बिहारशरीफ के रहुई प्रखंड के गांव मोरापचासा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के बैनर तले पुष्यमित्र शुंग का पुतला दहन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि शुंग वंश से पहले पूरे भारत बौद्ध मय था जिसे कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की स्थापना की थी। जिसे बाद में पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य वंश के अंतिम शासक बृहदत्त की हत्या कर शासक बना था जो वैदिक धर्म (सनातन धर्म) की स्थापना की जिसमें ऊंच-नीच भेदभाव जात पात छुआछूत का बोलबाला है। जिसे बहुजन समाज (मूलनिवासी) आज तक इस कुर्तियों से शोषित हो रहा है
जिस धर्म में इतने सारे कुर्तियां हो वो धर्म हमें नहीं चाहिए। वैदिक धर्म में मूर्ति पूजा की जाती है जिसे आज तक बहुजन समाज ढोते चले आ रहे हैं इसलिए हम कहते हैं शिक्षित बनो शिक्षा से ही अंधभक्ति पाखंडवाद को मिटाया जा सकता है ऊंच-नीच जात पात भेदभाव छुआछूत को मिटाओ और ज्ञान की बत्ती जलाओ आगे उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि बहुजनों के शासक बृहदत्त थे। जिसकी हत्या छल से विदेशी पुष्यमित्र शुंग (सेनापति) के द्वारा हत्या कर दी गई थी। आज उनके याद करते हुए, सम्राट अशोक विजय दिवस मनाते हुए एवं महिषासुर (अहीर, यादव) के सम्मान में अंधभक्ति मुक्ति पाखंडवाद को मिटाने के लिए,भारत को तथागत बौद्ध धम्म बनाने हेतु पुष्यमित्र शुंग की पुतला दहन की गई।
इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश उपाध्यक्ष रामदेव चौधरी जिला अध्यक्ष बलराम दास । महासचिव महेंद्र प्रसाद मोहन चौधरी नंदलाल रविदास धोरी चौधरी उमेश दास अखिलेश पासवान विजय दास दीपक पासवान आदि लोग उपस्थित थे।