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  • बिहार में नगर निकाय के चुनाव का रास्ता साफ; सरकार ने कोर्ट को बताया कि अति पिछडे वर्ग के राजनीतिक पिछडेपन के लिए एक विशेष कमीशन का गठन किया गया है

    राज्य में नगर निकाय के चुनाव का रास्ता साफ, अति पिछडे के आरक्षण के साथ साफ कर दिया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार व अन्य की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई की।

    राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि अति पिछडे वर्ग के राजनीतिक पिछडेपन के लिए एक विशेष कमीशन का गठन किया गया है।

    ये कमीशन राज्य में अतिपिछडे वर्ग में राजनीतिक पिछडेपन पर अध्ययन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौपेंगी।

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    इसके बाद राज्य सरकार के रिपोर्ट के आधार पर राज्य चुनाव आयोग राज्य में नगर निकायों का चुनाव कराएगा। कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार व अन्य द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं को निष्पादित कर दिया।

  • 📰बिहार के स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है और कॉलेजों में डिग्री,बिहार में शिक्षा की भयावह स्थिति: प्रशांत किशोर

    बेतिया । प्रशांत किशोर ने की प्रेस वार्ता,नरकटियागंज के टीपी वर्मा कॉलेज परिसर में की पीसी। नीतीश कुमार पर जमकर बोला हमला, कहा-बिहार के स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है और कॉलेजों में डिग्री, बिहार में शिक्षा की भयावह स्थिति ।

    PrashantKishore

    नीतीश कुमार के 17 साल के कार्यकाल का यह काला अध्याय है,पीएम आवास योजना में भी कमीशनखोरी हावी,लाभार्थियों के खातों की जांच कराने की मांग,बीडीओ स्तर से की जा रही है अनियमितता।

  • भूकंप का केंद्र नेपाल काठमांडू से 66 किलोमीटर पूर्व में पाया गया है

    भूकंप को लेकर नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जो ताजा जानकारी साझा की है। उसके मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल काठमांडू से 66 किलोमीटर पूर्व में पाया गया है। दोपहर 2 बजकर 52 मिनट और 44 सेकंड पर भूकंप का झटका आया है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 पाई गई है।

    गोपालगंज -भूकंप के झटके महसूस किये गए. 2. बजकर 58 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता कम होने से नहीं पड़ा जानमाल पर असर।

  • पटना में बिजली विभाग के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर 2 लाख रुपया रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया

    पटना । बिजली विभाग के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर 2 लाख रुपया रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया । इन्हें निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने पकड़ा है। पकड़े गए इंजीनियर का नाम राकेश कुमार है।

    आयकर गोलंबर के पास स्थित विद्युत भवन से बुधवार को निगरानी ने उन्हें गिरफ्तार किया है।

  • बिहार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई पटना हाइकोर्ट में टल गई

    बिहार के पूर्व कानून मंत्री व विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार ऊर्फ कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत की याचिका पटना हाइकोर्ट में सुनवाई टल गई। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।इस अग्रिम जमानत की याचिका पर जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने सुनवाई की।

    ये मामला बिहटा के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह के अपहरण से सम्बंधित मामला है।14नवम्बर,2014 को बिहटा पुलिस स्टेशन में थाना कांड संख्या 859/2014 रजिस्टर किया गया।

    ये मामला दानापुर के जुड़ीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास, अजय कुमार के समक्ष सुनवाई हेतु लंबित हैं।
    इस मामलें में सूचक सचिन कुमार ने बिहटा थाना में 14 नवंबर,2014 को सूचना दी कि उन्हें टेलिफोन पर ये पता चला है कि उनके चाचा राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह का अपहरण हो गया है।

    अपहर्ता 18 की संख्या में थे,जो पाँच scorpio गाड़ी से आये थे।उन्होंने राजू को बलपूर्वक ले गए।ये आरोप लगाया गया कि मोकामा के विधायक अनंत सिंह,बंटू सिंह व अन्य सोलह व्यक्तियों ने इसे अंजाम दिया।इससे पहले भी दस करोड़ रुपए की फिरौती मांगे जाने का आरोप लगाया गया था,जिसकी सूचना कृष्णापुरी थाने को दी गई थी।

    याचिकाकर्ता ने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में कोर्ट को बताया है कि उनके विरुद्ध जो अन्य आपराधिक मामलें है,उनमें वे जमानत पर है।पटना हाईकोर्ट में 2017 में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी,लेकिन उसे 16 फरवरी,2017 को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।

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    उसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की कोई याचिका पटना हाइकोर्ट में नहीं दायर की।उन्होंने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में ये बताया है कि प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था।साथ ही पीड़ित और सूचक ने उनका नाम इस घटना के सम्बन्ध में नहीं लिया था।

    उन्होंने बताया कि घटना के दिन 14 नवंबर,2014 को वे सरकारी स्कूल में अपनी ड्यूटी में थे।उनके हस्ताक्षर भी उपस्थिति रजिस्टर में अंकित है।

    इस अग्रिम जमानत की याचिका पर दिवाली अवकाश के सुनवाई की जाएगी।

  • 📰डीजीपी भी बनाये जा सकते हैं अभियुक्त

    पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बन कर आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को दोष मुक्त करने का जो मामला सामने आया है यह मामला पूरी तौर पर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था कैसे ध्वस्त हो गयी है इसके अध्ययन के लिए सबसे फिट केस है।

    सरकार और सरकार का तंत्र कैसे काम कर रहा है ये तो आप पूर्व की स्टोरी में पढ़ ही चुके हैं आज हम आपको इतनी बड़ी घटना को लेकर विपक्ष क्या कर रहा है जरा ये दिखाते हैं। सुशील मोदी के इस ट्वीट के सहारे ही आज मैं तीन दिनों से चल रहे स्टोरी बिहार पुलिस का अपराधीकरण को आगे बढ़ाते हैं।

    इतनी बड़ी बात हो गयी पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के फर्जी फोन काल के सहारे एक अपराधी आईपीएस अधिकारी को डीजीपी बचा ले गये लेकिन इतने गंभीर विषय पर नेता प्रतिपक्ष जो विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में अक्सर अफसरशाही पर बड़ी बड़ी बातें करते थे वही सुशील मोदी ,बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सम्राट चौधरी जैसे नेता जो नीतीश सरकार पर हमला करने से चुकते नहीं है वो सारे के सारे खोमाश है जैसे लगता है कि राज्य में कुछ हुआ ही नहीं है ।

    1.विपक्ष के खामोशी का राज क्या है
    सुशील मोदी ट्वीट 17.10.2022नीतीश कुमार में हिम्मत हो तो पूर्व मंत्री सुधाकर को राजद से बाहर कराएं सुशील कुमार मोदी . जब भाजपा सरकार में थी, तब अपनी सीमा में रहते थे सीएम सुधाकर के बयान पर जदयू नेतृत्व की जुबान बंद क्यों ?

    सुशील मोदी – ट्वीट18.10.2022माफी मांगने पर बची तेजस्वी की जमानत, हिम्मत हो तो फिर धमकाएँ सुशील कुमार मोदी
    नीतीश कुमार ने जिससे घोटाले पर जवाब मांग कर गठबंधन तोड़ा था, उसके अभियुक्त बनने पर फिर हाथ क्यों मिलाया ?

    ललन सिंह ने सीबीआई को दिये थे आइआरसीटीसी घोटाले के कागजात
    इस मामले में गिरफ्तार अभिषेक अग्रवाल के पेज थ्री पार्टी में राज्य के कई पुलिस अधिकारी शामिल होते रहे हैं लेकिन मामले के खुलासे के बावजूद भी विपक्ष खामोश है आखिर इस खामोशी की वजह क्या है बिहार पूछता है क्यों कि आईपीएस अधिकारी संजीव कुमार (एस के) सिंघल को जब बिहार का डीजीपी नियुक्त किया गया था उस समय ये चर्चा जोड़ पर था कि जो व्यक्ति शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही देने का साहस नहीं जुटा पाया उसको नीतीश कुमार डीजीपी कैसे बना दिए खैर सिंघल जिसके भी कोटे से डीजीपी बने हो लेकिन विपक्ष की खामोशी पर सवाल तो बनता है इतने गंभीर मसले पर चुप्पी क्यों जबकि भ्रष्टाचार और बेलगाम अफसरशाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है ।यही राजनीति है और इसी राजनीति को समझने कि जरूरत है।

    2. डीजीपी कब गिरफ्तार होंगे
    एक और बात जो बेहद गंभीर है गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के साथ शुरू से ही डीजीपी का साथ रहा है जब गया आईजी ने एसएसपी के शराब मामले अभियुक्त के खिलाफ हमदर्दी जताने पर सवाल खड़ा किया तो डीजीपी पूरी तौर पर एसएसपी के साथ खड़े हो गये थे इसलिए डीजीपी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के फोन कॉल की बात कही बहाना तो नहीं है ।

    वैसे अभिषेक अग्रवाल (फर्जी मुख्य न्यायाधीश पटना हाईकोर्ट)और डीजीपी के बीच जो वाट्सएप संदेश है उसमें डीजीपी आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार से जुड़े मुकदमे में क्या क्या कार्यवाही हो रही है उस फाइल को फोटो खींचकर भेजते रहे हैं । मतलब दोष मुक्त करने का आधार फर्जी फोन कॉल था ऐसे में डीजीपी आईपीसी की धारा 212 का अभियुक्त है।

    अब देखना यह है कि सरकार उनके रिटायर होने का इन्तजार करती है या फिर पहले ही कार्रवाई करने का आदेश देते हैं।

  • न्यूज नालंदा – सरकारी भूमि पर निर्माण रोकने गई पुलिस पर हमला, सिपाही व सीओ चालक जख्मी

    बिहार थाना क्षेत्र के बनौलिया स्थित सरकारी भूमि के विवाद का स्थायी हल नहीं निकलने से यह मामला प्रशासन के गले की हड्‌डी बनती जा रही है। विवादित भूमि पर निर्माण की सूचना पाकर पहुंची पुलिस पर उपद्रवियों ने रोड़ेबाजी करते हुए सोमवार की रात हमला कर दिया। जिससे भगदड़ मच गई। पुलिस व अधिकारी को जान बचाने के लिए भागकर छिपना पड़ा। घटना में सीओ के चालक व एक आरक्षी जख्मी हो गए। जख्मी चालक श्याम कुमार और आरक्षी सुधीर कुमार अस्पताल लाया गया। जहां से चालक को पटना रेफर कर दिया गया। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। पुलिस पर हमला की सूचना के बाद एसडीओ कुमार अनुराग, डीएसपी डॉ. मो. शिब्ली नोमानी दो थाना की पुलिस के साथ दलबल के साथ पहुंच गए। हालांकि, तब तक बदमाश फरार हो चुका था। एहतियान मौके पर दंडाधिकारी और सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। यह विवाद वर्षों से लंबित है। उपद्रवी कई बार पुलिस पर हमला भी कर चुके हैं।

    न्यूज नालंदा – सरकारी भूमि पर निर्माण रोकने गई पुलिस पर हमला, सिपाही व सीओ चालक जख्मी

    जांच व कार्रवाई में प्रशासन

    एसडीओ कुमार अनुराग ने बताया कि कब्रिस्तान की भूमि पर घेराबंदी की सूचना के बाद सीओ व नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंचकर, निर्माण कार्य बंद करा दी। जिसके बाद बदमाशों ने टीम पर हमला कर दिया। घटना में दो लोग जख्मी हुए। प्रशासन मामले की जांच में जुट गई है। सीओ धर्मेंद्र पंडित ने बताया कि बनौलिया का विवादित भूमि, खतियान में सरकारी है। उक्त भूमि पर 2-3 कब्र मिले हैं। विवादित भूमि पर निर्माण की सूचना के बाद वह मौके पर पहुंचे थे। जिसके बाद उपद्रवियों ने हमला किया।

  • न्यूज नालंदा – घर खाली कर भागा परिवार, जानें मामला…

    सोहसराय के पंचाने नदी के किनारे जलालपुर में बना एक मकान झुक गया। एहतियातन निगम प्रशासन ने मकान को क्षतिग्रस्त घोषित करते हुए उसे खाली करा, बैरिकेटिंग कर दिया। निगम ने भवन निर्माण विभाग से जांच रिपोर्ट की मांग की है। उक्त मकान छोटे पासवान का है। 2014 में भी नदी किनारे का एक मकान नदी में बह गया था।
    परिवार ने बताया कि चार दिन पहले अचानक मकान नदी की ओर झुकने लगा। जिसके बाद सभी सदस्य भाग खड़े हुए। परिवार समीप में किराए के मकान में आसरा दिए है। परिवार ने बताय ाकि कुंभी को हटाने के बजाय मकान के समीप जमाकर छोड़ दिया गया है। इस कारण पानी से मकान क्षतिग्रस्त हो रहा है। नगर आयुक्त ने बताया कि भवन निर्माण की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

    न्यूज नालंदा – घर खाली कर भागा परिवार, जानें मामला…

  • न्यूज नालंदा – कनाडा के सिम से चंडीगढ़ के व्यवसायी से ठगी, पहुंची टीम…

    नालंदा के सक्रिय साइबर फ्रॉड अब अपने नेटवर्क विदेशी सिम का इस्तेमाल ठगी में कर रहे हैं। ताजा मामला कनाड के सिम का इस्तेमाल कर चंडीगढ़ के व्यवसायी से 4.80 की ठगी का सामने आया है। चंडीगढ़ पुलिस की 9 सदस्यी टीम ठगी की जांच के लिए बिहार पहुंच चुकी है। ठगी के रुपयों का ट्रांसफर सीवान के अम्बु कुमार व पटना के रवि कुमार बैंक खातों में किया गया है। कनाडा में नौकरी करने वाले बेटे को जेल से छुड़ाने के नाम पर 84 वर्षीय व्यापारी से ठगी की गई।
    सीवान व पटना के अपराधियों की टोह लेने के दरम्यान चंडीगढ़ पुलिस को साइबर फ्रॉड गैंग का सुराग मिला। इसके सदस्य पटना, नालंदा, छपरा, किशनगंज, शेखपुरा, नवादा, रोहतास समेत कई अन्य जिलों के अलावा अमृतसर, नई दिल्ली, यूपी व झारखंड में जाल फैले रहने के साक्ष्य मिले हैं। चंडीगढ़ पुलिस एक हफ्ते रहकर बिहार के कई जिलों के डेढ़ दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी करने की योजना बनायी है। हालांकि, नालंदा पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है।
    सूत्रों की मानें तो किशनगंज, शेखपुरा जिले के बरबीघा, नालंदा जिले के सरमेरा, रहुई के सोसंदी, बिहारशरीफ के करिंगापुर-सरबहदी और नेपुरा (सिलाव), डेहरी, पटना के दीघा, समनपुरा और कदमकुआं, छपरा, यूपी के खुशीनगर, झारखंड की अमरावती-रांची व नई दिल्ली वार्ड नंबर-11 में गैंग के सदस्य फैले हुए हैं।

    न्यूज नालंदा – कनाडा के सिम से चंडीगढ़ के व्यवसायी से ठगी, पहुंची टीम…