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  • वोटर लिस्ट में पंजीकरण के लिए युवाओं को मिलेगा अब चार मौक़ा

    युवाओं को अब वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए चार अर्हता तिथियाँ निर्धारित की गई हैं . उन्हें मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए नए नियम के अनुसार अब चार बार अवसर मिलने जा रहा है . उक्त बातों की जानकारी बुधवार को शहर के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में जाकर भावी मतदाताओं को जागरुक करते हुए डॉ. आशुतोष कुमार मानव ने दी. स्थानीय रामचंद्र गुप्ता कन्या उच्च विद्यालय में उन्होंने कहा कि पहले 1 जनवरी की अर्हता तिथि के आधार पर ही मतदाता सूची में नए मतदाताओं के नाम का पंजीकरण होता था . अब नए नियम के अनुसार 01 जनवरी के अलावे 01 अप्रैल, 01 जुलाई और 01 अक्टूवर भी भी अर्हता तिथि के रूप में निर्धारित की गई है .

    वोटर लिस्ट में पंजीकरण के लिए युवाओं को मिलेगा अब चार मौक़ा

    डा. मानव ने कहा कि इन चार अर्हता तिथियों के अनुसार आवेदन वोटर लिस्ट में प्रारूप प्रकाशन की तिथि 09 नवम्बर 2022 के बाद से किए जा सकेंगे . जो आवेदक वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण अवधि के दौरान पंजीकरण के लिए अपना अग्रिम दावा दाखिल नहीं कर सके हैं उन्हें बाद की हर तिमाही में निर्धारित अर्हता तिथि के संदर्भ में दावे दाखिल करने से मना नहीं किया जाएगा . उन्होंने भावी वोटरों से कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नए नाम शामिल करने, संशोधन करने, नाम स्थानांतरित किए जाने इत्यादि के लिए अलग – अलग नए फ़ॉर्म तैयार किए जा रहे हैं . 05 जनवरी 2023 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा . उन्होंने ख़ासकर युवा वर्ग से आह्वान किया कि समय से अपने नाम का पंजीकरण मतदाता सूची में करवाएँ और देश के लोकतंत्र को मज़बूत बनाएँ .

  • डिजिटल लाइब्रेरी पर नालंदा कॉलेज में व्याख्यान:

    नालंदा कॉलेज का आईक्यूएसी एवं केंद्रीय पुस्तकालय ने संयुक्य रूप से “डिजिटल लाइब्रेरी का प्रबंधन: अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादुन के प्रधान लाइब्रेरीयन एवं सूचना अधिकारी डॉ ए. के. सुमन ने शिरकत करते हुए अपनी पीपीटी प्रस्तुतिकरन के माध्यम से वर्तमान समय में डिजिटल लाइब्रेरी की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की डिजिटल लाइब्ररी एक ऐसी लाइब्ररी होती है जिसमे डिजिटल और इलेक्ट्रोनिक प्रारूप में डाटा को स्टोर किया जाता है और कंप्यूटर या किसी इलेक्ट्रोनिक उपकरण के द्वारा इस डाटा को एक्सेस किया जा सकता है. डॉ सुमन ने कहा की डिजिटल लाइब्ररी में लोगो को यूजफुल इनफार्मेशन और नॉलेज को मल्टीमीडिया डाटा में सूचना प्रबंधन के तरीकों का उपयोग करके दिया जाता है. प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने अध्यक्षता करते हुए कहा की इसमें देश के सभी दुर्लभ साहित्यों व प्रलेखों को सुरक्षित रखा जाता है।डिजिटल लाइब्रेरी पर नालंदा कॉलेज में व्याख्यान:

    हमारा देश बहुत तेजी से डिजिटल इंडिया बनते जा रहा है इसलिए आज युवाओं के लिए जरूरी है की नई तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। आईक्यूएसी के समन्वयक डॉ बिनीत लाल डिजिटल लाइब्रेरी के लाभ के बारे में बताते हुए कहा की एक ही रिसोर्स को एक ही समय में कई यूजर्स उपयोग कर सकते हैं, इसे किसी भी समय एक्सेस किया जा सकता है, इसका यूज करने के लिए यूजर को लाइब्ररी जाने की जरूरत नही होती है आदि। पुस्तकालय के असिस्टेंट लाइब्रेरीयन डॉ अंजनि कुमार ने कहा की कोरोना काल ने अनेक अवसर उपलब्ध कराये हैं और आज के समय में बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण डिजिटल लाइब्रेरी को एक विशेष दर्जा मिला है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विभाग के समन्वयक डॉ श्याम सुंदर प्रसाद ने वक्ता एवं उपस्थित सभी लोगों का आभार जताया। कार्यक्रम में शिक्षक संघ के सचिव एवं इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रतनेश अमन, कॉलेज के शिक्षक डॉ सुमित कुमार, प्रो संजय कुमार, प्रो सरवर अली, कुसुमलता एवं अर्चना कुमारी ने भी शिरकत की।