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  • बिहार सरकार के पूर्व मंत्री शमशेर जंग बहादुर पंच तत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

    गुरुवार की शाम बिहार सरकार के पूर्व मंत्री 88 वर्षीय शमशेर जंग बहादुर का निधन उनके हवेली खड़गपुर नगर क्षेत्र के पूरानी बाजार स्थित पैतृक आवास पर हो गया.काफी दिनों से वे चल रहे थे । उनके निधन की खबर सुनकर पूरा मुंगेर और खड़गपुर शोक में डूब गया. जबकि देखने वालों का हुजूम उनके घर पर उमड़ पड़ा.

    शमशेर जंग बहादुर तीन बार हवेली खड़गपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये थे. 3 जुलाई 2022 को पूरा परिवार ने उनका 88 वां जन्मदिन मनाया था. उनके पिता नरेंद्र सिंह कांग्रेस से वर्ष 1957 में चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. पिता के राजनीतिक कारवां को आगे बढ़ाने का काम किया. शमशेर जंग बहादुर तीन बार खड़गपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है. वर्ष 1967 में जहां वे सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे. वहीं वर्ष 1969 में सोशलिस्ट एवं 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. वर्ष 1977 में वे बिहार सरकार के मंत्री बने और वर्ष 1979 तक मंत्री पद पर बने रहे.

    उनके मौत पर बिहार के मुख्यमंत्री ने गहरी संवेदना व्यक्त की और इसे अपूर्णीय क्षति बताया । जिसके बाद आज डीएम एसपी की मौजूदगी में मुंगेर गंगा घाट पे पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया । साथ शोक सलामी के रूप में 18 शस्त्र बलों ने फायर कर सलामी दी । डीएम ने कहा की राज्य सरकार के साथ जिला प्रशासन उनके परिवार के हर दुख में शामिल है ।

    पूर्व मंत्री शमशेर जंग बहादुर

  • पटना हाईकोर्ट ने सजायाफ्ता व विचाराधीन कैदियों को हथकड़ी लगाए जाने के मामले में राज्य सरकार के इंस्पेक्टर जनरल (जेल) को एक सप्ताह में शपथ-पत्र दायर करने का आदेश दिया

    चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विधि के छात्र कुमार अभिषेक द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश को पारित किया है।

    याचिकाकर्ता का कहना था की सिटीजन्स फोर डेमोक्रेसी बनाम स्टेट ऑफ असम व अन्य के मामले में, वर्ष 1995 में ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कैदियों को एक जेल से दूसरे जेल में लाने व ले जाने तथा जेल से कोर्ट लाने व ले जाने के दौरान हथकड़ी और अन्य बेड़ियों का बलपूर्वक प्रयोग नहीं किया जाए।

    फैसले के मुताबिक पुलिस और जेल के अधिकारियों को स्वयं कैदियों को हथकड़ी और बेड़ी लगाने के लिए आदेश देने का अधिकार नहीं होगा।

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    याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए फैसले के बावजूद बिहार की पुलिस कैदियों को हथकड़ी लगाने का काम कर रही है। इन अधिकारियों द्वारा की जा रही इस कार्रवाई को अमानवीय कार्य कहा जा सकता है।

    याचिका में यह कहा गया है कि यदि इसे जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो यह न्याय की एक बड़ी विफलता होगी।

  • नहीं रुक रहा शराब से मौतों का सिलसिला, छपरा में जहरीली शराब ने ली दो की जान, परिजनों ने की पुष्टि

    खबर छपरा से आ रही है जहां शराब पीने से 2 लोगों के संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने शराब पीने की पुष्टि की है जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम में भेजा है।

    घटना गरखा थाना क्षेत्र के भुआलपुर गांव की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि दोनों लोगों ने कल शराब का सेवन किया था जिसके बाद तबीयत बिगड़ गई और एक-एक कर दोनों की मौत हो गई। एक ही गांव से 2 मौत के मामले सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया है।

    फिलहाल दोनों के शव को छपरा सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है पोस्टमार्टम के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत शराब से हुई है या मौत का कारण कुछ और है। फिलहाल परिजन शराब पीने के बाद तबीयत बिगड़ने की बात कह रहे हैं।



  • बिहार बीजेपी को शून्य से शुरु करना होगा

    बिहार बीजेपी को कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक शैली से सीख लेनी होगी यहां हिन्दू मुसलमान और भारत पाकिस्तान और राष्ट्रवाद से मुखिया का भी चुनाव नहीं जीता जा सकता है ।

    पिछले माह ही दिल्ली गये हुए थे उसी दौरान बीजेपी के मित्रों का फोन आया संतोष जी दिल्ली में हैं जी है दिल्ली में हैं मुलाकात होगी क्यों नहीं आज दोपहर बाद फुर्सत में हैं ठीक है तो तय रहा आज शाम पार्टी दफ्तर आइए यहां भी बढ़िया लिट्टी एक दम बिहार वाला खिलाते हैं और साथ में काफी पीते हैं।

    तय कार्यक्रम के अनुसार शाम को बीजेपी पार्टी दफ्तर पहुंचे संबित पात्रा जैसे पार्टी के प्रवक्ता के साथ साथ दूसरे राज्यों के तीन चार सांसद भी मौजूद थे ।बिहार को लेकर इन लोगों को खास दिलचस्पी थी क्यों कि लगातार बिहार से कुछ ना कुछ गठबंधन को लेकर खबर आ ही रही थी।

    मेरा परिचय ऐसा दिया गया था कि वो लोग इन्तजार कर रहे थे ।संंख्या को देखते हुए तय हुआ कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के बगल वाले हाँल में बैठा जाये बात बिहार पर शुरू हुई और चर्चा में गुजरात के एक सांसद भी मौजूद थे जो मोदी और शाह के काफी करीबी माने जाते थे बात शुरू ही हुई कि क्या सच में नीतीश साथ छोड़ छोड़ रहे हैं, मेरा कहना था किसी भी समय साथ छोड़ देंगे ईडी और सीबीआई के सहारे बहुत दिनों तक रोक नहीं सकते हैं।

    तभी एक सांसद ने सवाल किया भाई साहब बिहार में ऐसा क्या है जिससे हमारे पार्टी के नेता भी घबराते हैं कुछ समझ में नहीं आता है कि बिहार में कैसे वापसी हो मोदी जी का भी आठ वर्ष होने को है सब जगह कमल लहराया रहा है लेकिन बिहार में खिल नहीं पा रही है।

    मेरी समझ से इसकी तात्कालिक वजह है मोदी और शाह की सियासी सोच मोदी 2024 देख रहे हैं और शाह 2029 देख रहे हैं इस वजह से जो समस्या आपको यूपी में दिख रहा है वही समस्या बिहार में भी पनप रहा है सुशील मोदी सहित बिहार बीजेपी के जो नेता हैं उनको जिस तरीके से मुख्यधारा से हटाया गया है बिना किसी तैयारी के उसका खामियाजा आपके पार्टी को भुगतना पड़ेगा। आपकी पार्टी भी कांग्रेस शैली में ही चलना चाहती है बस एक नेता वो बिहार में नहीं चलेगा और याद रखिएगा बिहार में पार्टी अगर संकट में आयी तो फिर दिल्ली से संभाल नहीं पाइएगा जहां थे वही पहुंच जाइएगा इसलिए नीतीश के साथ आप लोग जो छद्म युद्ध लड़ रहे हैं उससे बिहार पर कब्जा नहीं हो सकता है बिहार का समाज सीधी लड़ाई में विश्वास करता है।
    वही बिहार का जो इतिहास है ,आर्थिक संरचना है ,संस्कृति और सामाजिक ताना बाना है उसमें आपकी पार्टी फिट नहीं बैठती है अभी भी बिहार में उस तरह से शहरीकरण नहीं हुआ जैसे देश के अन्य हिस्सों में हुआ है अभी भी ग्रामीण समाज मजबूत है और परम्परागत कृषि बिहार के बड़े आबादी का आर्थिक आधार है ।

    प्राचीन इतिहास का भी असर है धर्म और राष्ट्रवाद का पाठ बिहारी के जीन में एक चरित्र में है फिर आजादी के आन्दोलन का गहरा छाप अभी भी बिहार के समाज पर है ।साथ ही आजादी के आन्दोलन के दौरान भी बिहार में कई तरह के आन्दोलन का उदय हुआ जिस वजह से बिहार की जमीन पर संघ और बीजेपी के लिए राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर प्रवेश की जगह उस समय था और ना ही आज है ।

    संघ और बीजेपी की पैठ इतने दिनों में बनिया और सवर्ण से आगे नहीं बढ़ पाया है हिन्दू मुसलमान और भारत पाकिस्तान के साथ साथ कुछ योजनाओं के सहारे आप चुनाव जीत लिये लेकिन बनिया, मध्यवर्ग और सवर्ण के अलावे जो नया वर्ग आपके साथ जुड़ा वहां ना तो बाद में संघ पहुंचा और ना ही बीजेपी पहुंची ।



    वही बिहार में यूपी जैसा काशी मथुरा और ज्ञानवापी नहीं है जिसको दिखा दिखा कर आप हिन्दू मुसलमान वाले भाव को जगाते रहेंगे यही वजह है कि बिहार ना तो संघ के लिए और ना ही भाजपा के लिए कभी उर्वरा भूमि बन सका।

    वही इनते दिनों में आपके पास ऐसा कोई नेता पैदा नहीं हुआ जिसका बिहार में कोई मजबूत सामाजिक आधार के साथ साथ साथ प्रखर वक्ता हो, क्यों कि बिहार के लोग भाषण सुनने के काफी शौकीन रहे हैं उस दौर में भी वाजपेयी जी को वोट भले ही नहीं मिलता था लेकिन लोग उनको जरुर सुनने जाते थे लेकिन आडवाणी जी के नाम पर लोग जुट जरुर जाते थे लेकिन जैसे ही उनका भाषण शुरू होता था मैदान से लोग जाने लगते थे ।इसलिए बिहार के लिए नरेंद्र मोदी जैसा मजबूत सामाजिक आधार के साथ साथ अच्छा वक्ता होगा तभी नीतीश और लालू को हरा सकते हैं ।

    आप लोग सोचिए बिहार की जनता क्यों नीतीश को बीच में खड़ा कर दे रहा है क्यों कि उसे ना तो भाजपा पर भरोसा है और ना ही राजद पर इसलिए नीतीश को ऐसा बहुमत देता है कि उसके बगैर बिहार में किसी की भी सरकार नहीं बन पाये ।

    एक और बात आप लोग बिहार में दिल्ली से प्रयोग बंद करिए एक गुजराती को आप वहां संगठन महामंत्री बना कर भेज दिए हैं मुझे लगता है अभी भी आप लोग बिहार को समझ नहीं पाये हैं पूरे देश में जाति राजनीति का सच है लेकिन बिहार में जाति को लेकर एक अलग नजरिया है वो जाति को इतिहास के नजरिया से देखता है।

    दिल्ली से किसी को भेज दिए और उसके जाति के लोग उसके साथ आ जायेंगे ऐसा कभी नहीं बिहार में हुआ है इतना बड़ा आपके पास थिंक टैंक है उनको कहिए बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर और नीतीश कुमार का कैसे उदय हुआ और उनकी राजनीतिक शैली क्या रही जो बिहार को दशकों तक प्रभावित रखा। ऐसे नेता का खड़ा करिए जिसके दिल और दिमाग में सवर्ण को लेकर घृणा ना हो बल्कि उसकी इतनी समझदारी जरुर होनी चाहिए कि इस वर्ग के वोटर अपमानित महसूस ना करे ।

    अभी क्या हाल है बिहार में आपका कोर वोटर बनिया और सवर्ण आज आपका कोर वोटर नहीं रहा इसलिए नीतीश का जिस दिन साथ छुटा जनसंघ के जमाने में लौट जाइए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी इसलिए संघर्ष का रास्ता अपनाइए तभी आपकी बिहार में वापसी हो सकती है धनबल, ईडी और सीबीआई से बिहार का लोग डरने वाला नहीं है ।

  • रक्षाबंधन को लेकर ट्रेनों में भारी भीड़, कई जगहों पर कल मनाया जाएगा त्योहार

    बिहार के ज्यादातर इलाकों में रक्षाबंधन 12 अगस्त को मनाई जा रही है। रक्षा बंधन मनाने के लिए मायके जाने के लिए गुरूवार को भीड़ उमड़ पड़ी। ट्रेन और बसों में बेहद भीड़ रही।

    टिकट पाने को महिलाओं को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। रक्षा बंधन पर भाइयों को राखी बांधने के लिए बहने अपने मायके जाने को घरों से को निकल पड़ीं। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर शाम होते ही लोगों की भीड़ जमा होने लगी।

    रेलवे स्टेशन पर महिलाएं टिकट विंडो पर टिकट पाने के लिए जूझ रही थीं। ट्रेनों में भीड़ ज्यादा थी जिससे सफर करना मुश्किल हो गया। शाम में जहानाबाद से पटना जाने के लिए अमूमन जिन ट्रेनों में सीटें खाली होती है उन ट्रेनों में भी चींटी सरकने की जगह नहीं थी।



  • वकील राजीव कुमार और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की तफ़्तीश अब ED करेगी

    केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने दर्ज किया मामला । पश्चिम बंगाल द्वारा दर्ज मामले को ED ने किया टेकओवर, अब ED करेगी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की पड़ताल।

    रांची स्थित ED की विशेष कोर्ट ने इस मामले में सुनाया है एक महत्वपूर्ण फैसला। 18 अगस्त को रांची स्थित ED की विशेष कोर्ट में पेश किया जाए वकील राजीव कुमार को।

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    अब ED करेगी जांच मनी लांड्रिंग केश में राजीव कुमार का तार किन किन से जुड़े हैं।

  • पटना हाईकोर्ट में पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामलें पर सुनवाई 16 अगस्त,2022 को फिर सुनवाई की जाएगी

    जस्टिस संदीप कुमार इस मामलें पर कर रहे है सुनवाई। आज कोर्ट में बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बहस की।उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो भी मकान बने है,उनका निर्माण वैध ढंग से नहीं किया गया है।

    उन्होंने कहा कि नागरिकों के अधिकार के बिना कोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकता हैं।उन्होंने कोर्ट को बताया कि आवास बोर्ड ने जो भी नियमों के उल्लंघन मकान बने है,उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया,लेकिन वे नहीं आवास बोर्ड के समक्ष नहीं आए।

    इससे पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने पक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया था कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं।साथ ही उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता है।

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    पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता का पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया था कि इस क्षेत्र से इस तरह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सही नहीं है।उन्होंने कहा कि को-आपरेटिव माफिया के साथ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए,क्योंकि इस समस्या में इनकी भी बड़ी भागीदारी हैं।

    उन्होंने कोर्ट को बताया था कि लैण्ड सेटलमेंट स्कीम के तहत चार सौ एकड़ भूमि को अबतक घेरा नहीं गया है।

    इस मामलें पर फिर सुनवाई 16अगस्त,2022 को होगी।

  • पटना हाईकोर्ट ने राज्य में पुलिस द्वारा सही ढंग और स्तरीय जांच नहीं किये जाने के कारण अपराधियों को सजा से बच जाने को गम्भीरता से लिया

    जस्टिस अश्विनि कुमार सिंह की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते राज्य सरकार को बताने को कहा कि पुलिस के जांच की स्तर सुधारने के लिए क्या हो रहा हैं।

    कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस द्वारा जांच में त्रुटि और कमियों के कारण बड़ी संख्या में अपराधी सजा से बच जाते है।कोर्ट ने इस पर काफी गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के जांच से अपराधियों को सजा नहीं मिल पाना सही नहीं है।

    उन्होंने कहा कि जहां पुलिस अधिकारियों को सही ढंग से आपराधिक मामलों की जांच के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराया जाना जरूरी है।सही तरीके से जांच करने पर अपराधियों को कोर्ट द्वारा सजा दी जा सकेगी।

    कोर्ट ने सही ढंग से पुलिस द्वारा जांच नहीं करने,ठोस सबूत और गवाहियां प्रस्तुत करने पर अपराधियों के सजा से बच जाने के उदाहरण भी दिया।ऐसा ही मामला गोपालगंज जहरीली शराब पीने से हुए मौत का मामला है,जहां पुलिस जांच में कमियों के कारण कई अभियुक्त सजा से बच गये।

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    कोर्ट ने कहा कि जबतक अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी,कोई भी सुरक्षित नहीं रह सकता हैं।इसके लिए आवश्यक है कि पुलिस के जांच आधुनिक,स्तरीय और वैज्ञानिक हो,जिसमें अपराधियों को सजा मिलना सुनिश्चित हो।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 5 सितम्बर,2022 को की जाएगी।

  • पटना हाईकोर्ट में पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट,पटना समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर अगली सुनवाई 17 अगस्त,2022 को की जाएगी

    चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा गौरव सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही हैं।

    राज्य सरकार को कोर्ट ने पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए अगली सुनवाई में जवाब देने को कहा है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र,राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को राज्य के एयरपोर्ट के सुधार पर बैठक कर अगली सुनवाई में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा था।

    इससे पहले की सुनवाई में पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट में राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें को उठाया था।उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।

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    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नोडल अधिकारी को तलब किया गया था।साथ ही पटना एयरपोर्ट के पूर्व और वर्तमान निर्देशक को भी तलब किया था।

    इस मामलें पर पुनः 17 अगस्त,2022 को सुनवाई होगी।

  • मखदुमपुर स्टेशन के समीप बुजुर्ग का मिला शव, इलाके में हड़कंप

    जहानाबाद के मखदुमपुर में गुरुवार के दिन मखदुमपुर रेलवे स्टेशन से 500 मीटर उत्तर एक बुजुर्ग का शव बरामद किया हुआ है। हालांकि शव की पहचान अब तक नहीं हो पाई है।

    वहीं शव की सूचना से इलाके में हड़कंप मच गया है शव की सूचना पाकर पहुंची मखदुमपुर थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है। थाना अध्यक्ष रवि भूषण खुद घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच में जुटे हुए हैं थानाध्यक्ष ने बताया कि बरामद शव किसी बुजुर्ग का है जिसकी उम्र लगभग 50 52 साल के आसपास होगी जो अब तक पहचान नहीं हो सकी है शव देखने से प्रतीत होता है कोई गरीब है जो व्यक्ति नशीली पदार्थ का सेवन करने से जिसकी मौत हुई होगी वही पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए जहानाबाद सदर अस्पताल भेज दिया है।

    थानाध्यक्ष ने बताया के पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बुजुर्ग की मौत कैसे हुई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल मृतक के परिजनों का पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है।



    बताते चले कि मखदुमपुर स्टेशन के समीप से पुलिस ने एक बुजुर्ग का शव बरामद किया है जिसका पहचान अब तक नहीं हो पाया है।