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  • सीबीआई के छापे पर उठा सवाल सीबीआई बेकफुट पर

    नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में दर्ज एफआईआर के सिलसिले में दो माह के दौरान सीबीआई की यह दूसरी बड़ी रेड है इस बार राजद के दो राज्यसभा सांसद एक विधायक ,एक पूर्व विधान पार्षद और एक बालू कारोबारी के घर सीबीआई ने छापेमारी किया है ।छापेमारी देर रात को खत्म हुई है लेकिन सीबीआई को नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मुकदमा में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिसके सहारे लालू परिवार पर शिकंजा कसा जा सके। हां यह जरुर है कि इस छापेमारी से राजद का जो अर्थतंत्र है वो जरुर प्रभावित हो सकता है ।

    1–नौकरी के बदले जमीन लेने का मामला

    सीबीआई ने इसी वर्ष मई में लालू प्रसाद यादव पर 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले में जमीन लेने का आरोप लगाते हुए एक मुकदमा दर्ज किया है जिसमें सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती और हेमा के अलावे 13 अन्य लोगों को आरोपी बनाया है ,इस तरह इस मामले में कुल 16 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

    सीबीआई ने अभी तक इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिसमें एक भोला यादव है जो लालू प्रसाद के निजी सहायक रह चुके हैं और दूसरी गिरफ्तारी नौकरी के बदले जमीन देने के एक आरोपि हृदयानंद चौधरी हैं।



    सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में हृदयानंद चौधरी पर आरोप यह है कि ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफीट जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख लेकर ट्रांसफर की. बाद में यह जमीन हृदयानंद चौधरी ने लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव के नाम कर दी. जमीन जब तोहफे में दी गई उस वक्त सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था. हृदयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में साल 2005 में ही नौकरी मिल गई थी।

    रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन लेने के मामले में सीबीआई ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसमें इसी तरह के सात ऐसे परिवार का नाम दर्ज है जिससे लालू प्रसाद पैसा लेकर रेलवे के डी ग्रुप में नौकरी दिये हैं ।

    प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने इस वर्ष मई माह में दिल्ली, पटना और गोपालगंज में 17 ठिकाने पर छापा मारा था और लालू प्रसाद और मीसा भारती से घंटो पुछताछ किया था।

    2— सीबीआई की छापेमारी सवालों के घेरे मेंं

    सांसद अशफाक करीम ,फैयाज अहमद,और विधान पार्षद सुनील सिंह के यहां छापेमारी से सीबीआई की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गया है क्यों कि जिस प्राथमिकी के आधार पर सीबीआई ने छापेमारी किया है (नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में ) उस प्राथमिकी में दर्ज घटना के वर्ष की बात करे तो यह खेल लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए 2004 से 2009 के बीच हुआ है। मतलब घटना की तिथि 2004 से 2009 के बीच है लेकिन कल जिनके यहां भी छापेमारी हुई है उन सभी पर गौर करेंंगे तो सांसद अशफाक 2018 में राजद कोटे से राज्यसभा गये हैं और जिस दौर में लालू यादव रेलमंत्री थे उस दौर में अशफाक करीब लोजपा के बड़े नेता थे उनका राजद और लालू प्रसाद के परिवार से दूर दूर का रिश्ता नहीं था।

    इसी तरह सांसद फैयाज अहमद की बात करे तो 2010 में ये पहली बार राजद के टिकट पर बिस्पी मधुवनी से विधायक बने थे और राजद में इसकी कोई हैसियत 2004 के 2009 के बीच कुछ भी नहीं था ।



    वही बात विधान पार्षद सुनील सिंह की करे 2004 से 2009 के बीच राजद में इनकी हैसियत क्या थी किसी से छुपा हुआ नहीं है इनकी राजद मेंं सक्रियता 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार देखने को मिली इसी तरह पूर्व विधान पार्षद सुबोध राय उस दौर मे ठीक से हाफ पैंट भी नहीं पहन पा रहा होगा जिस दौर में नौकरी के बदले जमीन का खेल हुआ था ।

    इसी तरह से सीबीआई ने कृष्णापूरी में रेलवे के एक पूर्व इंजीनियर सुनील कुमार के घर भी छापा मारा था इसकी नौकरी उस समय रेलवे में हुई थी जिस समय रामविलास पासवान रेलमंत्री थे।

    वैसे जो खबर आ रही है कि छापेमारी समाप्त होने के बाद इन लोगों को सीबीआई ने जो सीजर लिस्ट दिया है उसमें लिखा है कि नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी हुई कोई भी दस्तावेज या अन्य साक्ष्य बरामद नहीं हुआ है।
    फिर भी इसमें कोई शंक नहीं है कि ये सभी लोग राजद के फंड रेजर हैं लेकिन इसमें भी कोई शंक नहीं है कि ये तीनों लालू परिवार के सम्पर्क में आने से पहले से ही बड़े कारोबारी रहे हैं।

    3–आरजेडी विधायक सैयद अबू दोजाना और बालू माफिया सुभाष यादव

    इन दोनों की हैसियत 2004 से 2009 के बीच क्या रही है कहने कि जरुरत नहीं है इन दोनों का राजद परिवार से रिश्ता 2015 में सत्ता वापसी के बाद हुई है इसलिए इनके यहां नौकरी ये बदले जमीन मामले में छापेमारी का कोई मतलब नहीं बनता है वैसे इन दोनों पर 2017 में आईआरसीटी घोटाला मामले में जब लालू प्रसाद पर मुकदमा दर्ज हुआ था उसके बाद इन दोनों के यहां भी छापेमारी हुई थी और करोड़ो के आयकर चोरी का मामले पकड़ाया था ।

    ऐसी स्थिति में कहां जा सकता है कि कल की छापेमारी नौकरी के बदले जमीन मामले के बजाय राजद के आर्थिक स्रोत निशाने पर था ताकि राजद भाजपा को लेकर मुखर ना हो सके।

  • पटना हाईकोर्ट में पटना के जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई 31अगस्त,2022 को की जाएगी

    चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही हैं।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें में स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था।ये जनहित याचिकाएं गौरव सिंह व अन्य द्वारा की गई हैं।

    एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था।उन्होंने राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मुद्दे को उठाया था।

    उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।

    कोर्ट को उन्होंने बताया था कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।बिहार में एक भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नहीं है।उन्होंने बताया कि छपरा के पास इसके लिए पर्याप्त और सस्ती भूमि उपलब्ध हैं।

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    याचिकाकर्ता की अधिवक्ता अर्चना शाही ने बताया था कि गया एयरपोर्ट के विकास के लिए एक बड़ी धनराशि आवंटित की गई है।लेकिन अभी तक गया एयरपोर्ट का विकास कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है।

    कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,भागलपुर,फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं।लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव एवं सुरक्षा की समस्याएं हैं।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 31अगस्त,2022 , को की जाएगी।

  • बिहार में होगा मध्यावदी चुनाव; 6 माह से अधिक नहीं चलेगी महागठबंधन की सरकार, नीतीश कुमार का इस बार नहीं खुलेगा खाता

    खबर हाजीपुर से है। जहाँ पटना से दरभंगा जाने के दौरान लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हाजीपुर पहुंचे। जहां उन्होंने चुहरमल नगर में स्थापित रामविलास पासवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

    और साथ ही नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार को विश्वास मत की चिंता है जबकि जनता का विश्वास वो खो चुके है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार 6 माह से अधिक नहीं चल सकती। और बिहार में मध्यावदी चुनाव होगा। लेकिन इस बार नीतीश कुमार का खाता भी नहीं खुलेगा।



    साथ शिक्षक अभ्यर्थियों पर हुए लाठी चार्ज की निंदा करते हुए सरकार पर जमकर प्रहार किया।

  • बेला में फैक्ट्री का चिमनी गिरा, एक की मौत

    बड़ी खबर मुजफ्फरपुर से आ रही हैं, जहाँ बेला औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में बड़ा हादसा हुआ हैं। बेला में मेडिकल वेस्टेज प्लांट में चिमनी गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई हैं. जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हैं, जिसका इलाज SKMCH में चल रहा है।

    मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में मेडिकल वेस्टेज प्लांट मेडीकेयर में दोपहर में यह घटना घटी। बताया जा रहा हैं कि पुरानी चिमनी हटाया जा रहा था, तभी वाह चिमनी टूट गई जिससे रहमत (35वर्षीय) मजदूर की मौत हो गई।

    वहीं इस मामले में बेला थाना के थानाध्यक्ष कुंदन कुमार ने बताया कि इस मामले में कम्पनी के मैनेजर और ठेकेदार को फिलहाल पूछताछ के लिए थाना ले जाया गया है. वहीं मृतक के परिजन ने आरोप लगाया कि यहाँ लापरवाही बरती गई हैं, वहीं घटना के बाद इलाज में भी कोताही बरती गई है।

  • विष्णुपद मंदिर में किया जा रहा है शुद्धीकरण अनुष्ठान और क्षमा याचिका पूजा

    गया। विष्णुपद मंदिर में किया जा रहा है शुद्धीकरण अनुष्ठान और क्षमा याचिका पूजा, मंदिर के गर्भ गृह में किया जा रहा है पूजा अर्चना।

    गया पाल पंडा के द्वारा किया जा रहा है शुद्धिकरण पूजा, विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष व अन्य गया पाल पंडा के द्वारा किया जा रहा है विशेष पूजा अर्चना।



    2 दिन पूर्व मंदिर में सीएम नीतीश के साथ प्रवेश कर गए थे सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री इसराइल मंसूरी, विष्णुपद मंदिर में आहिंदू निषेध है।



  • पटना हाईकोर्ट ने गया के ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर से सटे फाल्गु नदी प्रदूषित होने के मामलें पर सुनवाई कल तक के लिए टली

    चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि बूडको ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने हेतु चुनी हुई कम्पनी से अग्रीमेंट 11अगस्त,2022 को किया जा चुका हैं।

    कोर्ट को बताया गया था कि एग्रीमेंट में ये तय हुआ है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम तीन महीने में पूरा हो जाएगा।इस पर कोर्ट ने निर्माण कंपनी को इस सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

    ये जनहित याचिका गौरव कुमार सिंह की ओर से दायर की गई थी। पहले की सुनवाई में कोर्ट ने बुडको से यह भी कहा कि यदि वह चुनिंदा कम्पनी के काम करने से संतुष्ट है, तो अग्रीमेंट की प्रक्रिया जल्द पूरा करे ।

    कोर्ट ने ये भी चेतावनी दी थी कि ऐसा न करने पर बूडको के एमडी के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी और उन पर अवमानना की कार्यवाही चलाई जा सकती है।

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    याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि ऐतिहासिक फाल्गु नदी कचरे से भर रही ऊन्होने बताया कि सारे गया शहर की गन्दगी और कचडा फल्गु नदी में जाता है,जिस कारण नदी का पानी काफी प्रदूषित हो गया।

    ऐतिहासिक महत्व वाले इस महान शहर को पर्यटकों के लिए एक यादगार यात्रा बनाने के लिए संयुक्त प्रयास करने होंगे।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 25 अगस्त,2022 को होगी ।

  • पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई की

    चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 3 सप्ताह का मोहलत दिया।

    कोर्ट ने पिछली सुनवाई में निदेशक प्रमुख,स्वास्थ्य सेवा और सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर द्वारा हलफनामा नहीं दायर करने को गम्भीरता से लिया थ।पूर्व की सुनवाई में मुजफ्फरपुर के एस एस पी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया था।मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है।

    पूर्व की सुनवाई में कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वी के सिंह ने कोर्ट को बताया था कि इस मामलें में दर्ज प्राथमिकी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

    कोर्ट ने इससे पहले की सुनवाई में कहा था कि इस मामलें में गठित डॉक्टरों की कमिटी को चार सप्ताह मे अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

    इसमें कोर्ट को बताया गया था कि आँखों की रोशनी गवांने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक एक लाख रुपए दिए गए हैं।साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफ आई आर दर्ज कराया गया था,लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।

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    याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आँखें की रोशनी खोनी पड़ी।

    याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी।

    इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह के फिर सुनवाई की जाएगी।

  • बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले राजद के नेताओं के घर छापेमारी, दबिश देने पहुंची ईडी और आईटी की टीम

    बिहार में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी की छापेमारी जारी है. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने जॉब के बदले जमीन मामले में पटना में राजद एमएलसी सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के यहां भी छापेमारी चल रही है.

    बिहार में राजद नेता यहां सीबीआई की छापेमारी ऐसे वक्त पर हुई, जब आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है. आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा, यह जानबूझकर किया जा रहा है. इसका कोई मतलब नहीं है. वे यह सोचकर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करा रहे हैं कि डर के मारे विधायक उनके पक्ष में आ जाएंगे.

    बिहार में आज सुबह से ही राजद के एमएलसी और सांसदों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. इस कड़ी मे अब तक एमएलसी सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के ठिकाने पर छापेमारी की बात सामने आ रही थी. अब इसमें तीसरा नाम कुछ माह पहले राजद कोटे से राज्यसभा पहुंचे सांसद फैयाज अहमद और राजद नेता सुबोध राय का भी नाम सामने आ गया है.बताया जा रहा है अवैध खनन को लेकर फैयाज अहमद के मधुबनी स्थित ठिकानों पर सुबह से ही सीबीआई की टीम छापेमारी कर रही है. फैयाज अहमद को हाल में लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती के साथ राज्यसभा सांसद बनने का मौका मिला था.

    वहीं दूसरी तरफ पटना में राजद के पूर्व एमएलसी सुबोध राय के ठिकानों पर भी छापेमारी की बात कही जा रही है. जानकारी के अनुसार सुबोध राय के ठिकाने पर भी सीबीआई की टीम कार्रवाई करने के लिए पहुंची है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते जॉब लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इसी मामले में जांच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा यादव, हेमा यादव और कुछ ऐसे उम्मीदवारों पर केस दर्ज किया है, जिन्हें प्लॉट या प्रॉपर्टी के बदले जॉब दी गई.

    इससे पहले सीबीआई ने मई में इस मामले में लालू यादव से जुड़ीं 17 जगहों पर छापेमारी की थी. सीबीआई की यह कार्रवाई करीब 14 घंटे तक चली थी. ये छापे लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर ये छापेमारी की गई थी.इस मामेल में सीबीआई ने जुलाई में बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार किया था.



    इस दौरान सीबीआई ने बिहार के पटना और दरभंगा में चार ठिकानों पर छापे भी मारे हैं. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे. लालू यादव उस वक्त केंद्रीय रेल मंत्री थे. उसी समय रेलवे में भर्ती घोटाला हुआ था. आरोप है कि भोला यादव ही घोटाले का कथित सरगना है

  • मुजफ्फरपुर के बरियारपुर ओपी क्षेत्र में कदाने नदी में तैरता मिला एक अज्ञात शव

    मुजफ्फरपुर के बरियारपुर में कदाने नदी में पानी में तैरता हुआ करीब 35 वर्षीय एक अज्ञात युवक का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।

    वही अज्ञात युवक का शव नदी में तैरता हुआ मिला। वही युवक की पहचान अभी नही हो पाई है। वही माैके पर बरियारपुर थानाध्यक्ष दल – बल के साथ वहां पहुंच क शव को पानी से बाहर निकाल कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।



  • बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा त्याग पत्र नहीं देंगे

    बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का बयान, मैं इस्तीफा नही दूंगा । सदन में अपनी बात रखूंगा।

    हमारे खिलाफ जो अविश्वास किया गया उसमे संसदीय नियमो का पालन नही किया गया इसीलिए हमने उसे स्वीकार नही किया।

    हमारे उपर तथ्यहीन आरोप लगाए गए।