पटना । तख्त श्री हरमंदिर के प्रधान अवतार सिंह हित का निधन, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह हित का नई दिल्ली में निधन।
नई दिल्ली के हरिनगर स्थित आवास पर अचानक बिगड़ी तबीयत, अस्पताल ले जाने के क्रम में जीपीसी के अध्यक्ष की हुई मौत, 80 वर्षीय अवतार सिंह हित पंजाब के सुलतानपुर लोदीपुर के थे निवासी।
अपनी दुआओं के असर के लिए विख्यात काको स्थित हजरत बीबी कमाल की दरगाह पर चादरपोशी कर सूफी महोत्सव का उद्घाटन पर्यटन विभाग के निदेशक कँवल कुंज, सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी विधायक सतीश दास ,रामबली सिंह यादव,सुदय यादव जिलाधिकारी रिची पांडेय,एस पी दीपक रंजन ने संयुक्त रूप से किया ।
बता दें कोरोना प्रतिबंधों के कारण यह महोत्सव दो वर्षों से स्थगित था इस मौके पर हजरत बीबी कमाल के मजार की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए पर्यटन विभाग के निदेशक ने कहा के बिहार के ऐतिहासिक पुरातात्विक धर्मिक और साम्प्रदायिक सद्भाव केन्द्रों में से एक है। यह मकबरा बीबी कमाल तुगलक वंश के शासनकाल में एक सूफी संत महिला थी जिन्हे फ़िरोज़ शाह तुगलक ने महान साध्वी के तौर पर अलंकृत किया था।
जिला प्रशासन हजरत बीबी कमाल के मकबरे को विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और इस दिशा में सरकार द्वारा कई कदम उठाये गये हैं।
सरकार ने इसे सूफी सर्किट से जोड़कर पर्यटन के नक्शे पर लाया है. और इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की एक बड़ी योजना बनाई है।
चादरपोशी में डी डी सी परितोष कुमार, एस डी एम मनोज कुमार, एस डी पी ओ अशोक कुमार पांडेय सहित कई अधिकारीयों के साथ शिक्षाविद शकील अहमद काकवी, मुज़म्मिल इमाम, सज्जाद आलम रहमानी विनय कुमार विद्यार्थी फहदुल हक, अरशद इमाम, ताबिश निशात सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।
पूर्णिया । प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर फेविकोल कंपनी वाले मुझसे मिलेंगे तो मैं उनको सलाह दूंगा कि नीतीश कुमार जी को अपना ब्रांड एंबेसडर बना लें । किसी की भी सरकार हो , लेकिन वो कुर्सी से चिपके हुए रहते हैं ।
नीतीश कुमार के हालिया आरोप पर प्रशांत किशोर ने पलटवार करते हुए कहा, “एक महीने पहले तक 90 डिग्री के कोण पर झुक कर वो मोदी जी को प्राणाम करने वाले व्यक्ति अगर किसी को बीजेपी की बी टीम कह रहे हैं , तो इस पर हम हंसे या रोए।
बीजेपी के साथ होने या ना होने में नीतीश जी के सर्टिफिकेट का जीरो वैल्यू है। मैं स्वतंत्र हूं और जो करना चाह रहा हूं वो कर रहा हूं।”
दरभंगा । बिहार के सबसे बड़े सोना लूट कांड के पीड़ित परिवार को फिर मिला धमकी । सोने चांदी के सबसे बड़े शो रूम दगरु सेठ ज्वेलर्स के मालिक संतोष लठ से मांगी रंगदारी ।
रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी । पे फोन नंबर देकर अपराधी ने रुपये भेजने का की कही बात ।
परिवार डर के मारे दहशत में बच्चो को स्कूल भेजना किया बंद । खुद भी बाहर निकलने से किया परहेज ।
मैसेज में खुद को दरभंगा जेल में होने की कही बात । पीड़ित दुकानदार के साथ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के लोगो ने देर शाम की SSP से मुलाकात ।
बिहार की राजनीति बवंडर कभी भी बिहार विधानसभा को किया जा सकता है भंग जदयू और राजद का आपस में हो सकता है विलय।
विपक्षी एकता को लेकर नीतीश का मिशन 2024 की शुरुआत जिस तरीके से हुई है उससे नीतीश काफी उत्साहित है और कहा ये जा रहा है कि नीतीश हाल के दिनों में बेहद चौकाने वाले निर्णय ले सकते हैं और इसको लेकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच लगभग सहमति बन गयी है ।
जो खबर आ रही है उसके अनुसार नीतीश बिहार विधानसभा को भंग कर चुनाव में जाना चाह रहे हैं और उससे पहले नीतीश राजद और जदयू के विलय की घोषणा कर देश स्तर पर ये संदेश देना चाहते हैं कि देश को बचाने के लिए हमने अपनी पार्टी तक को दांव पर लगा दिये।
क्यों कि दिल्ली यात्रा के दौरान विपक्षी दल के नेताओं में नीतीश कुमार को लेकर जो उत्साह देखने को मिल रहा है उससे ये साफ हो गया है कि नीतीश कुमार देश के सारे विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने में कामयाब हो सकते हैं। क्यों कि नीतीश कुमार दिल्ली से गया के रास्ते में ही थे कि ममता बनर्जी ने नीतीश के अभियान में साथ आने की घोषणा कर नीतीश के अभियान को और बल दिया है ।
1– राजद जदयू का विलय ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार से बाहर निकलने से पहले नीतीश बिहार की राजनीति में ऐसी किलाबंदी चाह रहे हैं ताकि बीजेपी की सम्भावना बिहार की राजनीति में पूरी तरह से खत्म हो जाये और इसके लिए 2015 के परिणाम से सीख लेते हुए नीतीश और लालू इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के आपसी रिश्तों में जो खाई है उसको पाटने का वक्त नहीं है और इस बार बड़े भाई छोटे भाई के लिए भी कोई जगह ना रहे इसके लिए दोनों पार्टी के आपस में ही विलय कर दिया जाए।
फिलहाल जिस फॉर्मूला पर बातचीत चल रही है उसके अनुसार नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ 2024 के लोकसभा चुनाव तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उसके बाद तेजस्वी को पार्टी और सरकार सौंप देंगे वैसे इस फॉर्मूला पर बीजेपी से गठबंधन तोड़ने से पहले नीतीश की तेजस्वी और लालू प्रसाद से कई दौर की बातचीत हो चुकी है। देश स्तर पर विपक्षी एकता का स्वरुप जैसे जैसे शक्ल लेता जाएगा नीतीश बिहार में इस अभियान को आगे बढ़ाते जाएंगे क्यों कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की बात करे तो एनडीए में भाजपा 121 और जदयू 122 सीटों में चुनाव लड़ी थी और उसमें से सात सीट जदयू ने हम को दिए थे इसी तरह महागठबंधन में 144 सीटों पर RJD, 70 सीटों पर कांग्रेस और 29 पर लेफ्ट पार्टियां चुनाव लड़ी थी।2020 के चुनाव में भाजपा 19.46%, जदयू 15.39%,राजद 23.11% वोट मिला था वही कांग्रेस को 09.48% ,भाकपा माले को लगभग 4 प्रतिशत सीबीआई 0.83% 02,माकपा 0.65%रालोसपा 01.77% मतलब सबके सब साथ आ जाये तो लगभग 55 प्रतिशत वोट का शेयर हो जायेंगा वही 2020 के चुनाव में जो ओवैसी फैक्टर राजद गठबंधन को जो नुकसान पहुंचाया उसे कम किया जा सकता है।वहीं जदयू और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं रहेगा जब पार्टी का एक दूसरे में विलय कर दिया जाएगा ।
विलय को लेकर नीतीश गंभीर इसलिए हैं कि इसके सहारे दो संदेश देना चाह रहे हैं एक नीतीश पलटूराम के इमेज से बाहर निकल जाएंगे और बिहार की राजनीति जो अति पिछड़ा ,महादलित और पसमांदा में बट गया था वो एक बार फिर से साथ आ जाएंगे वही देश स्तर पर पार्टी के विलय के सहारे संदेश देने कि कोशिश होगी कि मोदी को लेकर बिहार किस स्तर पर सोच रहा है।
2— जल्द ही होगा बिहार में मध्यावधि चुनाव बिहार में मध्यावधि चुनाव होगा यह तय हो गया है बस इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि गुजरात के साथ दिसंबर में चुनाव में जाया जाये या फिर 2023 में होने वाले राजस्थान,मध्य प्रदेश के चुनाव के साथ जाया जाए, क्यों कि एक राय ये भी बन रही है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में विपक्षी एकता के सहारे मोदी को पहले गुजरात में ही घेरा जाए और इसके लिए नीतीश कुमार सहित विपक्ष के तमाम बड़े चेहरा गुजरात चुनाव में कैम्प करे ,वही दूसरा धरा का यह मानना है कि बिहार से ही बीजेपी मुक्त भारत की शुरुआत कि जाए और इसके लिए गुजरात के साथ बिहार का भी चुनाव करना बेहतर होगा।देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन इतना तो तय हो गया कि अब खेला होबे ।
राजधानी पटना के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से 6 फर्जी नर्स और 5 पारा मेडिकल स्टाफ अवैध रूप से ड्यूटी करते पकड़े गए।
अस्पताल की इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक में अवैध रूप से प्रवेश कर फर्जी नर्स और पारा मेडिकल छात्रों द्वारा मरीज की जांच और इलाज से संबंधित प्रशिक्षण लेने की लंबे समय से शिकायत मिल रही थी। शिकायत के आलोक में अस्पताल प्रशासन के विशेष दिशा निर्देश पर अस्पताल में तैनात सुरक्षा एजेंसी की विशेष टीम ने औचक छापेमारी कर इमरजेंसी समेत विभिन्न विभागों से 6 फर्जी नर्स और 5 पारा मेडिकल छात्रों को पकड़ लिया।
पूछताछ और जांच के दौरान आरोपियों ने कोई भी पहचान पत्र और अस्पताल में प्रवेश का अधिकृत प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया। बाद में अस्पताल अधीक्षक के मौखिक आदेश पर अस्पताल में तैनात सुरक्षा अधिकारी कैप्टन नरेंद्र कुमार द्वारा अस्पताल परिसर स्थित पुलिस पोस्ट में इन सभी से व्यक्तिगत माफीनामा लिखवा कर इन्हें बांड पर छोड़ दिया गया।
बताया जाता है कि विभिन्न प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज और पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं अवैध तरीके से अस्पताल में आकर ट्रेनिंग ले रहे थे। मौके से पकड़े गए फर्जी नर्स और पारा मेडिकल छात्रों ने बताया कि एनएमसीएच के ही नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के कहने पर वे लोग फर्जी तरीके से ट्रेनिंग ले रहे थे। मौके पर मौजूद एनएमसीएच के सुरक्षा अधिकारी कैप्टन नरेंद्र कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बॉन्ड पेपर पर माफीनामा लिखवा कर नर्सिंग छात्राओं और पारा मेडिकल छात्रों को छोड़े जाने की बात कही।
एक साथ ग्यारह फर्जी नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ के पकड़े जाने पर अस्पताल के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान उठ खड़ा हुआ है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन फर्जी नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ से किसी मरीज की जान भी जा सकती है, जिसकी सारी जवाबदेही अस्पताल प्रशासन की होगी। पूरे मामले पर पूछे जाने पर अस्पताल प्रशासन ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से सीधे तौर पर इंकार कर दिया है।।
भागलपुर । प्रशांत किशोर ने भागलपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीतीश कुमार द्वारा उनपर किए गए टिप्पणी का जवाब दिया है। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार जी यहां के बुजुर्ग नेता हैं, वो कुछ बोलना चाहते हैं तो उनको बोलने दीजिए।
व्यक्तिगत टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं है। अगर उन्होंने कुछ कहा है तो वो उनकी सोच है। कौन बीजेपी के साथ काम कर रहा है, जहां तक मैं और आपलोग जानते हैं अभी 1 महीना पहले तक नीतीश जी बीजेपी के साथ ही थे। नीतीश कुमार अगर किसी को इस तरह का सर्टिफिकेट दे रहे हैं तो ये हास्यास्पद ही है।”
नीतीश कुमार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद आपको याद आया कि 10 लाख नौकरी दी जा सकती है, पहले ही दे देना चाहिए था। लेकिन चलिए अब नीतीश कुमार इतने बड़े नेता हैं, उनको A से Z तक पता है। दूसरे को ABC नहीं आता है।
उन्होंने कहा है कि 10 लाख नौकरी देंगे, अगर दे देंगे तो हम जैसे लोगों को अभियान चलाने की क्या जरूरत है। अगर 10 लाख नौकरी दे देते हैं तो उनको नेता मानकर जैसे 2015 में उनका काम कर रहे थे, फिर से उनका काम करेंगे। उनका झंडा लेकर घूमेंगे। 10 लाख लोगों को नौकरी दे कर दिखाइए साल भर में। 12 महीना में 1 महीना हो गया है। 12 महीना के बाद उनसे पूछेंगे कि किसको ABC का ज्ञान है और किसको XYZ का ज्ञान है।
अगर 10 लाख नौकरी दे दिए तो मान लेंगे कि सर्वव्यापी और सर्वज्ञानी आप ही है। एक भगवान ऊपर हैं और एक नीचे आप हैं।”