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  • JEE पास युवक निकला बड़ा फ्रॉड.. नालंदा का युवक पटना में गिरफ्तार.. जानिए पूरा मामला

    तेलंगाना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। तेलंगाना पुलिस ने पटना के पत्रकारनगर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर से एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक नालंदा जिला का रहने वाला है और वो JEE की परीक्षा पास कर चुका है।

    तेलंगाना पुलिस के मुताबिक जिस युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उसके पास से 33 लाख रुपये नकद, एक हीरे का हार, तीन हीरे की अंगूठी और पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है कि उसने फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए इक्ट्ठा किया है ।

    दरअसल, मामला तेलंगाना के साइबराबाद का है । जहां के एक व्यक्ति को कंपनी का डीलरशिप देने के नाम पर 29 लाख रुपये की ठगी की गई। इसे लेकर 16 जुलाई को तेलंगाना पुलिस में केस दर्ज किया गया।

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    पुलिस ने जिस युवक को गिरफ्तार किया है वो नालंदा जिला के कतरीसराय थाना के गंगापुर का रहने वाला है । उसका नाम आकाश है। बताय जा रहा है कि आकाश ने जेईई परीक्षा पास कर ली थी. लेकिन पैसे की तंगी के कारण इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन नहीं ले सका था. इसी दौरान साल 2021 में उसकी मुलाकात एक साइबर अपराधी से मुलाकात हुई. इसके बाद वह ठगी गिरोह का सदस्य बन गया. यह गिरोह हैदराबाद से ऑपरेट होता था.

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    तेलंगाना पुलिस के मुताबिक इस गिरोह के निशाने पर वे लोग होते थे, जो किसी कंपनी की डीलरशिप, एजेंसी और फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं. साइबर ठगी के जरिए इन आरोपियों ने करोड़ों रुपये कमाए हैं. मामले को लेकर फिलहाल नालंदा पुलिस भी बारिकी से जांच-पड़ताल कर रही है.पिछले एक साल में अपने साथियों के साथ मिलकर वो 2 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है।

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    आकाश के पकड़े जाने का सीधा कनेक्शन तेलंगाना से जुड़ा है। इसने अपनी टीम के साथ मिलकर तेलंगाना में साइबराबाद के निजामपेट के रहने वाले 40 साल के विलुका विजय कुमार के साथ बड़ी ठगी की थी। लग्जरी गाड़ी बेचने वाली कंपनी KIA के डीलरशीप, NOC, रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस दिलाने के नाम पर 29 लाख रुपए की ठगी की गई। इस मामले में तेलंगाना में साइबर क्राइम थाना की पुलिस ने 16 जुलाई को FIR दर्ज किया था।

  • नालंदा में खुदाई मिले दो हजार साल पुराने दुर्लभ अवशेष.. मिलेगी नई जानकारी

    शिक्षा नगरी नालंदा में दो हजार साल से ज्यादा पुराने अवशेष मिले हैं । इन अवशेषों को दुर्लभ माना जा रहा है। जिसमें शिवलिंग भी शामिल हैं । खुदाई में मिले शिवलिंग को ग्रामीण अपने साथ ले गये और शिवमंदिर में स्थापित कर दिया।

    कहां हुई खुदाई
    विश्व धरोहर की सूची में शामिल नालंदा खंडहर के पास तालाब की खुदाई की गई । जिसमें कई संरचनाएं मिली हैं। ये संरचना पालकालीन हो सकती है। चर्चा है कि नालंदा विश्वविद्यालय के समय यहां तालाब और सीढ़ियां थी। शिक्षक और छात्र यहां स्नान करते थे। तालाब की खुदाई गलत तरीके से की जा रही थी।

    ASI ने रुकवा दी थी खुदाई
    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसकी सुरक्षा के लिए बाउंड्री बनवाने का आदेश दिया है।एएसआई के मुताबिक ये यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का बफर जोन है। जिसमें खुदाई के लिए राज्य कला और संस्कृति विभाग से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना पड़ता है। लेकिन, तालाब की खुदाई करवा रही कार्य एजेंसी ने ऐसा नहीं किया। बल्कि चोरी चुपके रात में खुदाई होती रही

    खुदाई में क्या-क्या मिले
    खुदाई में शिवलिंग समेत कई प्राचीन और दुर्लभ अवशेष मिले हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि रात को छिपकर खुदाई की जाती थी। यहां मिले कई प्राचीन अवशेषों को लोग ट्रैक्टर पर लादकर ले गये हैं। खुदाई में मिले शिवलिंग को ग्रामीण अपने साथ ले गये और मोहनपुर गांव के शिवमंदिर में स्थापित कर दिया। इसी प्रकार अन्य अवशेष भी इधर-उधर कर दिया गया।

    विश्व धरोहर है नालंदा खंडहर
    नालंदा खंडहर को 15 जुलाई 2016 को यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 450 ई. में कुमारगुप्त ने की थी। 780 सालों तक यह बौद्ध धर्म, चिकित्सा, गणित, वास्तु आदि विषयों की पढ़ाई का केन्द्र बना रहा। भारत के अलावा दूसरे देशों से भी छात्र यहां पढ़ाई करने आते थे। यहां 10 हजार छात्र थे। उन्हें पढ़ाने के लिए दो हजार शिक्षक थे।

    खिलजी ने लगा दी थी आग
    1199 ई. में तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने इसे नष्ट कर दिया। कहते हैं कि यहां इतनी किताबें थी कि तीन महीने तक आग धधकती रही।

  • नालंदा में चार अंतरजिला अपराधी गिरफ्तार, जानिए, निशाने पर कौन थे ?

    नालंदा पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। बुजुर्ग और गांव के सीधे सादे लोगों को निशाना बनाने वाले चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है । ये चारों अंतरजिला अपराधी हैं। पूछताछ में चारों अपराधियों ने कई बड़े खुलासे किये हैं।

    कहां से हुई गिरफ्तारी
    चारों बदमाशों को सरमेरा से गिरफ्तार किया गया है। बिहारशरीफ सदर के डीएसपी डॉ. शिब्ली नोमानी ने बताया कि सरमेरा थाना पुलिस क्षेत्र में गस्ती कर रही थी। तभी थानाध्यक्ष को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग पंजाब नेशनल बैंक के पास घूम रहे हैं। जो बैंक से पैसा निकालने वालों से ठगी का काम करते हैं। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है ।

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    पूछताछ में कई खुलासे
    पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि बैंक से पैसा निकाल कर जो ग्राहक बाहर निकलते थे उन्हें ज्यादा पैसा देने के नाम पर या अन्य प्रलोभन झांसा देकर उसके रुपए ले लेते थे तथा अपना बनाया हुआ रुपया और कागज का बंडल दे देते थे।

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    कैसे बनाते थे निशाना
    ये गिरोह वैसे लोगों को अपना शिकार बनाता है जो इनके लालच में फंस जाए। खास कर पेंशनधारी या लाचार बुजुर्ग को। बेहद ही ग्रामीण वेशभूषा में बदमाश पहले से बैंको के पास खड़ी रहते हैं और यह कहकर भोले भाले और बुजुर्ग लोगों को ठगने का काम करते हैं कि वो अपने मालिक के यहां से पैसे चोरी कर लाया है। वह जो रुपए बैंक से निकाल कर लाए हैं। वो उसे दे दें और रुपये के बंडल को तत्काल ले जाकर अपने अकाउंट में जमा कर लें। उसके बाद मौके से बदमाश फरार हो जाते थे। जब रुपये से भरा बंडल खोला जाता था तो ठगी का एहसास होता था।

    अपराधियों के पास बंडल बरामद
    अपराधियों के पास से रुमाल में लपेटा हुआ कागज के दो बंडल मिले हैं। जिसके सबसे ऊपर 500 रुपए का सही नोट रखा हुआ. इसी बंडल को दिखाकर बैंक के ग्राहकों को अत्याधिक रुपया देने का लालच देकर इस गिरोह के द्वारा ठगी की घटना को अंजाम दिया जाता था। इनके पास से एक इंडिगो कार,मोबाइल फोन और बैंक में रुपया जमा निकासी की पर्ची भी बरामद की गई है ।

    कौन कौन गिरफ्तार
    पकड़े गए सभी आरोपी पटना जिला के रहने वाले हैं । जिसमें कंकड़बाग थाना क्षेत्र के जगनपुरा निवासी प्रमोद सहनी, फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र के आलमपुर गोनपुरा निवासी प्रमोद राम, हिंदूनी निवासी दिनेश राय, आलमपुर गोंनपुरा निवासी विशाल कुमार शामिल है।

    छापेमारी टीम में कौन कौन
    छापेमारी टीम में सदर डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी के अलावा सरमेरा थाना अध्यक्ष विवेक राज और दारोगा राकेश कुमार शामिल थे।डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के लालच या प्रलोभन में फंसकर अपना समय और धन ना गवाएं। साथ ही साथ बैंकों में अनजान लोगों से किसी भी प्रकार की मदद ना लें