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  • पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के वकीलों की फीस में पिछले 14 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं होने के मामलें पर चीफ सेक्रेट्री को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया

    दिसम्बर 2, 2022 । पटना हाइकोर्ट में राज्य सरकार के वकीलों की फीस में पिछले 14 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं होने के मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य के चीफ सेक्रेट्री को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता एस एस सुंदरम की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

    कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार सहित अन्य राज्य राज्य सरकार के वकीलों की तुलना में यहाँ के सरकारी वकीलों को काफी कम फीस का भुगतान किया जाता है।
    कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर ऑनलाइन सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि 2 हफ्ते के अंदर इस जनहित याचिका पर विस्तृत जवाब दे।

    याचिककर्ता की ओर से पूर्व महाधिवक्ता एवं सीनियर एडवोकेट पी के शाही ने बहस करते हुए कहा कि पटना हाई कोर्ट में ही केंद्र सरकार के वकीलों की जहाँ रोजाना फीस न्यूनतम 9 हज़ार रुपये है, वहाँ बिहार सरकार के वकीलों को इसी हाई कोर्ट में रोजाना अधिकतम फीस रू 2750 से 3750 तक ही है।

    वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को जानकारी दी कि पंजाब व हरियाणा, दिल्ली सहित पड़ोसी राज्य झारखंड और बंगाल में भी वहाँ के सरकारी वकीलों का फीस बिहार के सरकारी वकीलों से ज्यादा है।

    एडवोकेट विकास कुमार ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ( कैट) पटना बेंच में तो मूल वाद पत्र दायर कर उसपे बहस करने वाले केंद्र सरकार के वकीलों को रोजाना हर मामले पर 9 हज़ार रुपये फीस मिलता है।

    सबसे दयनीय स्थिति राज्य के सहायक सरकारी वकीलों की है, जिन्हे रोजाना मात्र 1250 रुपये फीस पर ही काम करना पड़ता है।

    कोर्ट ने इस मामले को एक गंभीर जनहित याचिका करार देते हुए मुख्य सचिव को शीघ्र प्रभावी कदम उठाने को आदेश दिया है।कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को भी कहा कि हाईकोर्ट के आज के आदेश को फौरन मुख्य सचिव तक प्रेषित करें ।
    बिहार में राज्य सरकारों के वकीलों के फीस में वृद्धि 14 साल पहले बिहार के महाधिवक्ता पी के शाही के ही कार्यकाल में ही हुई थी।

    इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर,2022 को की जाएगी।।

  • नीतीश का साख दाव पर

    कुढ़नी विधानसभा चुनाव निलाभ और ओवैसी के बीच फंसा गया है वैसे नीतीश कुमार की अलोकप्रियता और राजद के वोटर का आक्रामक ना होना बीजेपी को रेस में बनाये हुए हैं।वैसे तेजस्वी के सभा के बाद बदलाव जरूर हुआ है लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है कि महागठबंधन की जीत तय हो।

    कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के बहाने काफी लम्बे अरसे बाद गांव के लोगों के बीच घंटों रहने का मौका मिला इस दौरान सभी वर्ग जाति और समुदाय से जुड़े लोगों से हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा हुई, हैरान करने वाली बात यह रही कि चुनाव जदयू लड़ रही है लेकिन नीतीश कुमार कहीं चर्चा में नहीं है,नीतीश को लेकर एक अजीब तरह की बेरुखी देखने का मिला ,नीतीश पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।

    महिला वोटर नीतीश का नाम सुनते ही उसके चेहरे का भाव बदल जाता था और उनमें नीतीश के नाम के साथ एक अलग तरह का विश्वास झलकता था लेकिन उसके चेहरे से वो विश्वास और भरोसा खत्म हो गया है एक अजीब तरह का निराशा देखने को मिला ।

    कुढ़नी के दलित बस्ती में लोगों से बात करने के बाद समझ में आया कि मांझी शराबबंदी को लेकर बार बार क्यों बयान दे रहे हैं भ्रष्टाचार और अफरशाही से कहीं अधिक लोग शराबबंदी के नाम पर उत्पाद विभाग और पुलिस के जुल्म से परेशान है जो शराब नहीं भी पीता है वह भी गुस्से में है गांव शराब माफिया के हवाले हो गया है और सब कुछ वही तय कर रहा है नीतीश की अलोकप्रियता के पीछे शराबबंदी एक बड़ी वजह है।

    हालांकि कुढ़नी विधानसभा मुजफ्फरपुर शहर और पटना समस्तीपुर फोरलेन पर होने के कारण शहरीकरण काफी तेजी से हुआ है और उसका असर यहां रहने वाले लोगों के मानसिकता पर साफ दिखता है और इसका लाभ स्वाभाविक तौर पर बीजेपी को है लेकिन निलाफ अभी भी मैदान में बहुत ही मजबूती से डटा हुआ है और उसके साथ का भूमिहार का युवक अभी भी डटा हुआ और उसी अंदाज में साहनी वोटर भी निलाफ के साथ खड़ा है इस वजह से बहुत कुछ अभी भी स्पष्ट नहीं है।

    वही मुसलमान का युवक ओवैसी के साथ है लेकिन इन सबके बीच नीतीश की अलोकप्रियता महागठबंधन के लिए भारी पड़ रहा है क्यों कि अति पिछड़ा वोटर भी नीतीश के साथ उस मजबूती के साथ खड़ा नहीं है महंगाई को लेकर जनता त्रस्त है और वो बोल भी रहा है कि मुफ्त में चावल गेहूं देकर दाल और खाने वाले तेल का दाम बढ़ा दिया है।

    महंगाई बड़ा मुद्दा है और 2024 का चुनाव कुछ अलग होगा ऐसा महसूस हो रहा है लेकिन नीतीश महागठबंधन के लिए लायबिलिटी ना बन जाए इसका खतरा साफ दिख रहा है वैसे नीतीश इस तरह की स्थिति से बाहर निकलने के माहिर खिलाड़ी रहे हैं ।

  • न्यूज नालंदा – लव इज ब्लाइंड के कहावत का चरितार्थ किया दो बच्चों की मां ने, जानें प्रेम कहानी…

    बिंद थाना क्षेत्र के एक गांव में दो शादीशुदा बच्चों की मां ने लव इज ब्लाइंड की कहावत का चरितार्थ किया है। 45 वर्षीया महिला एक बच्चे की के पिता के साथ गांव से फरार हो गई। दोनों आपस में देवर-भाभी हैं।

    न्यूज नालंदा – लव इज ब्लाइंड के कहावत का चरितार्थ किया दो बच्चों की मां ने, जानें प्रेम कहानी…

  • पटना हाईकोर्ट ने राज्य में नगर निकाय के विघटन की अवधि 6 माह से ज्यादा होने के बाद एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा निकायों में कार्य संभाले जाने के मामलें पर सुनवाई 19 दिसंबर,2022 तक टल गयी

    पटना हाईकोर्ट ने राज्य में नगर निकाय के विघटन की अवधि 6 माह से ज्यादा होने के बाद एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा निकायों में कार्य संभाले जाने के मामलें पर सुनवाई 19 दिसंबर,2022 तक टल गयी।जस्टिस ए अमानुल्लाह की खंडपीठ ने अंजू कुमारी व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।

    एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि चुनाव आयोग ने राज्य में नगर निकायों के चुनाव तिथियों की घोषणा कर दी है।दो चरण में ये चुनाव होंगे 18 दिसंबर और 28 दिसंबर,2022 चुनाव होंगे।31दिसम्बर,2022 तक चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

    पिछली कोर्ट ने उनसे जानना चाहा है कि क्यों नहीं प्रावधानों और कानूनों के उल्लंघन को मानते हुए एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा किए जा रहे कार्यों पर कोर्ट द्वारा रोक लगा दिया जाए।

    कोर्ट को राज्य सरकार के अधिवक्ता किंकर कुमार ने बताया था कि डेडीकेटेड कमीशन का गठन हाई कोर्ट के निर्देशानुसार कर दिया गया है।उसका रिपोर्ट आते ही राज्य में नगर निकाय का चुनाव करा लिया जाएगा।

    याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने कोर्ट को बताया कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार 5 वर्ष की अवधि समाप्त होने के पहले नगर निकाय का चुनाव हर हाल में करा लेना है। लेकिन बिहार में बहुत ऐसे नगर निकाय हैं, जिनको विघटित हुए एक बरस से ज्यादा की अवधि हो गई है ।इसके बावजूद इसके अभी भी उन नगर निकायों में एडमिनिस्ट्रेटर के द्वारा कार्य कराया जा रहा है, जो कानूनी रूप से सही नहीं है।

    कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस तरह के कार्यों को गैरकानूनी माना है।याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जिस प्रकार पंचायत में परामर्श दात्री समिति का गठन किया गया है ,उसी प्रकार नगर निकाय में भी परामर्श दात्री समिति का गठन किया जाए।

    उन्होंने बताया कि इससे नगर निकाय का कार्य सुचारू रूप से चुनाव संपन्न होने तक हो सकेगा।चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता संजीव निकेश ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट के निर्देशानुसार डेडिकेटेड कमीशन की रिपोर्ट आ जाने के बाद नगर निकाय का चुनाव सम्पन्न करा लिया जाएगा।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 19दिसंबर, 2022 को की जाएगी।

  • पटना हाईकोर्ट ने पटना के फ्रेजर रोड स्थित तंदूर हट को अवैध रूप से खाली कराने व तोड़े जाने के मामलें पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की

    पटना हाईकोर्ट ने पटना के फ्रेजर रोड स्थित तंदूर हट को अवैध रूप से खाली कराने व तोड़े जाने के मामलें पर सुनवाई की।जस्टिस ए अमानुल्लाह की खंडपीठ ने इस मामलें पर नाराजगी जाहिर करते हुए बिहार राज्य वित्त आयोग को एम डी से बताने को कहा कि इस तरह की कार्रवाई किस अधिकार के तहत किया। कोर्ट ने प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की।

    कोर्ट ने राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में अपनी कार्य योजना अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी व बिहार स्टेट फाइनेंसियल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक को तलब किया था।

    वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि कानून के विरुद्ध जाकर अवैध ढंग से इस कार्य को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 4 सितम्बर,2022 को रविवार को छुट्टी के दिन प्रशासन ने तंदूर हट को तोड़ने की कार्रवाई की।

    उन्होने कहा कि पटना के जिलाधिकारी व बिहार स्टेट फाइनेंसियल कॉर्पोरेशन द्वारा किसी कानून का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कॉर्पोरेशन को सिविल कोर्ट के समक्ष रेस्टोरेंट को खाली करवाने के लिए जाना चाहिए था।

    उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री सेक्रेटरी के इशारे पर प्रबंध निदेशक द्वारा पटना के जिलाधिकारी को रेस्टोरेंट को खाली करवाने के लिए पुलिस बल उपलब्ध करवाया गया था।

    वरीय अधिवक्ता का कहना था कि न सिर्फ रेस्टोरेंट को खाली करवाया गया, बल्कि रेस्टोरेंट को भी तोड़ दिया गया।

    राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता शिव शंकर प्रसाद व उनके सहायक अधिवक्ता संजय कुमार कोर्ट के समक्ष सरकार का पक्ष रखा।इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 7 दिसंबर,2022 को की जाएगी।

  • पटना हाईकोर्ट ने पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने के मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा देने का निर्देश दिया

    पटना हाईकोर्ट ने पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने के मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा देने का निर्देश दिया। उपेंद्र नारायण सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

    कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को बताने को कहा कि वकीलों और उनके स्टाफ के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था की जानकारी तलब की।साथ ये भी बताने को कहा कि वकीलों के लिए बन रहे भवन का निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा।

    वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि पटना के जिलाधिकारी ने ये कहा कि वकीलों के बैठने की व्यवस्था विकास भवन में की जा सकती है।इसके लिए कार्रवाई की जा रही है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से वकीलों के लिए आधुनिक और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने को कहा था।वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन के भवन को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है।

    उन्होंने कोर्ट को बताया कि वकीलों के बैठने और काम करने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशन के भवन या तो है ही नहीं या काफी बुरी स्थिति में है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित पटना के प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि पटना के जिलाधिकारी ने इस सम्बन्ध में बैठक किया।

    उस बैठक की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था।इसमें कहा गया कि वकीलों के बैठने के लिए भवन निर्माण किया जाएगा।जबतक वकीलों को बैठने के लिए विकास भवन में बैठने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

    कोर्ट ने बिहार राज्य बार कॉउन्सिल और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशनों के भवनों की हालत के सम्बन्ध में जानकारी देने को कहा। वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि राज्य में वकीलों को बैठने और कार्य करने के लिए न तो उचित व्यवस्था है और न ही भवन हैं।

    ऐसे में वकीलों के पेशागत कार्य करने में बहुत कठिनाई होती हैं।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 दिसम्बर,2022 को की जाएगी।

  • सासाराम के ऐतिहासिक महत्व के धरोहर शेरशाह के मकबरे के आसपास बड़े तालाब में स्वच्छ और ताज़ा पानी आने के लिए बनाया गए नाले बंद होने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की

    सासाराम के ऐतिहासिक महत्व के धरोहर शेरशाह के मकबरे के आसपास बड़े तालाब में स्वच्छ और ताज़ा पानी आने के लिए बनाया गए नाले बंद होने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को पार्टी बनाने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने रोहतास के डी एम, डीसीएलआर,सासाराम नगर निकाय के अधिकारियो समेत केंद्र सरकार के अधिकारी और एएसआई की बैठक कर विस्तृत कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने प्राची पल्लवी को इस जनहित की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया हैं।कोर्ट ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहर है,जिसकी सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक हैं।

    याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर ने कोर्ट को बताया कि सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा राष्ट्रीय धरोहर हैं।इसके तालाब में साफ और ताज़ा के लिए वहां तक नाले का निर्माण किया गया।

    उन्होंने कोर्ट को बताया कि 2018 से 2020 तक सिर्फ पचास फी सदी नाले का काम हुआ।इसे बाद में खराब माना गया।इसमें लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

    इसमें काफी अनियमितताएं बरती गई, जिसकी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए।उन्होंने बताया कि ये नाला कूड़ा से भरा पड़ा है।जिस कारण शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुँच पाता है।

    वह तालाब गंदा और कचडे से भरा हुआ है।वहां जो पर्यटक आते है,उन्हें ऐसी हालत देख कर निराशा होती है।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

  • न्यूज नालंदा – नगर निकाय चुनाव की नई तारीखें घोषित, दिसंबर में दो चरणों में होगा चुनाव ….

    न्यूज नालंदा – नगर निकाय चुनाव की नई तारीखें घोषित, दिसंबर में दो चरणों में होगा चुनाव ….

    जारी पत्र के अनुसार :-

  • बिहार में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान; 18 दिसंबर और 28 दिसंबर को वोटिंग

    नगर निकाय चुनाव की हुई घोषणा । 18-12-2022 को प्रथम चरण का और 28-12-2022 को दूसरे चरण का चुनाव होगा।

    प्रथम चरण का चुनाव –18-12-2022 को और मतगणना 20–12–2022 ।

    दूसरे चरण का चुनाव –28–12-2022 को और मतगनना 30-12–2022 ।

  • न्यूज नालंदा – ऑनलाइन मंगाया था स्मार्ट वॉच, निकला…

    ऑनलाइन खरीदारी करने वाले सावधान हो जाएं। बिहारशरीफ के एक युवक ने मंगाया था स्मार्ट वाच, निकले कंचे(कांच की गोलियां)। मामला लहेरी थाना क्षेत्र के भैंसासुर मोड़ का है। पीड़ित विकास कुमार है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
    विकास ने स्मार्ट वाच ऑर्डर किया था। बुधवार को डिलीवरी ब्यॉय घड़ी देने आया था। विकास ने रुपये देकर पैकेट ले लिया। घर जाकर पैकेट खोला तो कंचे निकला। तुरंत वह घर से बाहर निकला। संयोग से डिलीवरी ब्यॉय वहीं था। विकास ने शिकायत की तो उसने कंपनी के अधिकारी से बात की। उसके बाद विकास से लिये गये 1600 रुपये वापस कर दिया। इस मामले में किसी ने शिकायत नहीं की।

    न्यूज नालंदा – ऑनलाइन मंगाया था स्मार्ट वॉच, निकला…