अति पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष डॉ. नवीन आर्य आरक्षण को लेकर सामाजिक,आर्थिक और आर्थिक स्थिति की जमीनी जानकारी हासिल करने जहानाबाद पहुंचे। कलेक्ट्रिएट में अध्यक्ष ने डीएम और अधिकारियों की मौजूदगी में स्थानीय राजनैतिक दलों के नेताओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक कर विचार विमर्श किया। इस दौरान सामाजिक,आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की।
डीएम रिची पांडेय, एसडीओ मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारियों से सरकारी आंकड़ों की जानकारी ली। इस दौरान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार रितिक भी मौजूद रहे, जिनसे विस्तारित क्षेत्र, पिछड़ा वर्ग की आबादी और उनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति के बारे में जानकारी ली। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष ने नगरपरिषद मलहचक वॉर्ड 19 का दौरा किया ।
बताया गया कि इस मुहल्ले में अतिपिछड़ा वर्ग के लोग बहुतायत में निवास करते हैं। अध्यक्ष ने खास कर अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिणक स्थिति एवं आरक्षण के संबंध में विस्तृत चर्चा की। संबंधित क्षेत्रों की सरकारी रिपोर्ट भी ली।
पटना हाईकोर्ट के वरीय जज जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने एक महत्वपूर्ण तथ्य को इंगित करते हुए कहा कि करोना काल की परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए कोर्ट के कामकाज में परिवर्तन किये जाने की जरूरत है।
उन्होंने ने चीफ जस्टिस संजय क़रोल को सुझाव देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के समय से चली आ रही एसओपी (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीड्यूर) को अब तक जारी रखने की अब कोई औचित्य और आवश्यकता नहीं प्रतीत होता है।
उन्होंने कहा कि अदालती कार्यवाही से आम जनता एवं वादियों को दूर नहीं रखा जाना चाहिए, जब तक कि पुनः कोई असाधारण परिस्थियां उत्पन्न न हो जाए। उन्होंने कोरोना की स्थिति में नियंत्रण के सन्दर्भ में ये बातें कही।
उन्होंने 9 महीने पुराने स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीड्यूर के सम्बन्ध में कहा कि किसी भी कोर्ट के पास वादियों या आम जनता को कार्यवाही देखने से वंचित नहीं किया जा सकता।अदालती कार्यवाही में वादी के प्रवेश अधिकार को रोकने से अदालती कार्यवाही में भी अस्पष्टता पैदा होती है ,जो खुली अदालत की कार्यवाही के सिद्धांत के विपरीत है।
हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया 21.02.2022 से प्रभावी एसओपी के अनुसार हाईकोर्ट के कामकाज के संबंध में कहा कि यह उनका एक विचार मात्र हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि हाईकोर्ट के कामकाज के मामले में चीफ जस्टिस का निर्णय सर्वोपरि और अंतिम होता है।
पटना हाई कोर्ट ने हाजीपुर- सुगौली रेल लाइन प्रोजेक्ट को पूरा किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर वर्चुअल रूप से सुनवाई करते हुए नई दिल्ली स्थित रेलवे के चेयरमैन पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह की याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में अभी तक जवाब दाखिल नहीं किये जाने पर नाराजगी जताते हुए ये जुर्माना लगाया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि विगत 16 वर्षों से भी ज्यादा समय से इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इस कार्य हेतु जमीन अधिग्रहण में विलंब नहीं करने के लिए आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया है।
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन को शुक्रवार को जेल से बाहर आ गए। आनंद मोहन 15 दिनों के पेरोल पर जेल से बाहर आए हैं।
आनंद मोहन की बेटी की सगाई है और मां की खराब तबीयत को देखते हुए उन्हें पहली बार 15 दिनों का पेरोल मिला है। आनंद मोहन के स्वागत के लिए पिछले तीन दिनों से उनके समर्थक जेल के बाहर जमे हुए थे। बीते बुधवार को ही उन्हें जेल से बाहर आना था लेकिन कागजातों की कमी के कारण शुक्रवार को 15 दिनों के पेरोल पर आनंद मोहन जेल से बाहर आ गए।
सहरसा जेल के बाहर आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद भी मौजूद थीं। जेल से बाहर आने पर समर्थकों ने आनंद मोहन का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। बड़ी संख्या में समर्थक सुबह से ही जेल के बाहर मौजूद थे। जैसे ही आनंद मोहन जेल से बाहर आए समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी।
जेल से बाहर आने के बाद आनंद मोहन ने कहा कि जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा अच्छा हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि शुभ काम के लिए वे जेल से बाहर आए हैं।
गौरतलब है कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णय्या हत्याकांड मामले में आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। अब आनंद मोहन 15 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर आ गए हैं। आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और उनके बेटे चेतन आनंद फिलहाल आरजेडी में है। चेतन आनंद आरजेडी के विधायक हैं। आनंद मोहन लंबे अरसे से जेल में बंद है और उनको रिहा करने की मांग समर्थकों की तरफ से लगातार उठती रही है।
बता दें कि साल 1994 में मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन उस प्रोसेशन में शामिल थे, जिसमें छोटन शुक्ला की शव यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा के दौरान गोपालगंज के तत्कालीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में वे दोषी करार दिए गए और उन्हें उम्र कैद की सजा हुई थी। इस सब के बावजूद फिलहाल वे केवल पैरोल पर ही बाहर आए हैं। आनंद मोहन के जेल से बाहर आने पर उनके विधायक बेटे चेतन आनंद ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘आज खुशी के आंसू थम नहीं रहे । इन्तजार उस दिन का भी जब आप पूरी तरह से हमारे बीच आ जाएं’।
जहानाबाद में एक मंदिर से भगवान की मूर्ति चोरी हो गई। भगवान राम-जानकी और लक्ष्मण की अष्टधातु से बनी मूर्ति थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
दरअसल जिले के भेलावर ओपी क्षेत्र क्षेत्र के इमलिया गांव में पुराने रघुनाथ कुंज मंदिर से चोरों ने अष्टधातु की राम जानकी की मूर्ति चोरी कर ली है इस मंदिर के पुजारी जगत नारायण शर्मा ने बताया कि गुरुवार की शाम भगवान की पूजा अर्चना कर मंदिर के गेट में ताला लगा कर हम अपने घर चले गए। उन्होंने बताया कि आज जब सुबह पूजा करने के लिए मंदिर में पहुंचा तो देखा कि मंदिर का गेट का ताला टूटा हुआ है।
इसके बाद जब मंदिर के अंदर गए तो देखा कि मेरा सामान बर्तन झाल इत्यादि सभी सामान गायब था। जब भगवान के स्थान पर गए तो देखा कि राम जानकी लक्ष्मण के मूर्ति भी अपना स्थान पर नहीं है चोर से भी चुरा कर ले गए।
भेलावर थाना अध्यक्ष अविनाश कुमार ने बताया की पुलिस अपराधियों की तलाश में जुटी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने महेंद्र यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के समक्ष रखने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया कि कोशी नदी के बाढ़ से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का निर्णय लिया गया था।
उन्होंने बताया कि कोसी पीड़ित विकास प्राधिकार का गठन 30 जनवरी,1987 को किया गया।लेकिन ये अबतक कागज पर ही दिख रहा है। कोर्ट ने इस सम्बन्ध में राज्य सरकार से कई बार जवाब तलब किया, लेकिन इसका कोई स्पष्ट जवाब अब तक नहीं दिया गया।
उन्होंने बताया कि कोसी नदी के बाढ़ से बड़े पैमाने पर जान माल की क्षति होती रही है।ऐसे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पीड़ित जनता को मुआवज़ा, खाद्य सामग्री एवं अन्य जरूरत की चीजें मुहैय्या कराई जानी चाहिए थी, लेकिन राज्य सरकार इसमें असफल रही ।
1991 में रोसड़ा लोकसभा क्षेत्र से जनता दल से रामविलास पासवान और बीजेपी से कामेश्वर चौपाल चुनाव लड़ रहे थे ।कामेश्वर चौपाल राम जन्मभूमि का शिलान्यास किये थे इसलिए रोसड़ा लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो गया था क्यों कि उस समय मंडल और कमंडल की राजनीति चरम पर था।
कामेश्वर चौपाल के लिए संघ ,विहिप और बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोंक दिया था और इतनी महंगी चुनाव मैंने आज तक नहीं देखा है ,उस दौर में पहली बार करोड़ों रुपये खर्च किये गये थे ।रामविलास पासवान का चार गाड़ी तो कामेश्वर चौपाल का 10 गाड़ी प्रचार में लगा हुआ था ।संशाधन में इतना बड़ा फर्क था लेकिन परिणाम आया तो कामेश्वर चौपाल का जमानत जप्त हो गया ।
वो दौर था जब मैंं पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया था हालांकि उस राजनीति की उतनी समझ नहीं थी लेकिन चुनाव परिणाम आने बाद मुझे लगा कि संसाधन और सवर्ण के सहारे ही चुनाव नहीं जीता जा सकता है ।
1998 के लोकसभा चुनाव में पहली बार एक पत्रकार के रूप में चुनाव कवर करने का मौका मिला और फिर यह सिलसिला शुरू हुआ वो अभी तक चला आ रहा है। बीजेपी को लेकर अभी भी धारणा यही है कि यह पार्टी सवर्ण और बनिया की पार्टी है। हिन्दू मुस्लिम नैरेटिव के बावजूद भी बिहार में बीजेपी अभी तक जातीय समीकरण में कोई बड़ी सेंधमारी नहीं कर पाई है ।वही 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा देखा गया कि बनिया वोटर बीजेपी से दूरी बनाने लगे और ऐसी सीट जहां राजद बनिया को टिकट दिया वहां राजद एनडीए के कोर वोटर बनिया के वोट मे सेंधमारी करने में कामयाब रहा था ।
ऐसे में कल मोकामा और गोपालगंज में जो उप चुनाव हुआ है उसमें राजद को बड़े मार्जिन से चुनाव जीतना चाहिए क्यों कि 2015 में जब नीतीश और लालू एक साथ चुनाव लड़ थे तो उस वक्त मोदी लहर के बावजूद बीजेपी का बिहार में सूपड़ा साफ हो गया था और इस बार तो सात सात पार्टी बीजेपी के खिलाफ एकजुट है।
इसलिए यह चुनाव नीतीश ,तेजस्वी और बीजेपी तीनों के लिए लिटमस टेस्ट है क्यों कि महागठबंधन के बाद जिस तरीके से नीतीश का #Body language और संवाद करने के तरीके में जो बदल आया है उसकी भी परीक्षा इस चुनाव में होने वाली है ।
इसी तरह राजद का यादव और मुसलमान समीकरण को साधु यादव और ओवैसी जैसे नेता सेंधमारी करने में कामयाब हो जाते हैं तो 2024 में ऐसे कई नेता के सहारे बीजेपी बिहार के इस मजबूत गठबंधन को ध्वस्त कर सकती है ।
इसी तरह बिहार का जो चुनावी गणित दिख रहा है उसी तरीके का परिणाम रहा तो फिर बीजेपी के लिए बिहार में वापसी करना नामुमकिन हो जायेगा देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन चुनाव भले ही दो विधानसभा में हो रहा है लेकिन बिहार किसी दिशा में बढ़ रहा है इन दो विधानसभा चुनाव के परिणाम से साफ हो जायेंगा।
स्थानीय मतदाता दीपू कुमार सिंह द्वारा दायर रिट याचिका पर जस्टिस मोहित कुमार शाह करेंगे।
गौरतलब है कि कल गोपालगंज विधानसभा चुनाव क्षेत्र के उपचुनाव में मतदान हो चुका है।6 नवंबर,2022 को मतगणना हो कर परिणाम आ जाएगा। पिछली सुनवाई में भारत के चुनाव आयोग के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने इस रिट याचिका को सुनवाई करने के योग्य नहीं माना था।
उनका कहना था कि चुनाव परिणाम के बाद इसके विरुद्ध चुनाव याचिका दायर की जा सकती है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एस डी संजय ने कहा था कि आर जे डी उम्मीद्वार ने अपने विरुद्ध मामलें को छुपा कर नामांकन किया।ये सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का खुला उल्लंघन हैं।
वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने बताया कि याचिकाकर्ता ने राज्य में होने जा रहे विधानसभा के उप चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता उर्फ मोहन प्रसाद के नामांकन की जांच कर रद्द करने की माँग किया गया है।इसके लिए मुख्य चुनाव अधिकारी को आदेश देने का अनुरोध किया गया था।
याचिका में ये आरोप लगाया गया था कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इनके नामांकन को गलत और अनुचित तरीके से स्वीकार किया गया है।इसमें तथ्यों को छुपा कर गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है। ये भी आरोप लगाया गया है कि उक्त आरजेडी के उम्मीदवार द्वारा भरे गए फॉर्म सी- 4 में लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत सूचना दिया है।उनके विरुद्ध लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत जानकारी दी गई है।
पटना हाईकोर्ट में गोपालगंज से आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता के विरुद्ध दायर रिट याचिका पर कल (4 नवंबर,2022) सुबह साढ़े दस बजे ऑन लाईन सुनवाई की जाएगी। स्थानीय मतदाता दीपू कुमार सिंह द्वारा दायर रिट याचिका पर जस्टिस मोहित कुमार शाह सुनवाई करेंगे।
भारत के चुनाव आयोग के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने इस रिट याचिका को सुनवाई करने के योग्य नहीं माना।उनका कहना था कि चुनाव परिणाम के बाद इसके विरुद्ध चुनाव याचिका दायर की जा सकती है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एस डी संजय ने कहा कि आर जे डी उम्मीद्वार ने अपने विरुद्ध मामलें को छुपा कर नामांकन किया।ये सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का खुला उल्लंघन हैं।
वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने बताया कि याचिकाकर्ता ने राज्य में होने जा रहे विधानसभा के उप चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता उर्फ मोहन प्रसाद के नामांकन की जांच कर रद्द करने की माँग किया है।
इसके लिए मुख्य चुनाव अधिकारी को आदेश देने का आग्रह किया गया है।याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इनके नामांकन को गलत और अनुचित तरीके से स्वीकार किया गया है।इसमें तथ्यों को छुपा कर गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है।
ये भी आरोप लगाया गया है कि उक्त आरजेडी के उम्मीदवार द्वारा भरे गए फॉर्म सी- 4 में लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत सूचना दिया है। उनके विरुद्ध लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत जानकारी दी गई है।
बिहार विधानसभा की दो सीट मोकामा और गोपालगंज में उपचुनाव को लेकर मतदान खत्म हो गया . मोकामा में जहां 53.45% मतदान हुआ तो वही गोपालगंज में 51.48% मतदान हुआ। दोनों सीटों पर मुख्य रूप से महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल और विपक्षी दल बीजेपी के बीच मुकाबला है.
गोपालगंज से नौ तो मोकामा से छह प्रत्याशी मैदान में हैं. गोपालगंज में लगातार पांचवीं बार जीत का परचम लहराने की कोशिश में बीजेपी जुटी है. मोकामा में जबरदस्त टक्कर होने वाली है. यहां ललन सिंह और अनंत सिंह की पत्नी आमने-सामने हैं.
मतदान को लेकर गोपालगंज और मोकामा में जो भी बूथ बनाए गए हैं वहां एक दिन पहले ही पूरी तैयारी हो चुकी थी. किसी भी मतदान केंद्र पर मोबाइल फोन को ले जाना वर्जित है. मतदान वाले क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई थी. संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे भी लगाए गए थे. मोकामा के टाल क्षेत्र में अश्वारोही और ट्रैक्टर के माध्यम से भी निगरानी की गई. वहीं, जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह गोपालगंज के डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने चुनाव को लेकर सख्त निर्देश दिए थे. खास कर ईवीएम मशीन से कोई छेड़छाड़ या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो प्रशासन गोली का सहारा लेकर निपटेगी. डीएम ने साफ कहा कि पहले चेतावनी देंगे. फिर भी बात नहीं मानी तो गोलियों का सहारा लिया जाएगा.
मोकामा विधानसभा सीट पर आरजेडी से नीलम देवी उम्मीदवार. बीजेपी से सोनम देवी हैं उम्मीदवार.अनंत सिंह की सदस्यता रद्द होने के कारण हो रहा है चुनाव. मोकामा विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,81,248 मतदाता हैं. वहीं गोपालगंज विधानसभा सीट पर आरजेडी से मोहन प्रकाश गुप्ता उम्मीदवार हैं. बीजेपी से कुसुम देवी बीजेपी से चार बार विधायक रहे सुभाष सिंह की पत्नी हैं। निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है. गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,31,469 मतदाता हैं. दोनों सीटों पर नतीजों की घोषणा छह नवंबर को की जाएगी.
गोपालगंज आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी का पैतृक जिला है. आरजेडी ने वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोहन प्रकाश गुप्ता को बीजेपी के जातिगत समीकरणों को बिगाड़ने के लिए टिकट दिया है. वहीं राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने इस बार अपनी पत्नी इंदिरा यादव को बसपा उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतारा है.
मतदान खत्म होने के बाद अब नतीजों का इंतजार है देखना है ऊंट किस करवट बैठता है।