गोपालगंज । डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दी सौगात। गोपालगंज के थावे में की मेडिकल कॉलेज की घोषणा। मॉडल सदर अस्पताल के भवन बनाने का किया शिलान्यास।
थावे मंदिर के जीर्णोद्धार पर करोड़ो रुपए होंगे खर्च। 600 करोड़ राशि विकास योजनाओं पर होंगे खर्च।
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गोपालगंज । डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दी सौगात। गोपालगंज के थावे में की मेडिकल कॉलेज की घोषणा। मॉडल सदर अस्पताल के भवन बनाने का किया शिलान्यास।
थावे मंदिर के जीर्णोद्धार पर करोड़ो रुपए होंगे खर्च। 600 करोड़ राशि विकास योजनाओं पर होंगे खर्च।
बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि इतने बड़े स्तर पर बिहार में कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया है।इस सेमिनार का विषय समाज निर्माण में वकीलों की भूमिका और योगदान।
उन्होंने बताया कि इस समारोह में भारत के चीफ जस्टिस यू यू ललित,केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू,सुप्रीम कोर्ट के कई जज, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस समेत अन्य जज समेत बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथिगण इसमें भाग लेंगे।
इसके साथ दूसरे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, जज और पूर्व जज भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।बड़ी संख्या मे राज्य के बाहर से भी वकीलों के आने का हैं।
24 सितम्बर,2022 को यह कार्यक्रम दस बजे दिन में प्रारम्भ होगा।ये सत्र दिन में डेढ़ बजे तक चलेगा।दूसरे सत्र में युवा अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।इसके बाद इन्हें प्रमाणपत्र दिए जाएँगे।
बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने जानकारी दी इस समारोह में पाँच हज़ार से अधिक वकील शामिल होंगे। इनमेंं बाहर से बड़ी संख्या मेहमानों के शामिल होने की संभावना है।
जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की ने सरोज कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।
ये मामला मुज़फ़्फ़रपुर थाना कांड संख्या- 258/22 के मामले में से सम्बंधित है।इसमें धारा- 363, 364, 376, 302, 328 व पोक्सो एक्ट की धारा 4, 6 एवं 8 में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए प्राथमिकी दायर की गई थी।
मृतिका निर्भया कुमारी (काल्पनिक नाम) के परिजन द्वारा याचिका पर सुनवाई के बाद अपना यह आदेश दिया।ये याचिका अधिवक्ता ओम प्रकाश ने याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर की थी।
उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया गया है कि केस में नामजद अभियुक्तों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, नहीं तो केस को किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाया जाए।इस केस में काम नहीं कर रहे पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही चलाया जाए।
अधिवक्ता ओमप्रकाश ने बताया कि इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए हाइकोर्ट से आग्रह किया गया था। घटना दिनांक 26 अप्रैल, 2022 की है, जब याचिकाकर्ता की पुत्री अपने घर से बाहर गयी थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। इसके बाद परिजनों ने अपनी पुत्री को बहुत खोजबीन किया, परन्तु वह नहीं मिली।
उसी दिन रात्रि 12.47 बजे एक कॉल आया, जिसमें याचिकाकर्ता की पुत्री की आवाज सुनाई दी और वह दर्द से कराह रही थी। इसके बाद फोन कट गया और फिर प्रयास करने पर मोबाइल बंद मिला। सुबह में ग्रामीण ने बताया कि याचिकाकर्ता की पुत्री की बॉडी पोखर में पड़ी हुई है। इसके बाद परिजन घटना स्थल पर जाने के क्रम में देखे कि गांव के ही मोहम्मद वसीम खान के द्वारा याचिकाकर्ता की पुत्री को बोलेरो कार से लेकर कहीं ले जाया जा रहा था ।
वह बोलेरो मोहम्मद वसीम के घर पर जाकर रुकी और फिर मोहम्मद वसीम के परिवार वाले गाड़ी में बैठते है। फिर, वैष्णवी हॉस्पिटल, मुज़फ़्फ़रपुर याचिकाकर्ता की पुत्री को लेकर जाते हैं, जहाँ याचिकाकर्ता की पुत्री के परिजन भी पहुचते हैं और अपनी पुत्री से बात करते हैं, तो याचिकाकर्ता की पुत्री द्वारा बताया जाता है कि लगभग 8 लोग द्वारा बलात्कार किया गया और जहर पिलाया गया, जिसमें संध्या ने 4 लोगों का नाम भी लिया था।
इसमें से एक व्यक्ति मोहम्मद वसीम खान को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अभी भी तीन नामजद अभियुक्त पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।
इस मामलें पर आगे सुनवाई की जाएगी।
सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
इससे पूर्व इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर 23 सितम्बर,2022 तक सुनवाई कर ले,तो उपयुक्त रहेगा।
दिसंबर,2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती,जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती।
तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी के पिछडापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं।
साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा नहीं पार करें।
कोर्ट ने कहा कि जब तक तीन जांच की अर्हता नहीं पूरी कर ली जाती,ओबीसी को सामान्य श्रेणी के सीट के अंतर्गत पुनः अधिसूचित किया जाए।
कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार मे नगर निकायों का चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 को चुनाव होने हैं।इसके पूर्व पटना हाईकोर्ट को इस मामलें पर सुनवाई कर ले, तो उपयुक्त रहेगा।
आज पटना हाईकोर्ट में इस मामलें लम्बी सुनवाई हुई,पर सभी पक्षों को बहस करने का अवसर नहीं मिल पाया।इस मामलें पर अगली सुनवाई 28 सितम्बर,2022 को की जाएगी।
आज इस पर पूरी जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया। बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि इतने बड़े स्तर पर बिहार में कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया है।
इसमें सेमिनार का विषय समाज निर्माण में वकीलों की भूमिका और योगदान। उन्होंने बताया कि इस समारोह में भारत के चीफ जस्टिस यू यू ललित,केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू,सुप्रीम कोर्ट के कई जज, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस समेत अन्य जज समेत बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथिगण इसमें भाग लेंगे।
24 सितम्बर,2022 को यह कार्यक्रम दस बजे दिन में प्रारम्भ होगा।ये सत्र दिन में डेढ़ बजे तक चलेगा।दूसरे सत्र में युवा अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।इसके बाद इन्हें प्रमाणपत्र दिए जाएँगे।
बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने जानकारी दी इस समरोह में पाँच हज़ार से अधिक वकील शामिल होंगे। इनमेंं बाहर से बड़ी संख्या मेहमानों के शामिल होने की संभावना है।
मसौढ़ी में एक युवक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दिया गया है। घटना शर्मा गुमटी के समीप घटित हुई है। बताया जाता है कि मसौढ़ी के दुबहारा के रहने वाले मृतक मुन्ना कुमार का उसके पाटीदार से ही जमीनी विवाद चल रहा था। और इसको लेकर के पहले भी मुन्ना कुमार पर गोली चली थी, जो हाथ से रोक लिया था। उस समय उसकी जान बच गई थी लेकिन आज अपने गांव से मोटरसाइकिल से मसौढ़ी की ओर जा रहा था तभी पहले से घात लगाए अपराधियों ने एक के बाद एक दो गोली उसके सीने में उतार दिया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी के बाद उसके परिजन मौके पर पहुंचे और अपने लाल के खून से लथपथ देख कर के रोना धोना शुरू कर दिया मसौढ़ी पुलिस को भी सूचना दिया मसौढ़ी पुलिस भी घटनास्थल पर तुरंत पहुंची और जांच में जुट गई।
राहगीरों ने बताया कि एक के बाद एक दो गोली चली थी जिसमें दोबहारा के रहने वाले मुन्ना कुमार को गोलियां लगी अपराधी फरार हो गए वहीं पर मुन्ना कुमार तड़पने लगा हम लोग अस्पताल ले जाने लगे लेकिन अस्पताल ले जाने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है परिजन जमीनी विवाद का मामला बता रहे हैं जिसमें गांव के ही रहने वाले विजेंद्र कुमार के बेटा पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा है । फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है दिनदहाड़े हुई इस हत्या की वारदात से इलाके में दहशत का माहौल भी बना हुआ है।
वही घटना से आक्रोशित लोगों ने मसौढ़ी पटना मुख्य सड़क को जाम कर हंगामा कर रहे है।
पूरे बिहार में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, वहीं मुजफ्फरपुर में भी करीब आधा दर्जन मरीज डेंगू से ग्रसित मिले हैं. वहीं शहर की हालत नारकीय हो चुकी है, लेकिन ना तो स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर तत्पर हैं ना ही नगर निगम।
शहर के अधिकांश हिस्सों में जलजमाव है, डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है. लेकिन अब तक ना तो शहर के किसी हिस्से में फॉगिंग की जा रही हैं, ना ही छिड़काव किया गया हैं।
नगर निगम के अधिकारियो चुनाव में बिज़ी हैं, वहीं सिविल सर्जन डॉ उमेशचंद्र शर्मा ने बताया कि जल्द ही तमाम क्षेत्रों में छिड़काव कराई जाएगी, साथ ही उन्होंने सभी को सावधानी बरतने का सुझाव दिया है।
क्या देश नीतीश में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह वाली छवि देख रही है!
मीडिया के एक सवाल के जवाब में ललन सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार को फूलपुर और मिर्जापुर के साथ साथ कई जगह से चुनाव लड़ने का संदेशा आया है लेकिन लोकसभा चुनाव में अभी बहुत वक्त है और नीतीश जी चुनाव लड़ेंगे इस पर अभी तक कोई विचार नहीं हुआ है इसलिए इस तरह के सवाल का कोई मतलब नहीं है।
लेकिन मीडिया ने इस खबर को ऐसा परोसा मानो ललन सिंह ने फूलपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दिया खबर ब्रेक होते ही राष्ट्रीय मीडिया में भूचाल आ गया शाम का सारा प्राइम डिबेट फूलपुर पर आकर ठहर गया देखते देखते सारा राष्ट्रीय चैनल फुलपूर की और प्रस्थान कर गया और गांव गांव ,चौक चौक पर लोगों से सवाल करने लगा नीतीश चुनाव लड़ने आ रहे हैं, आपकी क्या राय है।
खबरे भले ही 2024 का नब्ज टोटलने को लेकर जदयू द्वारा प्रायोजित किया गया था लेकिन मीडिया जब फूलपुर पहुंची तो ऐसे लगा जैसे उनके पहुंचने से पहले गांव गांव मे नीतीश के चुनाव लड़ने की चर्चा शुरु हो गयी है, सारे चैनल के रिपोर्ट को देखे तो बिहार से कही ज्यादा यूपी वाले इस खबर को लेकर उत्साहित हैं।
एक राष्ट्रीय चैनस का पत्रकार चलते चलते एक दरवाजे पर रुकता है और वहां बैठे लोगोंं से सवाल करता है नीतीश आ रहे हैं क्उया कहना है आपका उस व्यक्ति ने नीतीश के सहारे जो बाते कही रिपोर्टर साहब सोच में पड़ गये, गांव वालों ने गठबंधन अभी हुआ भी नहीं है लेकिन नाम भी रख दिया संयुक्त मोर्चा के उम्मीदवार नीतीश जी आय़ेंगे तो मोदी जी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा । जिस अंदाज में वहां बैठे लोग बोल रहे थे कि रिपोर्टर को रहा नहीं गया और उक्त व्यक्ति की जाति जानने के लिए नाम पुंछ डाला वहां बैठे सारे के सारे व्यक्ति ब्राह्मण थे रिपोर्टर हैरान आप लोग नीतीश की तारीफ कर रहे हैं मतलब नीतीश के नाम की चर्चा के साथ ही यूपी की राजनीति में भी एक अलग तरह माहौल अभी से ही बनना शुरू हो गया । इस खबर को जिस तरीके से राष्ट्रीय मीडिया ने कवर किया है अगर लड़ाई आमने सामने हुई तो मोदी का मीडिया मैनेजमेंट बहुत प्रभावित नहीं कर सकता है ऐसा नीतीश के बिहार से बाहर निकलने के बाद दिखने लगा है ।
वैसे अधिकांश मीडिया हाउस के टॉप लेवल पर कोई ना कोई है जिनसे नीतीश कुमार को बेहतर रिश्ता रहा हैं साथ ही मोदी से जो प्रताड़ित वर्ग है वो पूरी तौर पर नीतीश के साथ होते जा रहा है जिस वजह से नीतीश को राष्ट्रीय स्तर पर फंड से लेकर अन्य स्रोतों तक पहुंच काफी तेजी से बढ़ती जा रही है फिर भी नीतीश काफी सावधान है और इस इमेज से बचना चाह रहे हैं कि नीतीश कुमार 2024 के पीएम उम्मीदवार है क्योंकि उनको पता है जब तक विपक्ष अलग अलग रहेंगा इसका कोई मतलब नहीं है।
इसलिए नीतीश कुमार की कोशिश यह है कि वीपी सिंह के नेतृत्व में जिस तरीके से 1989 में देश के सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ मिलाकर जनता दल बनाया था ठीक उसी तरह से पहले देश स्तर पर बिखरे सारे विपक्ष को एक दल में विलय करा जाए ताकि टुकड़े टुकड़े में जीत कर आने के बाद पीएम पद की दावेदारी में वो मजबूती नहीं रहेंंगी जैसे विलय के बाद एक दल के रूप में जीत कर आने के बाद वो मजबूती नहीं रहेंगी इसलिए मीडिया जब फूलपुर से चुनाव लड़ने की बात कि तो नीतीश सिरे से खारिज कर दिया और कहां कि मेरी प्राथमिकता विपक्ष को पहले एक करना है ।
हालांकि जो खबर आ रही है राजद,जेडीएस और ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी से सहमति दे दी है और सपा से बातचीत चल रही है वैसे कल युवा चेहरे को आगे करने की बात कर नीतीश ने एक बड़ा दाव खेल दिया है वैसे 25 सितंबर को देवीलाल के जयंती के मौके पर आयोजित रैली में विपक्षी एकता को लेकर बड़ी घोषणा हो सकती है।
भारत में न्यायपालिका की स्वतन्त्रता,पारदर्शिता और निष्पक्षता को पूरी दुनिया में सराहा और माना जाता है। भारतीय न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और मर्यादा को बढ़ाने में यहाँ के जजों और वकीलों की काफी बड़ी भूमिका है।
पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि भारत में सुप्रीम और हाईकोर्ट में जजों की बहाली में कालेजियम की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जजों की योग्यता,क्षमता और कानूनी ज्ञान के मद्देनजर ही जजों की नियुक्ति होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए अपनाए गए वर्तमान कॉलेजियम व्यवस्था में पर सवाल खड़ा करते हुए इसे अपारदर्शी व अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कॉलेजियम नाम की कोई व्यवस्था ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था के जरिये समाज के सभी लोगों को प्रतिनिधित्व उनके सक्षम होने के बावजूद नहीं मिल पाता है, क्योंकि उनके नामों को आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं होता है। श्री वर्मा ने आगे कहा कि संविधान के अनुसार न्यायपालिका को स्वतंत्र,स्वतन्त्रता और पारदर्शिता होनी चाहिए।
लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायपालिका में जो नियुक्तियां हो रही है, वह प्रभावित प्रतीत होता हैं।संभवतः इस कारण जजों की बहाली में स्वतन्त्रता और पारदर्शिता में कमी नज़र आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि जजों की बहाली में जो वर्तमान व्यवस्था में आवश्यक बदलाव जरूरी हैं।जजों नियुक्तियों की व्यवस्था में वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश किये जाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि जजों की नियुक्ति के ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए,जिसमें समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जजों की बहाली में हर तबके के वकीलों के बेस्ट ब्रेन को ध्यान में रखा जाए।साथ ही वर्तमान में जजों की सेवानिवृति की उम्र सीमा बढ़ाने की आवश्यकता नहीं लग रही हैं।
अनमोल कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने करते हुए सख्त टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि आपने सभी 102 ईट भट्टों को बंद करा दिया,लेकिन आपके होते हुए इतनी बड़ी संख्या में ये ईट भट्टे चल कैसे रहे थे।बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर कोर्ट को बताया गया कि अवैध रूप से चल रहे 102 ईट भट्टे को बंद करा दिया गया।
साथ ही ये भी कोर्ट से ये भी कहा गया कि आगे अगर ऐसे
अवैध रूप से ईट भट्टे चालू पाये गए,तो उन्हें तत्काल बंद करा दिया जाएगा तथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एमिकस क्यूरी अधिवक्ता शिल्पी केशरी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में ईट भट्टे चलाने के क्रम में नियमों का खुला उल्लंघन किया गया।उन्होंने कहा कि बारिश के दिनों में तो ईट भट्टे ऐसे भी बंद ही रहते है।
उन्होंने कहा कि इन ईट भट्टे से होने वाले प्रदूषण के कारण वातावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता हैं।
इस मामलें पर फिर अगली सुनवाई 29 सितम्बर,2022 को की जाएगी।