Tag: #BiharNewsPost

  • भारत में सुप्रीम और हाईकोर्ट में जजों की बहाली में कालेजियम की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है: योगेश चंद्र वर्मा

    भारत में न्यायपालिका की स्वतन्त्रता,पारदर्शिता और निष्पक्षता को पूरी दुनिया में सराहा और माना जाता है। भारतीय न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और मर्यादा को बढ़ाने में यहाँ के जजों और वकीलों की काफी बड़ी भूमिका है।

    पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि भारत में सुप्रीम और हाईकोर्ट में जजों की बहाली में कालेजियम की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जजों की योग्यता,क्षमता और कानूनी ज्ञान के मद्देनजर ही जजों की नियुक्ति होनी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए अपनाए गए वर्तमान कॉलेजियम व्यवस्था में पर सवाल खड़ा करते हुए इसे अपारदर्शी व अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कॉलेजियम नाम की कोई व्यवस्था ही नहीं है।

    उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था के जरिये समाज के सभी लोगों को प्रतिनिधित्व उनके सक्षम होने के बावजूद नहीं मिल पाता है, क्योंकि उनके नामों को आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं होता है। श्री वर्मा ने आगे कहा कि संविधान के अनुसार न्यायपालिका को स्वतंत्र,स्वतन्त्रता और पारदर्शिता होनी चाहिए।

    लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायपालिका में जो नियुक्तियां हो रही है, वह प्रभावित प्रतीत होता हैं।संभवतः इस कारण जजों की बहाली में स्वतन्त्रता और पारदर्शिता में कमी नज़र आ रही हैं।

    उन्होंने कहा कि जजों की बहाली में जो वर्तमान व्यवस्था में आवश्यक बदलाव जरूरी हैं।जजों नियुक्तियों की व्यवस्था में वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश किये जाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि जजों की नियुक्ति के ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए,जिसमें समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि जजों की बहाली में हर तबके के वकीलों के बेस्ट ब्रेन को ध्यान में रखा जाए।साथ ही वर्तमान में जजों की सेवानिवृति की उम्र सीमा बढ़ाने की आवश्यकता नहीं लग रही हैं।

  • पटना हाईकोर्ट ने राज्य में अवैध रूप से चलने वाले ईंट भट्टे से होने वाले प्रदूषण के मामलें पर सुनवाई की

    अनमोल कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने करते हुए सख्त टिप्पणी की।

    कोर्ट ने कहा कि आपने सभी 102 ईट भट्टों को बंद करा दिया,लेकिन आपके होते हुए इतनी बड़ी संख्या में ये ईट भट्टे चल कैसे रहे थे।बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर कोर्ट को बताया गया कि अवैध रूप से चल रहे 102 ईट भट्टे को बंद करा दिया गया।

    साथ ही ये भी कोर्ट से ये भी कहा गया कि आगे अगर ऐसे
    अवैध रूप से ईट भट्टे चालू पाये गए,तो उन्हें तत्काल बंद करा दिया जाएगा तथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    एमिकस क्यूरी अधिवक्ता शिल्पी केशरी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में ईट भट्टे चलाने के क्रम में नियमों का खुला उल्लंघन किया गया।उन्होंने कहा कि बारिश के दिनों में तो ईट भट्टे ऐसे भी बंद ही रहते है।

    PatnaHighCourt
    #PatnaHighCourt

    उन्होंने कहा कि इन ईट भट्टे से होने वाले प्रदूषण के कारण वातावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता हैं।

    इस मामलें पर फिर अगली सुनवाई 29 सितम्बर,2022 को की जाएगी।

  • पटना हाईकोर्ट ने शराबबन्दी कानून के तहत जब्त गाड़ियों को छुड़ाने हेतु बढ़ रहे रिट याचिकाओं की बढ़ती संख्या पर नाराजगी जाहिर की

    चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

    कोर्ट ने इस स्थिति पर सख़्त टिप्पणी करते हुए राज्य के उत्पाद आयुक्त को निर्देश दिया कि वो एक हफ्ते मे कोर्ट को विस्तृत आंकड़े दे, जिसमे ये जानकारियां हो कि पिछले तीन माह मे राज्य मे कितने लोगों को शराबबन्दी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।

    साथ ही कोर्ट को यह भी बताना है की हरेक ज़िलों मे ज़ब्त हुई गाड़ियों के जब्ती हेतु कितने मामले लम्बित पड़े हैं ।कोर्ट ने यूनाइटेड स्पिरिट्स की रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया।

    कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि महज देढ़ लीटर शराब पाए जाने पर पूरे गाड़ी को सालों भर जब्त कर रखा जाना न्यायसंगत है क्या। साथ ही उसे छुड़ाने हेतु दायर आवेदन को कलेक्टर एक घिसे पिटे ढंग से रद्द कर देते है।

    PatnaHighCourt
    #PatnaHighCourt

    कलेक्टर के आदेश को ही अपीलीय और रिविजिनल प्राधिकार बिना विवेक का इस्तमाल किये और घिसे पिटे तरीके से संपुष्ट कर देते हैं।

    अपील और रिविजन के आदेश समान ही दिखते है , कलेक्टर के आदेश से ऐसा मेल खाते हैं। जो त्रुटि कलेक्टर के आदेश मे दिखती है, वही गलती अपील व रिविजन प्राधिकार के आदेश में भी नजर आती है।
    मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

  • शाह ने नीतीश की घेरेबंदी शुरु की

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सीमांचल के सहारे लोकसभा 2024 का आगाज करने 23 और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज के दौरा पर आ रहे हैं स्वाभाविक है यह इलाका बीजेपी के हिन्दू मुस्लिम नैरेटिव में पूरी तरह से फिट बैठता है।
    ऐसे में नीतीश कुमार के अलग होने के बाद बिहार की राजनीति में बने रहने के लिए अभी से ही यूपी की तरह यहां भी कैराना की खोज बीजेपी ने शुरु कर दी है हालांकि सीमांचल के अररिया, किशनगंज कटिहार और पूर्णिया इलाके में बीजेपी की पकड़ मजबूत हो इसके लिए संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 1981 से ही कोशिश कर रहा है लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है।

    वैसे बीजेपी का कोई बड़ा नेता पहली बार बिहार के इन इलाकों में सेंधमारी करने की मुहिम शुरू करने जा रहा है कितना सफल होगा कहना मुश्किल है लेकिन पहली बार बड़ी कोशिश शुरु होने वाली है ये जरूर दिख रहा है और निशाने पर नीतीश है । क्यों कि इस इलाके में अभी भी नीतीश की पकड़ मजबूत है पिछले विधानसभा चुनाव में इन्ही इलाकों मेंं चिराग फैक्टर भी प्रभावी नहीं रहा था। सीमांचल के चुनावी समीकरण की बात करे तो यहां चार लोकसभा क्षेत्र हैंं जहां बिहार का सर्वाधिक मुस्लिम वोटर है ।किशनगंज यहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 67 फीसदी है, कटिहार जहां मुस्लिम वोटर की संख्या 38 फीसदी, अररिया जहां 32 फीसदी है और पूर्णिया जहां 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है।

    इन लोकसभा क्षेत्र की बात करे तो एनडीए के साथ जब जब नीतीश साथ रहे 2009 के लोकसभा चुनाव में और 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए जीत हासिल की है । नीतीश अकेले चुनाव लड़े तो 2014 के मोदी लहर में भी ये सारी सीटें बीजेपी हार गयी थी ,मतलब इन इलाको में मुस्लिम वोटर के अलावे बड़ी संख्या में अति पिछड़ा वोटर है और जब तक अति पिछड़ा वोटर को साधने में बीजेपी कामयाब नहीं हो जाती है तब तक बहुत मुश्किल है इन इलाकों में बीजेपी की वापस । वैसे ये जो इलाका है पूरी तौर पर कृषि आधारित इलाका है और शहरीकरण नहीं के बड़ाबड़ हुआ है ।वहीं यादव जो हिन्दू में मजबूत तबका है उसमें अभी भी लालू परिवार का तिलिस्म पूरी तौर पर खत्म नहीं हुआ है यू कहे तो अभी भी मजबूत स्थिति में है ऐसे में इन इलाकों में हिन्दू मुस्लिम नैरेटिव को आगे बढ़ना बहुत ही मुश्किल है साथ ही इन इलाकों में बीजेपी का वैसा जमीनी नेता पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति में नहीं है जो माहौल बना सके ।

    अररिया के सांसद जरुर अति पिछड़ी जाति से आते हैं लेकिन वो उतने प्रभावी नहीं हैं और क्षेत्र से भी बाहर ही रहते हैं ।वैसे यह इलाका कभी राजद का गढ़ माना जाता था लेकिन नीतीश कुमार यादव के खिलाफ अति पिछड़ों की राजनीति करके राजद को इन इलाकों से सफाया कर दिया था और अभी भी जदयू का सबसे मजबूत किला यही इलाका है, कटिहार और पूर्णिया में जदयू का सांसद है और आज भी जदयू का सबसे अधिक विधायक इन्ही इलाकों से जीत कर आया है ।इसलिए बीजेपी के लिए और भी बड़ा चुनौती है क्यों कि नीतीश कुमार के साथ जो वोटर है उसको हिन्दू मुस्लिम नैरेटिव में बांटना यादव की तुलना में मुश्किल है वैसे अमित शाह की यात्रा को लेकर जदयू कुछ ज्यादा ही सचेत है क्योंकि उन्हें पता है कि इस इलाके में नीतीश की पकड़ कमजोर हुई तो नीतीश की सियासत ही खत्म हो जायेंगी और यही वजह है कि अमित शाह के दौरा के बाद महागठबंधन इन इलाकों में गांव गांव में सम्मेलन करने का निर्णय लिया है।

  • पटना हाईकोर्ट में राज्य में पुलिस द्वारा सही ढंग और स्तरीय जांच नहीं किये जाने के मामलें पर सुनवाई कल तक के लिए टल गई

    जस्टिस अश्विनि कुमार सिंह की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई कर रही है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि पुलिस के जांच की स्तर सुधारने के लिए क्या हो रहा हैं।कोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा सही ढंग, वैज्ञानिक और स्तरीय जांच नहीं करने के कारण अपराधियों को सजा नहीं मिलने पर गहरी चिंता जाहिर की थी।

    कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि पुलिस द्वारा जांच में त्रुटि और कमियों के कारण बड़ी संख्या में अपराधी सजा पाने से बच जाते है।कोर्ट ने इस पर काफी गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के जांच से अपराधियों को सजा नहीं मिल पाना गलत संदेश जाता है।

    उन्होंने कहा था कि जहां पुलिस अधिकारियों को सही ढंग से आपराधिक मामलों की जांच के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराया जाना जरूरी है।सही तरीके से जांच करने,ठोस सबूत और पक्के गवाह उपलब्ध कराने पर ही अपराधियों को कोर्ट द्वारा सजा दी जा सकेगी।

    PatnaHighCourt
    #PatnaHighCourt

    कोर्ट ने सही ढंग से पुलिस द्वारा जांच नहीं करने,ठोस सबूत और गवाहियां प्रस्तुत करने पर अपराधियों के सजा से बच जाने के उदाहरण भी दिया।ऐसा ही मामला गोपालगंज जहरीली शराब पीने से हुए मौत का मामला है,जहां पुलिस जांच में कमियों के कारण कई अभियुक्त सजा से बच गये थे।

    कोर्ट ने कहा कि जबतक अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी,कोई भी सुरक्षित नहीं रह सकता हैं।इसके लिए आवश्यक है कि पुलिस के जांच आधुनिक,स्तरीय और वैज्ञानिक हो,जिसमें अपराधियों को सजा मिलना सुनिश्चित हो।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 20 सितम्बर,2022 को की जाएगी।

  • पटना हाईकोर्ट में बिहार के गर्भाशय घोटाले के मामलें पर सुनवाई अब 20 सितम्बर,2022 को होगी

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा हलफनामा पर दायर करने का निर्देश दिया था।जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने वेटरन फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

    कोर्ट ने मुख्य सचिव को ये भी बताने को कहा था कि आगे इस मामलें में क्या कार्रवाई करने की योजना है। कोर्ट में उपस्थित एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस जनहित याचिका में दिए गए तथ्य वास्तविक नहीं हैं।

    उन्होंने बताया था कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष साढ़े चार सौ इस तरह के मामलें आए थे। राज्य सरकार के जांच के बाद नौ जिलों में गर्भाशय निकाले जाने के सात सौ दो मामलें आए थे।

    इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई और आगे की कार्रवाई चल रही है।उन्होंने कोर्ट को बताया था कि पीड़ित महिलाओं को क्षतिपूर्ति राज्य सरकार ने पचास पचास हजार रुपये पहले ही दे दिए।इसके बाद बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने आदेश दिया था कि यह राशि बढ़ा कर डेढ़ और ढाई लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति दिए जाए।

    महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि क्षतिपूर्ति की राशि देने के लिए राज्य सरकार ने 5.89 करोड़ रुपए निर्गत कर दिए गए है।

    PatnaHighCourt
    #PatnaHighCourt

    कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि किन किन धाराओं के दोषियों के विरुद्ध मामलें दर्ज किये गए।मानव शरीर से बिना सहमति के अंग निकाला जाना गंभीर अपराध है।इसलिए उनके विरुद्ध नियमों के तहत ही धाराएं लगानी जानी चाहिए।

    याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि सबसे पहले ये मामला मानवाधिकार आयोग के समक्ष 2012 में लाया गया था।2017 में पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका वेटरन फोरम ने दायर किया गया था।

    इसमें ये आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का गलत लाभ उठाने के लिए बिहार के विभिन्न अस्पतालों/डॉक्टरों द्वारा बड़ी तादाद में बगैर महिलाओं की सहमति के ऑपरेशन कर गर्भाशय निकाल लिए गए थे।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 20सितम्बर,2022 को की जाएगी।

  • मुजफ्फरपुर में दिनदहाड़े बैंक से 15 लाख की लूट, गोबरसही में ICICI बैंक में तीन अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम

    मुजफ्फरपुर । मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही में बैंक लूट की बड़ी घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया है। गोबरसही के ICICI बैंक में हथियारबंद तीन अपराधीयों ने बैंककर्मियों को बंधक बनाकर 15 लाख से अधिकारी रूपये लूट लिए और फरार हो गए।

    घटना के बाद मौके पर पहुंची सदर थाना की पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने भी बैंक जाकर घटना की जानकारी ले रहें हैं. उन्होंने बताया कि 15 से 16 लाख रूपये लूट की बात सामने आई है, फिलहाल मामले की जांच कर रहें हैं।

    वहीं ब्राँच की डिप्टी मैनेजर सुनीता कुमारी ने बताया कि जब वो फिल्ड से बैंक में लौटी तो तीन की संख्या में अपराधी अंदर पहुंचे हुए थे और सबको बंधक बना चुके थे, काउंटर पर रखा कारोबार 14 लाख और अन्य ग्राहकों के पैसे लेकर अपराधी फरार हो गए।

    icicibanklooting
  • बिहार के मुजफ्फरपुर में ICICI बैंक में 15 लाख की लूट बड़ी वारदात

    मुजफ्फरपुर। लूट की बड़ी घटना, सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही में ICICI बैंक में लूट की बड़ी वारदात, 15 लाख की लूट की घटना।

    तीन की संख्या में आये थे अपराधी, नगर डीएसपी राम नरेश पासवान ने की पुष्टि ।

    पुलिस कर रही मामले की जांच।

  • Bihar News Live Updates – बिहार का पूरा अपडेट

    Latest News of Bihar Live Updates:

    गाँव-गाँव, शहर-शहर की हर खबर पूरे बिहार की ।
    पढ़ें हर समय,हर खबर पूरे दिन की,अपने बिहार की ।
    लाइव न्यूज़ अपडेट – बिहार न्यूज़ पोस्ट पर ।।

    बिहार न्यूज़ पोस्ट

  • बीच सड़क पर गुत्थम गुत्था हुईं कोचिंग की दो छात्राएं, वीडियो हो रहा वायरल

    छपरा में परसा के दरोगा राय चौक से पीछे उत्तर गली चेतन परसा रोड स्थित कोचिंग सेंटर की दो छात्राएं बीच सड़क पर्वआपस में लड़ने लगी। छात्राओं ने सड़क पर एक-दूसरे की मारपीट की उसी दौरान तमाशबीन छात्रों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।

    घटना के सम्बंध में स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि चेतन परसा रोड में संचलित एक्सलेंट कोचिंग के नीचे छात्राएं क्लास अटैंड करने बाद बाहर निकलीं तो दोनों लड़कियों के बीच किसी बात को लेकर नोंकझाेंक हुई। एक छात्रा ने दूसरी छात्रा को थप्पड़ मारा तो दोनों के बीच सिर के बाल पकड़कर मारपीट शुरू हाे गई।

    छात्राओं के बीच मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।