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  • झारखंड सरकार का फ़ैसला दिल्ली में राज्यापाल दिल्ली रवाना

    2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में कोई पांच माह झारखंड में रहने का मौका मिला था जिस दौरान झारखंड की सामाजिक ,राजनीतिक और आर्थिक मिजाज को बहुत ही करीब से देखने और समझने का मौका मिला। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोंक दिया था, पैसा की बात छोड़िए हर बूथ पर देश के अलग अलग हिस्सों से आदिवासी ,पिछड़ा ,सवर्ण और बनिया जाति के लोगों को उतार दिया था।

    इतना ही नहीं बाबूलाल मरांडी के सहारे बीजेपी हर विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन के सामाजिक समीकरण में सेंधमारी के लिए बहुत ही सोच समझ कर प्रत्याशी खड़ा किये थे और बीजेपी पैसा से लेकर सभी तरह का संसाधन मुहैया करा रहा था । इसी दौरान चुनावी मिजाज को समझने के लिए सारंडा जंगल में स्थित आदिवासियों के गांव में गये, पुरुष से बात करना मुश्किल हो रहा था पहले हड़िया पीने के लिए पैसा दीजिए फिर बात करेंगे पत्रकार हैं तो क्या हुआ।

    जहां तक मुझे याद है बहस चल ही रहा था कि एक महिला दौड़े दौड़े आयी और बोली छोड़ी छोड़ी इधर आइए । फिर हम लोग उस महिला के साथ चल दिये वो अपने घर के पीछे ले गयी जहां दोपहर के समय काम करके लौटी हर उम्र की महिलाएं पेड़ की नीचे बैठकर आराम कर रही थी एक घंटे तक बात हुई उसी दौरान बाबूलाल मरांडी के उम्मीदवार का क्या होगा वो भी तो आदिवासी है, तपाक से एक महिला बोलती है यह रघुवर के लिए काम कर रहा है । मैं तो हैरान रह गया जहां ना अखबार पहुंचता है ना टीवी है ना सोशल मीडिया है वहां ये बात कैसे पहुंच गई कि बाबू लाल बीजेपी के लिए काम कर रहा है। इस आदिवासी महिला के इस संवाद के साथ ही मुझे लग गया कि बीजेपी के लिए इस बार कोई गुंजाइश नहीं है। वैसे इस बात की चर्चा मैंने इसलिए किया कि बिहार की तरह ही झारखंड के हर व्यक्ति में राजनीतिक समझ है।

    अब विषय वस्तु पर आते हैं पिछले छह माह से बीजेपी झारखंड की सरकार को अस्थिर करने में लगी हुई है और इस खेल में मीडिया,कोर्ट,राज्यपाल,चुनाव आयोग ईडी और सीबीआई पूरी ईमानदारी के साथ खड़ी है फिर भी हेमंत पकड़ में नहीं आ रहा है।वैसे बीजेपी इस खेल को अंजाम तक पहुंचाने के लिए क्या क्या बिसात बिछा रखी है इस बार के रांची प्रवास के दौरान एक बार फिर से देखने को मिला।

    1– बीजेपी का क्या है मिशन झारखंड भाजपा ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9a का हवाला देते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग निर्वाचन आयोग से की थी इस पर आयोग निर्णय लेकर राज्यपाल को एक सप्ताह पहले ही फैसले की कॉपी भेज चुकी है लेकिन राज्यपाल अभी तक उस फैसले पर अमल रोक रखा है । जानकार बता रहे हैं कि शुरुआत में इसी फैसले के आधार पर बीजेपी हेमंत से 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी डील करना चाहता था लेकिन पूरी कोशिश के बावजूद हेमंत तैयार नहीं हुआ फिर यह तय हुआ कि हेमंत की सदस्यता समाप्त कर दी जाये और चुनाव लड़ने से रोका नहीं जाए और इस बीच 15 विधायक को किसी भी स्थिति में तोड़ा जाये ताकि दोबारा शपथ लेने के बाद जब विधानसभा में हेमंत को बहुमत साबित करने को कहां जाये तो सरकार अल्पमत में आ जाए और ऐसी स्थिति में झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा लेकिन त्रिपाठी जी 50 करोड़ तक पहुंच गये फिर भी पांच से ज्यादा अभी तक नहीं जुटा पाए हैं फिर भरोसा नहीं है कि पैसा लेने का बाद भी विधायकी से त्यागपत्र देगा कि नहीं देगा ।



    2–कांग्रेस को तोड़ने में आरपीएन सिंह का इस्तमाल कर रही है बीजेपी
    अभी वर्तमान में जो बीजेपी है वह जब किसी मिशन पर काम करना शुरु करती है तो तोड़फोड़ अगर गोवा में हो रहा है तो निशाने पर महाराष्ट्र रहता है। इसी तरह यूपी चुनाव से ठीक पहले झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह को बीजेपी कांग्रेस में सिर्फ यूपी के लिए नहीं शामिल कराया था उसका लक्ष्य झारखंड था। हालांकि इस खेल को कांग्रेस समझ गयी और जिसके सहारे आरपीएन सिंह कांग्रेस को तोड़ रहे थे उसका ऑपरेशन खेला शुरु होने से पहले ही कांग्रेस ,ममता और हेमंत ने मिलकर कर दिया जिस वजह से यह खेल लम्बा खीच रहा है।

    3–हेमंत झारखंड स्वाभिमान जगाने में कामयाब रहे बीजेपी के मिशन झारखंड में हेमंत को घेरने के लिए बीजेपी चारो और हमला कर रही है इस हमले में दुमका की बेटी अंकिता सिंह की हत्या का भी सहारा लिया गया ताकि प्रदेश में हिंदू मुसलमान का विवाद गहराये और कानून व्यवस्था बिगड़े ।लेकिन इन सारे व्यवधानों के बीच सोरेन अपने विधायकों को यह समझाने में कामयाब हो गये कि यह मत समझे यह हमला सिर्फ मेरे उपर है यह हमला झारखंड के आदिवासी और मूल निवासी पर है और इस बार कमजोर पड़े तो फिर उठने में कितना वर्ष लग जाएगा कहना मुश्किल है, यह बात झारखंड के विधायकों में इस तरह बैठ गया है कि अब किसी भी स्थिति में हेमंत का साथ छोड़ने को तैयार नहीं है । हमारी तीन चार विधायक से बात हुई सबका यही कहना था संतोष जी झारखंड में जमीन के पांच फीट अंदर पैसा ही पैसा है हम लोग सीधा ठहरे कौन कब कहां कानून में फसा दे पता ही नहीं चलता है ऐसे में कब तक डरते रहेंगे जो होगा देखा जायेगा लेकिन इस बार झुकेंगे नहीं पैसा हम लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखता है देखते ही ना हम लोगों का खर्चा ही क्या है दो चार हजार रुपया रोज का काफी है इसलिए पैसा से कोई खरीद नहीं सकता। यही ताकत हेमंत को मोदी और शाह से सीधी लड़ाई में भी अंतिम क्षण तक खड़ा कर रखा है वैसे विधानसभा का सत्र बुला कर हेमंत ने बीजेपी को सीधी चुनौती दी है।

    4–रघुवर की कमजोरी भी मिशन झारखंड में बड़ा बाधक है इन सबके बावजूद मोदी और शाह का जो रघुवर प्रेम है वो मिशन झारखंड के लिए एक बड़ी बाधक है क्यों कि बाबू लाल ,अर्जुन मुंडा सहित बीजेपी के अधिकांश नेता इस खेल में रघुवर की सक्रियता के कारण दिल से लगा हुआ नहीं है साथ ही बीजेपी का कोई भी विधायक चुनाव में जाने को तैयार नहीं है इस वजह से भी बीजेपी को निर्णय लेने में परेशानी हो रही है । वैसे झारखंड के राजनीतिक संकट का परिणाम जो हो लेकिन यह बात तो आ ही गयी कि मजबूत इच्छाशक्ति हो तो मोदी और शाह जैसे योद्धा से भी मजबूती के साथ लड़ा जा सकता है ।

  • नक्सली नेता विजय कुमार आर्य के ठिकानों के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों और साथ रहने वाले लोगों के घरों में भी एनआईए की टीम ने दी दस्तक

    औरंगाबाद। केन्द्रीय जांच एजेंसी NIA की छापेमारी औरंगाबाद में जारी है।उपहारा थाना क्षेत्र के महेश परासी गांव स्थित उनके आवास पर आज तड़के 5 बजे ही एनआईए की टीम पहुंची और उनके घर की तलाशी ले रही है।

    शोभा कुमारी नक्सली नेता विजय कुमार आर्य की बेटी हैं और विजय कुमार आर्य एनआईए के राडार पर हैं। इसी वजह से इनके आवास पर भी छापामारी की जा रही है।हालांकि,अब तक की कार्रवाई में टीम को क्या कुछ मिला है,इस बात का खुलासा अभी तक नहीं हो सका है।

    Vijaykumaraarya

    वहीं दूसरी छापेमारी रफीगंज थाना के चंदौल गांव में अनिल यादव के यहाँ की जा रही है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार अनिल यादव नक्सलियों के लिये संदेशवाहक का काम करता था। NIA की टीम द्वारा दोनों के घरों में अभी भी छापेमारी की जा रही है।

  • शादी का झांसा देकर दो साल तक बनाया यौन संबंध, मारपीट कर निकाला तो पीड़ित पहुंची थाने

    जहानाबाद में एक युवक ने प्रेम प्रसंग में शादी का झांसा देकर युवती का कथित यौन शोषण किया। दो साल तक ऐसा करने के बाद शादी से इनकार कर दिया। अब पीड़िता ने महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है।

    कल्पा ऑफिस क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने बताया कि नौबतपुर के पितमास गांव गांव के ही आरोपी जितेंद्र कुमार से उसे प्यार हो गया. उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया. दो वर्ष तक कई बार फिजिकल रिलेशन बनाया. अब शादी करने से इनकार कर दिया है. युवती ने बताया कि पहले तो उसके परिजनों से विनती की, मगर लड़के के परिवार वाले ने भी रिश्ते को अपनी रजामंदी नहीं दी।

    prem prasang

    महिला थाने में मामला आने के बाद थाने की टीम मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल जहानाबाद लेकर पहुंची। सब इंस्पेक्टर लाडली खातून ने बताया जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। दरअसल लड़की कल्पा ओपी क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली है, वहीं आरोपी नौबतपुर थाना क्षेत्र के पीतमास गांव का निवासी है जहां लड़की की मौसी रहती है। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग भी उस गांव में ही पनपा था।

  • पटना हाईकोर्ट ने राज्य के उत्पाद कोर्ट में बुनियादी सुविधाओं के नहीं होने के मामले पर सुनवाई की

    जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि किन तथ्यों राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रखा गया है ।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने उत्पाद कोर्ट समेत अन्य कोर्ट में बुनियादी सुविधाओं के अभाव पर सख्त रुख अपनाया था।कोर्ट ने कहा था कि राज्य में उत्पाद क़ानून से सम्बंधित मामलें बड़ी संख्या में सुनवाई के लिए लंबित हैं,लेकिन उत्पाद कोर्ट के गठन और सुविधाएं उपलब्ध कराने की रफ्तार धीमी हैं।

    राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि उत्पाद कोर्ट के गठन,जज,कर्माचारियों की नियुक्ति और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातर कार्रवाई कर रही है।

    कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि सीबीआई, श्रम न्यायलयों व अन्य कोर्ट के लिए अलग अलग भवन की व्यवस्था है,तो उत्पाद कोर्ट के लिए अलग भवन की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है।

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    महाधिकवक्ता ललित किशोर ने राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया था कि सभी 74 उत्पाद कोर्ट के लिए जजों की बहाली हो चुकी हैं।साथ ही 666 सहायक कर्मचारियों की बहाली के लिए स्वीकृति दे दी गई हैं।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 7 सितंबर,2022 को होगी।

  • नालंदा के हिलसा में ठाकुरबाड़ी न्याय समिति बोर्ड की बैठक के बाद सचिव पर हमला, जांच में जुटी पुलिस

    नालंदा जिले के हिलसा में ठाकुरबाड़ी न्याय समिति बोर्ड की बैठक की गई। एसडीओ द्वारा बैठक के बाद बदमाशों ने न्याय समिति के सचिव और पत्रकार नीलू रंजन पर जानलेवा हमला कर दिया।

    बता दें कि यह हमला कोई सुनसान इलाका नहीं बल्कि हिलसा बाजार में ही बीच सड़क पर कर दी गई है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जाता है कि नीलू रंजन नई दिल्ली में एक दैनिक अखबार में पत्रकार भी हैं।

    फिलहाल घटना के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है। दरअसल खाकी बाबा ठाकुरबाड़ी न्यास समिति की दूसरी बैठक गुरुवार को रखी गई थी। इसकी अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष सह एसडीओ सुधीर कुमार कर रहे थे।

    attack on sachiv

    सचिव नीलू रंजन ने बताया कि पहली बैठक में दुकानों से आने वाला किराया व ठाकुरबाड़ी की स्थिति पर रिपोर्ट देने को कहा गया था। इसपर अबतक अमल नहीं हुआ। दरअसल, ठाकुरबाड़ी में वित्तिय अनियमितताओं को देखते हुए न्यास समिति का गठन किया गया है।

  • निगरानी के हत्थे चढ़ा पीएचसी का घूसखोर लिपिक, 18 हजार रुपए लेते गिरफ्तार

    निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने राजधानी पटना के दनियावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में छापेमारी कर 18 हजार रिश्वत लेते के साथ पीएचसी के प्रधान लिपिक अजय प्रसाद को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। 13 सदस्ययी निगरानी की टीम प्रधान लिपिक अजय प्रसाद को गिरफ्तार कर अपने साथ पटना लेते गई।

    बताया जाता है कि दनियावा पीएचसी में प्रधान लिपिक के पद पर तैनात अजय प्रसाद ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जनरेटर की सप्लाई देने वाले जनरेटर संचालक रविंद्र कुमार से जून और जुलाई माह के बिल के भुगतान को लेकर 18 हजार रिश्वत की मांग की थी।

    इस संबंध में रविंद्र कुमार ने निगरानी की टीम से पूरे मामले की शिकायत की थी। मामला संज्ञान में आने के बाद निगरानी की टीम ने पूरे मामले की जांच की। जांच के बाद मामला सत्य पाए जाने पर डीएसपी अरुण पासवान के नेतृत्व में 13 सदस्ययी निगरानी की टीम ने दनियावा पीएससी में छापेमारी कर 18 हजार रिश्वत लेते प्रधान लिपिक अजय प्रसाद को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। निगरानी की हुई इस छापेमारी से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हड़कंप मच गया।

  • पटना हाईकोर्ट ने एक नाबालिग बच्ची को नौ महीने तक बेगूसराय स्थित बालिका गृह में रखने के मामले पर सुनवाई की

    जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने मामलें को गंभीरता से लेते हुए बेगूसराय के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि इस संवेदनशील मामले पर किशोर न्याय अधिनियम और पोक्सो अधिनियम के प्रावधान और अभिलेखों के आधार पर उचित कार्रवाई करें ।

    कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि यदि यह प्रथम दृष्टया मामला बनता है ,तो जिला बाल कल्याण के सदस्यों ,बालिका गृह के पदाधिकारी, बच्ची की जांच करने वाली चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए।

    कोर्ट ने कहा कि अभिलेखों से स्पष्ट होता है कि इस मामले में संस्थान के पदाधिकारी जिम्मेदार थे ।

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    कोर्ट ने अधिवक्ता विक्रम देव सिंह को पीड़ित बच्चे के हित में न्यायालय को उचित सहायता प्रदान करने के लिए “एमिकस क्यूरी” के रूप में नियुक्त किया है । इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितम्बर,2022 को होगी।

  • पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कोर्ट में उपस्थित नही होने पर कोर्ट ने कटिहार के तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ एम जैन के खिलाफ गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी किया

    जस्टिस संदीप कुमार ने राज्य सरकार को कहा कि उन्हें हर हाल में 8 सितंबर,2022 को अदालत में पेश किया जाए।

    ये मामला किसी भी अभियुक्त को गिरफ्तार करने के पूर्व और बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देश को नजरअंदाज किये जाने का है।कोर्ट ने मेघु दास एवं अन्य की और से अदालती आदेश की अवमानना को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की।

    कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और हाई द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देश का उल्लंघन कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजने को काफी गम्भीरता से लिया।

    कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कटिहार के तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन समेत डीएसपी और नगर थाना के एसएचओ को 1 सितंबर को कोर्ट में तलब किया था।
    अदालती आदेश के बाद
    कटिहार के तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन को छोड़ कर डीएसपी और नगर थाना कटिहार के एसएचओ कोर्ट में उपस्थित थे।

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    कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कटिहार के तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन की प्रतिनियुक्ति केन्द्रीय गृह मंत्रालय में कर दी गई है।उन्हें 30 अगस्त को ही हाई कोर्ट के आदेश की जानकारी दे दी गई है।

    उन्होंने कोर्ट को बताया कि पुलिस सुप्रीम कोर्ट के नियमों की अनदेखी हर मामले में कर रही है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।

    इस मामले पर फिर 8 सितंबर,2022 को सुनवाई की जाएगी।

  • सुपौल पुलिस को मिली बड़ी सफलता, हथियार और लूट की बाइक के साथ छह को दबोचा

    सुपौल में राघोपुर थाना की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए 6 अपराधियों को पिस्टल, देशी कट्टा, कारतूस ओर चोरी की बाइक, मोबाइल सहित अन्य लूटे गए सामानों के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

    एसपी डी अमरकेश ने पुलिस को मिली सफलता पर राघोपुर थाना परिसर में खुलासा करते हुए बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली कि राघोपुर थाना क्षेत्र के कोरियापट्टी गांव में कुछ अपराधी लूट की मोटरसाइकिल और हथियार के साथ घूम रहे हैं। जिसके बाद सूचना के आलोक में एक टीम गठित कर पुलिस जब कोरियापट्टी पहुंची तो दो मोटरसाइकिल पर सवार चार अपराधी पुलिस को देखकर भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन पुलिस ने चारों अपराधियों को धर दबोचा। जिसकी पहचान थाना क्षेत्र के सातनपट्टी वार्ड नंबर 7 निवासी मनीष कुमार राम, सिंटू कुमार साह, श्रीकांत कुमार राम एवं प्रतापगंज थाना क्षेत्र के सूखानागर वार्ड नंबर 2 निवासी रौशन राज के रूप में किया गया।



    अपराधी मनीष कुमार से जब बरामद पल्सर मोटरसाइकिल के बारे में पूछताछ किया गया तो बताया कि गत 29 अगस्त को पिपरा थाना क्षेत्र के दुबियाही गांव के समीप उनलोगों ने एक राहगीर से हथियार के बल पर उक्त मोटरसाइकिल के अलावा एटीएम, मोबाइल सहित अन्य कागजात छीन लिया था। इस दौरान घटना में उपयोग किए गए दो अन्य मोटरसाइकिल को भी पुलिस ने बरामद कर लिया। एसपी ने बताया कि उक्त घटना को अंजाम देने वाले दो अन्य अपराधी हुलास वार्ड नंबर 2 निवासी राजन ठाकुर और सातनपट्टी वार्ड नंबर 7 निवासी रौशन पासवान को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

    छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक देशी पिस्टल, 2 लोडेड मैगजीन, एक देशी कट्टा, 13 जिंदा कारतूस, 4 मोटरसाइकिल, 7 मोबाइल, कुछ नकद सहित लूटी गई कागजातों को बरामद किया गया।

  • पटना हाईकोर्ट ने पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामलें पर सुनवाई की

    जस्टिस संदीप कुमार ने बिहार राज्य आवास बोर्ड को बताने को कहा है कि अब तक पटना में उसने कितनी कॉलोनियों का निर्माण और विकास किया हैं।

    साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को एमिकस क्यूरी संतोष सिंह द्वारा प्रस्तुत दलीलों का अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया है।

    पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया था कि नीति में कोई परिवर्तन नहीं होगा।कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि गलत तरीके से बने मकानों को तोड़े जाने की नीति जारी रहेगी।

    पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बिहार राज्य आवास बोर्ड के दोषी अधिकारियों और जिम्मेवार पुलिस वाले के विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाई की कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा था।कोर्ट ने कहा कि इनके रहते इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन कर मकान बना लिए गए।इस सम्बन्ध में हलफनामा दायर कर कार्य योजना पेश करने का निर्देश दिया था।

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    इससे पहले की सुनवाई में बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बहस की थी।उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो भी मकान बने है,उनका निर्माण वैध ढंग से नहीं किया गया है।

    कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी संतोष कुमार सिंह ने कोर्ट के समक्ष बहस किया।उन्होंने कहा कि राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में हटाने की कार्रवाई सही नहीं थी।हटाने के पूर्व संचार माध्यमों में उन्हें नोटिस दे कर जानकारी देना चाहिए था।

    उन्होंने कहा कि नागरिकों को मनमाने ढंग से नहीं हटाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि या तो उन्हें उचित मुआवजा
    दिया जाए या उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 15,सितम्बर,2022 को की जाएगी।