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  • पटना हाईकोर्ट ने शादी समेत अन्य समारोहों में राज्य भर में किये जाने वाले हर्ष फायरिंग के मामले पर सुनवाई की

    पटना हाई कोर्ट ने शादी समेत अन्य समारोहों में राज्य भर में किये जाने वाले हर्ष फायरिंग के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि कितने केसों में अनुसंधान पूरा किया गया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

    याचिकाकर्ता का कहना था कि हर्ष फायरिंग में कई निर्दोष लोगों घायल हो जाते हैं और कितने की तो जान भी चली जाती है।इसलिए इस मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई सख्त ढंग की जानी चाहिए।

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    याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में एक सख्त गाइडलाइंस जारी की जानी चाहिए। जनहित याचिका में राज्य के चीफ सेक्रेटरी व डी जी पी समेत अन्य को पार्टी बनाया गया है।

    इस मामले पर अगली सुनवाई अब आगामी 29 अगस्त, 2022 को की जाएगी।

  • पटना हाईकोर्ट में राज्य के वन व पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की अपील पर सुनवाई 1सितम्बर,2022 तक टल गयी

    जस्टिस आशुतोष कुमार सिंह की खंडपीठ इस अपील पर सुनवाई कर रही है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुलह का प्रयास करने को कहा।इसके लिए दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को इनके बीच बैठक कर सुलह के मुद्दे पर संभावना तलाशने को कहा था।पूर्व की सुनवाई में तेजप्रताप और ऐश्वर्या कोर्ट में उपस्थित हुए थे।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं से यह बताने को कहा कि क्या दोनों पक्षों में सुलह की संभावना है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर दोनों पक्षों से जवाब देने को कहा था।

    ऐश्वर्या की ओर से वरीय अधिवक्ता पी एन शाही ने कोर्ट के पक्ष रखा था।तेज प्रताप के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने बताया था कि घरेलू हिंसा को लेकर ऐश्वर्या राय के विरुद्ध पारित आदेश व भरणपोषण(मेंटेनेन्स) से जुड़े मामले में राशि को बढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट में अपील दायर किया गया है।



    इस मामलें की सुनवाई अब अगली सुनवाई1सितम्बर, 2022 को की जाएगी।

  • राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कालेजों द्वारा यूजीसी को उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया

    चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने वेटरन फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जो धनराशि कालेजों को दी जाती है,इसकी जिम्मेदारी किसी के द्वारा नहीं लेना गंभीर मामला है।

    कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों के वीसी और यूजीसी को हलफनामा दायर कर पूरी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों को दो दिनों के भीतर उपयोगिता प्रमाण पत्र यूजीसी के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।यूजीसी उसके बाद एक सप्ताह में कार्रवाई करेगा।

    याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में अंगीभूत और सम्बद्धता प्राप्त कालेजों की संख्या 325 है।इन कालेजों को काफी पहले यूजीसी ने जो अनुदान दिया था, उसका बहुत सारे मामलों में अबतक उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं प्रस्तुत किया गया है।

    उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य के विभिन्न कालेजों द्वारा 124 करोड़ रुपए का उपयोगिता प्रमाण पत्र यूजीसी को प्रस्तुत नहीं किया गया है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कालेजों द्वारा दो दिनों के भीतर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं जमा किये गए, तो सम्बंधित वीसी का वेतन रोक दिया जाएगा।

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    कोर्ट ने ये साफ कर दिया कि कालेजों द्वारा निर्धारित परफॉर्मा पर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिए गए, तो इसकी जांच कोर्ट कमिश्नर से कराई जा सकती हैं।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 8सितम्बर,2022 को होगी।

  • पटना हाईकोर्ट ने बिहार के गर्भाशय घोटाले के मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव को इस मामलें में अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा हलफनामा पर अगली सुनवाई में दायर करने का निर्देश दिया

    जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने वेटरन फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को ये भी बताने को कहा कि आगे इस मामलें में क्या कार्रवाई करने की योजना है।

    आज कोर्ट में उपस्थित एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस जनहित याचिका में दिए गए तथ्य वास्तविक नहीं हैं।उन्होंने बताया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष साढ़े चार सौ इस तरह के मामलें आए थे।

    उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के जांच के बाद नौ जिलों में गर्भाशय निकाले जाने के सात सौ दो मामलें आए थे।इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई और आगे की कार्रवाई चल रही है।

    उन्होंने कोर्ट को बताया कि पीड़ित महिलाओं को क्षतिपूर्ति राज्य सरकार ने पचास पचास हजार रुपये पहले ही दे दिए।इसके बाद बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने आदेश दिया कि यह राशि बढ़ा कर डेढ़ और अढाइ लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति दिए जाए।

    महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि क्षतिपूर्ति की राशि देने के लिए राज्य सरकार ने 5.89 करोड़ रुपए निर्गत किये है।कुछ दिनों में क्षतिपूर्ति की राशि पीडितों के बीच वितरित कर दिया जाएगा।

    कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि किन किन धाराओं के दोषियों के विरुद्ध मामलें दर्ज किये गए।मानव शरीर से बिना सहमति के अंग निकाला जाना गंभीर अपराध है।इसलिए उनके विरुद्ध नियमों के तहत ही धाराएं लगानी जानी चाहिए।

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    याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि सबसे पहले ये मामला मानवाधिकार आयोग के समक्ष 2012 में लाया गया था।2017 में पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका वेटरन फोरम ने दायर किया गया था।

    इसमें ये आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का गलत लाभ उठाने के लिए बिहार के विभिन्न अस्पतालों/डॉक्टरों द्वारा बड़ी तादाद में बगैर महिलाओं की सहमति के ऑपरेशन कर गर्भाशय निकाल लिए गए।

    अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि पीड़ित महिलाओं की बड़ी संख्या होने की सम्भावना है। बीमा राशि लेने के चक्कर में 82 पुरुषों का भी आपरेशन कर दिया गया।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 सितम्बर,2022 को की जाएगी।

  • समस्तीपुर के दो दिवसीय दौरे पर प्रशांत किशोर, कहा – पदयात्रा के बाद जारी करेंगे बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट

    समस्तीपुर । जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में वो समस्तीपुर के दो दिवसीय दौरे पर आए हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जन सुराज की सोच और अपनी रणनीति के बारे में विस्तार से बात की।

    बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट ऐसा होगा

    समस्तीपुर के एक स्थानीय होटल में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “हम 2 अक्तूबर से शुरू हो रहे पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर गांव, प्रखंड में जाना चाहते हैं और घर का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं, ताकि बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझ सकें। इसके बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे और उसमे सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे। ये पूरा ब्लूप्रिंट जमीन पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी, इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति इसमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो वो भी से सकते हैं।”

    जन सुराज के राजनीतिक दल बनने पर प्रशांत किशोर ने ये कहा

    प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो भी लोग इस अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार होंगे, उनके साथ राज्य स्तर पर एक अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा और इसी अधिवेशन में तय होगा कि आगे राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी। प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा अगर कोई दल बनता है तो वो प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा, वो उन सारे व्यक्तियों का होगा जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे।



    महागठबंधन सरकार पर प्रशांत किशोर का हमला जारी, कहा – बहुत दिनों तक नहीं चल सकती 7 दलों की सरकार

    प्रशांत किशोर ने बिहार की नई महागठबंधन सरकार को बधाई देते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से 10 लाख नौकरी देने का वादा किया है, अगर ये सरकार ऐसा करती है तो मैं अपने इस पूरे अभियान को वापस ले लूंगा और नीतीश कुमार का समर्थन करूंगा। महागठबंधन की स्थिरता पर संदेह जाहिर करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि 7 दलों का ये महागठबंधन अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव तक चलेगा।

    उन्होंने कहा संभव है कि लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है। प्रशांत किशोर ने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है जिससे सरकार बदली है, इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है। नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है और ये जदयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

  • लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव और पत्नी ऐश्वर्या राय के तलाक के मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनाई हुई

    लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव और तेज की पत्नी ऐश्वर्या राय के तलाक के मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनाई हुई।

    कोर्ट ने अगली तारीख 1 सितंबर तय की है। 1 सितंबर को केस की अंतिम सुनवाई की जाएगी।

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    गुरुवार को ऐश्वर्या के वकील पीएन सिन्हा नहीं आए थे, इसलिए ऐश्वर्या की तरफ से आगे समय मांगा गया है।

  • पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने दिया बड़ा बयान; नीतीश कुमार न किसी को फंसाते हैं, न किसी को बचाते हैं

    बिहार में महागठबंधन की नई सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार सिंह के विवाद पर पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है।

    महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के चीफ मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार न किसी को फंसाते हैं, न किसी को बचाते हैं। एक बार उन्हें भी मुकदमे की वजह से 8 घंटे में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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  • पत्नी से विवाद के बाद युवक ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, तीन दिन बाद चला लोगों को पता

    आपसी रिश्तो में कड़वाहट का नतीजा कितना बुरा हो सकता है इसकी बानगी जहानाबाद में देखने को मिला है। मामला ओकरी ओपी क्षेत्र के मैना मठिया गांव का है। जहां पति और पत्नी के बीच विवाद हुआ और पत्नी मायके चली गई। जिसके बाद युवक ने खुदकुशी कर ली।

    पति पत्नी के बीच विवाद 14 अगस्त को हुआ था, जिसके बाद पत्नी मायके चली गई। आशंका जताई जा रही है कि 14 अगस्त से 15 अगस्त के बीच गोरे बिंद ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि मामले का पता बुधवार की सुबह तब चला जब पड़ोस की एक महिला ने घर से दुर्गंध आने की बात कही।

    स्थानीय लोगों की मदद से शव को पोस्टमार्टम के लिए जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया है। हालांकि सदर अस्पताल के चिकित्सक की माने तो शव इतना सड़ चुका है कि मृत्यु कैसे हुई इसका पता लगाना जहानाबाद में मुश्किल है।



    चिकित्सकों की मानें तो मौत की असली वजह का पता पीएमसीएच में पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकता है।

  • जहानाबाद के प्रथम विधायक शिवभजन सिंह की 29वां पुण्य तिथि, जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियो ने किया याद

    जहानाबाद । शिवभजन सिंह स्मृति विचार मंच बैनर तले जहानाबाद के प्रथम विधायक सह स्वतंत्रता सेनानी स्व० शिवभजन सिंह जी को उन्नतीसवां पुण्य तिथि पर याद किया गया एवं संकल्प सभा में उनके अधुरे सपना को सकार करने ,के साथ ही साथ उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया गया।

    जहां उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण करते जहानाबाद के अनेकों राजनीतिज्ञों समाजसेवियों एवं बुद्धजीवियों सहीत अलग अलग क्षेत्र के लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके विचारों का आदान-प्रदान किया। शिवभजन बाबू सन् 1942 के जन आंदोलन में जोरदार उपस्थिति दर्ज करते हुए ,अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा हजारीबाग जेल में बंद किए जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी, में से एक थे ।

    शिवभजन सिंह स्मृति विचार मंच के अध्यक्ष शिवनारायण कुशवाहा ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि शिवभजन बाबू कोई व्यक्ति नहीं एक विचार थे ।जो विद्यार्थी काल से ही देश भावना से प्रेरित होकर जन आंदोलन में जबरदस्त भागीदारी निभाते रहे। जहानाबाद के विधायक बनने के बाद भी सड़क से सदन तक जनहित मुद्दों पर सदा मुखर होकर अपना पक्ष रखते रहे।जिसका प्रतिफल आज दबे-कुचले, शोषित वंचित लोगों को लाभ मिलता रहा है।

    ऐसे में जहानाबाद के वासियों के लिए गर्व की बात है कि इस धरती पर शिवभजन बाबू जैसा प्रणेता जन्म लिए। हम सभी उनके नीति सिद्धांतो को अपनाने के लिए संकल्पित होकर सामाजिक उत्थान में लगे रहेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में अमर शहीद जगदेव प्रसाद कॉलेज के प्राचार्य श्री प्रो० चन्द्रशेखर प्रसाद,जी ने कहा शिवभजन बाबू जैसा देशभक्त को जीवनी विद्यालय के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए ताकि देश प्रेम की भावना से बच्चों में देश सेवा करने के प्रति जोश जजबा काफी उत्साह के साथ कायम रहे।



    इन्होंने आजादी के बाद सदन में किसान मजदूर एवं छात्र- छात्राओं के हित में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करते रहे थे। इस पुण्यतिथि एवं संकल्प सभा में सैंकड़ों लोगों ने उपस्थित हुए जिसमें मुख्य लोग इस प्रकार है रामजीत पासवान, शिवनारायण कुशवाहा, अनुज प्रसाद निराला, सुरेश प्रसाद वर्मा, महेंद्र कुमार सिंह, अमित कुमार पम्मु,दिलीप कुशवाहा,गीता देवी, सुरेश प्रसाद, उर्मिला कुमारी ,मनोरमा कुमारी बाबूलाल प्रसाद ,हेमन्त कुशवाहा, रामकेवल यादव , उदय पासवान,, परशुराम ठाकुर, फुलेश्वर रजक, बिसूनदेव सिंह,अखिलेश दास , मंटू कुमार सिंह, समेत सैंकड़ों लोगों उपस्थित हुए।

  • पटना हाईकोर्ट ने पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट,पटना समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई की

    चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को राज्य में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें में स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया है।ये जनहित याचिकाएं गौरव सिंह व अन्य द्वारा की गई है।

    इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र,राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को राज्य के एयरपोर्ट के सुधार पर बैठक कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

    एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था।उन्होंने राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मुद्दे को उठाया था।

    उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।

    कोर्ट को उन्होंने बताया था कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।बिहार में एक भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नहीं है।उन्होंने बताया कि छपरा के पास इसके लिए पर्याप्त और सस्ती भूमि उपलब्ध हैं।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नोडल अधिकारी को तलब किया था।साथ ही पटना एयरपोर्ट के पूर्व और वर्तमान निर्देशक को भी तलब किया था।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को भी नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार को गया एयरपोर्ट के विकास के सन्दर्भ में बताने को कहा था कि 268 करोड़ रुपए की धनराशि कब तक दिया जाएगा।

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    याचिकाकर्ता की अधिवक्ता अर्चना शाही ने बताया कि गया एयरपोर्ट के विकास के लिए एक बड़ी धनराशि आवंटित की गई है।लेकिन अभी तक गया एयरपोर्ट का विकास कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है।

    कोर्ट को राज्य के गया,पूर्णियां और अन्य एयरपोर्ट के विस्तार,विकास और भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित समस्यायों के बारे में बताया गया था।

    राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,भागलपुर,फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं।लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव एवं सुरक्षा की समस्याएं हैं।
    इस मामलें पर अगली सुनवाई 24 अगस्त,2022 , को की जाएगी।