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  • पटना हाईकोर्ट में पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामलें पर सुनवाई अधूरी रही

    जस्टिस संदीप कुमार इस मामलें पर सुनवाई कर रहे है।

    आज याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत किया गया।इससे पूर्व राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से भी कोर्ट में बहस किया गया।

    राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने पक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया था कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं।साथ ही उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता हैं।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया था।राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड ने कोर्ट को बताया था कि इस स्थिति का लाभ उठा कर कुछ उस क्षेत्र में नए निर्माण करने लगे हैं।

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    याचिकाकर्ता का पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया था कि इस क्षेत्र से इस तरह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सही नहीं है।उन्होंने कहा कि को-आपरेटिव माफिया के साथ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए,क्योंकि इस समस्या में इनकी भी बड़ी भागीदारी हैं।

    उन्होंने कोर्ट को बताया था कि लैण्ड सेटलमेंट स्कीम के तहत चार सौ एकड़ भूमि को अबतक घेरा नहीं गया है।

    इस मामलें पर फिर सुनवाई 11अगस्त,2022 को होगी।

  • पटना हाईकोर्ट ने झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार पर किये गए कथित आक्रमण और मारपीट के मामले की सुनवाई की

    जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि डी जी पी, बिहार ने ए डी जे अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर प्राथमिकी के कार्रवाई पर रोक लगा दिया हैं।

    कोर्ट ने राज्य सरकार को अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर एफ आई आर वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। कल इस मामलें पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।

    एड्वोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि ये गलत ढंग से समझने के कारण ए डी जे अविनाश कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया।इसे वापस लेने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी

    सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किसी न्यायिक पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के पहले चीफ जस्टिस की अनुमति जरुरी हैं।इस मामलें में इस प्रक्रिया का पालन गलतफहमी में नहीं किया जा सका।
    कोर्ट ने इस मामले मे सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।

    उल्लेखनीय है कि मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया था। साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डी जी पी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था।

    मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की थी।

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    ज़िला जज ,मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एस एच ओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था।

    उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार करने और हाथापाई किया था। इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट किया है।साथ ही अपना सर्विस रिवॉल्वर भी निकाल लिया।

    इस मामलें में पुलिसकर्मियो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया।पुलिस ने भी जज के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दिया,लेकिन प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई सुनवाई ,24 अगस्त,2022 को होगी।

  • हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता के साथ हाथापाई एवं दुर्व्यवहार किए जाने के मामले पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की

    जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने इस मामलें को गम्भीरता से लेते हुए शास्त्री नगर थाना के पुलिस कर्मियों को नोटिस जारी किया है।

    इसके साथ साथ कोर्ट ने थाने की सीसीटीवी फुटेज को भी सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है ।

    हाईकोर्ट के अधिवक्ता साकेत गुप्ता ने आरोप लगाया है कि वह 03 अगस्त की शाम को अपने परिचित अभिषेक कुमार एवं अन्य अधिवक्ताओं के साथ एक केस के सिलसिले में शास्त्री नगर थाना गए थे। उनके परिचित अभिषेक कुमार को शास्त्री नगर थाने में पदस्थापित एसआई स्मृति ने पूछताछ के लिए बुलाया था।

    थाने में पूछताछ के दौरान एसआई स्मृति एवं लाल बाबू अभिषेक के साथ बदतमीजी और गाली गलौज करने लगे।

    इसी दौरान जब अधिवक्ता साकेत ने उन्हें ऐसा करने से रोका ,तो इन दोनों एसआई ने अधिवक्ता साकेत, अधिवक्ता मयंक शेखर ऐवं अधिवक्ता रजनीकांत सिंह के साथ धक्का मुक्की करने लगे।

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    इसका विरोध किए जाने पर एसआई लाल बाबू ने अधिवक्ता को पिस्तौल दिखा कर जान से मारने की धमकी दी और उन पर हाथ उठाया।

    इस बात की शिकायत अधिवक्ता ने पटना के सिटी एसपी से भी की । हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उक्त पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करने हेतु नोटिस जारी किया है ।

    सुनवाई में एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव शैलेंद्र कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि पुलिस वालों की मनमानी काफ़ी बढ़ गई है । आए दिन सुनने में आता है कि पुलिस वकीलों एवं जनता के साथ बेहद बदतमीजी और रुखाई से पेश आती है ।इनके ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।

    इस मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी ।

  • बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के सचिव के सेंथिल कुमार के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई

    2 करोड़ 60 लाख रुपए की संपत्ति जप्त करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई शुरू कर दी है, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में जांच करेगी।

    गौरतलब है कि के सेंथिल कुमार जब पटना नगर निगम के आयुक्त थे उस समय उनके खिलाफ करप्शन का मामला दर्ज किया गया था और यह मामला निगरानी जांच ब्यूरो ने दर्ज किया था, धारा 120 बी 420 467 के तहत मामला दर्ज किया गया था।



    अब प्रवर्तन निदेशालय पीएमएलए 2002 के प्रावधान के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।

  • पटना हाई कोर्ट ने पटना के दानापुर स्थित बी एस कॉलेज में कथित रूप से बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए कॉलेज के कैंपस व शौचालय बनवाने का आदेश दिया

    चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने बिंदेश्वर सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल के जरिये दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चार सप्ताह में धनराशि जारी करने को कहा है।

    कोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं किये जाने की स्थिति में शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी का वेतन रोक दिया जाएगा।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद का कहना था कि छात्राओं को ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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    छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराने के लिए कॉलेज परिसर में वेंडिंग मशीन भी लगाया जाना चाहिए। इस मामले पर आगे की सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी।

  • दिल्ली में रहकर की तैयारी तो 3 साल लगातार हुए फेल, गांव की 2 साल की पढ़ाई ने बीपीएससी में दिलाया 27 वां स्थान

    बुधवार की देर शाम बीपीएससी 66वीं का रिजल्ट जारी किया गया है। टॉप टेन में जहां बिहार के अलग-अलग जिले के 10 अभ्यर्थी मौजूद है। वही जहानाबाद जिले के गंगापुर गांव के निवासी बिजली मिस्त्री राजदेव चंद्रवंशी के बेटे सुनील सक्सेना ने 27 वां स्थान प्राप्त किया है।

    गांव में जश्न का माहौल है। मिठाईयां खिलाई जा रही है। खुशी का मौका लंबे इंतजार के बाद आया है। जहानाबाद जिले के कड़ौना ओपी अंतर्गत गंगापुर गांव के रहने वाले सुनील सक्सेना ने बीपीएससी में 27 वां स्थान प्राप्त किया है। सुनील बताते हैं कि इसके पहले तीन बार बार कोशिश की। लेकिन थोड़ी सी चूक से सफलता हाथ आने से रह गई। चौथे प्रयास में जब सफलता हाथ लगी तो खुशी से फूले नहीं समा रहे।

    सुनील बताते हैं कि लॉकडाउन में उन्हें दिल्ली छोड़कर गांव आना पड़ा और 2 साल से गांव में ही तैयारी कर रहे थे। गांव में तैयारी करना इंटरनेट और किताबों की वजह से आसान हो गया। लगातार नोट्स से पढ़ाई की और अंततः सफलता हाथ लगी।सुनील की सफलता से घर परिवार के साथ ही गांव के लोगों ने भी खुशी का माहौल है। पिताजी खुश इतने हैं कि कुछ बोल भी नहीं पा रहे हैं।

    भाई भाभी ने सुनील को होनहार छात्र बताया। साथ ही यह भी कहा कि हम सब को यह उम्मीद जरूर थी कि एक न एक दिन सुनील को सफलता मिलेगी। जयप्रकाश चंद्रवंशी बताते हैं की सुनील की सफलता से नई पीढ़ी को एक संदेश मिलेगा। सुनील की सफलता ये संदेश देती है कि, जो लोग तरक्की प्राप्त करने के लिए मेहनत करने की ठान लेते हैं उन्हें एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती हैं।

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    सफलता प्राप्त करने के बाद इंसान उस दुनिया में पहुँच जाता है जिस दुनिया के वो अक्सर ख्वाब देखा करता था। तब उसे कैसा महसूस होता है और वह क्या-क्या सोचता है। ये सुनील की बातों से पता चलता है

  • पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई की

    चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य के निदेशक प्रमुख,स्वास्थ्य सेवा और सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर द्वारा हलफनामा नहीं दायर करने पर सख्त रुख अपनाया।

    कोर्ट ने इन अधिकारियों द्वारा हलफनामा दायर नहीं करने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें हलफनामा दायर करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी।

    पिछली सुनवाई में मुजफ्फरपुर के एस एस पी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया था।मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है।

    पूर्व की सुनवाई में कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वी के सिंह ने कोर्ट को बताया था कि इस मामलें में दर्ज प्राथमिकी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

    कोर्ट ने इससे पहले की सुनवाई करते हुए कहा था कि इस मामलें में गठित डॉक्टरों की कमिटी को चार सप्ताह मे अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

    पहले की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पी एम सी एच या एम्स ,पटना के डॉक्टरों की कमिटी गठित करें।इनमें आँख रोग विशेषज्ञ भी शामिल हो।

    इसमें कोर्ट को बताया गया था कि आँखों की रोशनी गवांने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक एक लाख रुपए दिए गए हैं।साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफ आई आर दर्ज कराया गया था,लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।

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    इस याचिका में हाई लेवल कमेटी से जांच करवाने को लेकर आदेश देने अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आँखें की रोशनी खोनी पड़ी।

    याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी।

    याचिका में पीड़ितों को सरकारी अस्पताल में उचित इलाज करवाने को लेकर आदेश देने का भी अनुरोध किया गया था।इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह के फिर सुनवाई की जाएगी।

  • बीजेपी ने तिरंगा यात्रा को लेकर बनाया एक्शन प्लान

    बीजेपी ने तिरंगा यात्रा को लेकर बनाया एक्शन प्लान, तीन चरण में होगा काम

    बीजेपी नेताओं को मिला टास्क

    बाइक रैली ,पूजा समिति ,स्थानीय जनप्रतिनिधि से समन्वय बनाकर करे काम

    सभी सांसद विधायक मंत्री और नेताओं को दी गई है अहम जिम्मेदारी



    13 से 15 अगस्त तक सभी लोग अपने घर पर लहराए तिरंगा

    सोशल मीडिया में करे प्रचार प्रसार

    कला संस्कृति एवं युवा विभाग को बनाया गया नोडल विभाग



    डाकघर ऑनलाइन और स्थानीय स्तर पर भी खरीद सकते हैं झंडा

    9 अगस्त तक झंडा खरीदने और वितरण करने का काम करना है पूरा

  • बिहार लोक सेवा आयोग ने 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट जारी किया

    बिहार लोक सेवा आयोग ने 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है। इसमें कुल 685 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। 689 रिक्तियों के विरुद्ध 685 उम्मीदवारों का अंतिम रूप से हुआ चयन।

    वैशाली के सुधीर कुमार टॉपर हैं। वहीं, अरवल के अमर्त्य कुमार आदर्श सेंकेंड टॉपर और मुजफ्फरपुर के आयुष कृष्णा थर्ड टॉपर हैं।



    आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेन्द्र कुमार ने बताया है कि इसमें 34 डीएसपी समेत विभिन्न विभागों में 685 अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परिणाम जारी किए गए हैं।

    BPSC
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