरा उतरने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ को और मजबूत करने की कोशिश करेंगे ताकि जदयू बिहार में और मजबूत हो।

    और कौन कौन शामिल हुए
    इस मौके पर पूर्व मंत्री नीरज कुमार, एमएलसी रीना यादव, अस्थावां विधायक डॉ. जितेंद्र कुमार, हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी शरण, राजगीर विधायक कौशल किशोर, इस्लामपुर के पूर्व विधायक चंद्रसेन कुमार, पूर्व विधान पार्षद राजू यादव, जिला अध्यक्ष सियाशरण ठाकुर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुशवाहा, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी असगर शमीम भी मौजूद रहें।

  • RJD विधायक दोषी करार.. अदालत ने सुनाई सजा, जुर्माना भी लगाया.. जानिए पूरा मामला

    आरजेडी विधायक प्रकाशवीर को अदालत से बड़ा झटका लगा है । कोर्ट ने नवादा के रजौली विधानसभा क्षेत्र के आरजेडी विधायक प्रकाशवीर को छह महीने की सजा सुनाई है। साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

    किस मामले में सजा
    नवादा की एमपी एमएलए कोर्ट ने 17 साल पुराने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में प्रकाशवीर को दोषी करार दिया है। अदालत ने रजौली के आरजेडी विधायक प्रकाशवीर को छह महीने की सजा और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

    क्या है मामला
    मामला साल 2005 के विधानसभा चुनाव का है । बताया जा रहा है कि उस समय प्रकाशवीर लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर रजौली विधान सभा के उम्मीदवार थे। चुनाव प्रचार के क्रम में 5 अक्टूबर 2005 को तत्कालीन रजौली थानाध्यक्ष शिवनारायण राम ने पाया कि प्रकाशवीर ने रजौली थाना मोड़ और गोलाई मोड़ के समीप बिजली के खम्भे और एनएच 31 पर पीपल के पेड़ पर काफी संख्या में बैनर और पोस्टर लगवाए हुए थे। जिसमें प्रकाशवीर को अभियुक्त बनाया गया था।

    17 साल बाद सजा
    17 साल तक मुकदमा चलने के बाद अब आरजेडी विधायक प्रकाशवीर दोषी करार दिया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार अविनाश ने अदालत में गवाहों के बयान के आधार पर विधायक प्रकाशवीर को बिहार सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1985 की धारा 3 (1) के तहत दोषी करार देते हुए छह माह का कारावास और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

    बेल पर रिहा
    हालांकि एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा मिलने के बाद अपीलीय बेल बांड पर उन्हें रिहा भी कर दिया । अब वो इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। अगर हाईकोर्ट से भी सजा बरकरार रहती है तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा।

  • बहुत बड़ी मुश्किल में लालू परिवार.. लालू के सबसे करीबी को CBI ने किया गिरफ्तार

    आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती है। क्योंकि, सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है । सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के सबसे करीबी शख्स को दिल्ली से गिरफ्तार किया है । ये गिरफ्तारी रेलवे भर्ती घोटाले में हुई है ।

    भोला यादव गिरफ्तार
    लालू प्रसाद यादव के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है । बताया जा रहा है कि सीबीआई ने उन्हें आज सुबह दिल्ली से गिरफ्तार किया है । भोला यादव की गिरफ्तारी रेलवे भर्ती घोटाले में हुई है । उनपर जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप है ।

    चार ठिकानों पर छापेमारी
    सीबीआई की टीम बिहार में चार जगहों पर एक साथ छापेमारी भी कर रही है । जिसमें पटना, दरभंगा, गोपालगंज शामिल है । बताया जा रहा है कि दरभंगा में भोला यादव के आवास पर छापेमारी की जा रही है ।

    कौन है भोला यादव
    भोला यादव लालू परिवार के सबसे करीबी हैं। ये लालू यादव के साथ साये की तरह रहते हैं । लालू यादव जब रेलमंत्री थे तब भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे. उसी समय रेलवे में भर्ती घोटाला हुआ था. आरोप है कि नौकरी के बदले घोटाले का कथित मास्टरमाइंड भोला यादव ही है ।

    क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला
    दरअसल, ये मामला तब का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे । आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है । जिसमें लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा यादव, हेमा यादव पर केस दर्ज किया गया है । अब इस मामले में सीबीआई द्वारा ये पहली गिरफ्तारी है.