बिहारशरीफ : पक्षी,कीट पतंगों आदि को खाकर फसलों के साथ पर्यावरण को भी संरक्षित करते हैं। पक्षी जैवविविधता का महत्वपूर्ण कड़ी है।इसीलिए पक्षियों को सजीवों का प्राकृतिक संरक्षक भी कहा जाता है। ये उक्त बातें मुख्य वक्ता गौरैया विहग फाउंडेशन के निदेशक राजीव रंजन पाण्डेय ने कही। वे राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर जीडीएम कॉलेज हरनौत के सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे।
सलीम अली का अहम योगदान
कॉलेज के प्राचार्य डॉ भांभुनाथ प्रसाद सिन्हा ने कहा कि भारतीय पक्षी वैज्ञानिक डा सलीम अली के जन्मदिन को राष्ट्रीय पक्षी दिवस के रूप में मनाया जाता है। पौधे रहेंगे तो पक्षी भी बचेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सचिव डॉ अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि पक्षी हमारे जैव मंडल के अभिन्न अंग हैं। कृषि में रसायन व कीटनाशक के अंधाधुंध प्रयोग से पक्षियों की बहुत सी प्रजातियां लुप्त होने कगार पर है।
बर्ड रिसर्चर राकेश कुमार ने कहा कि पक्षी पर्यावरण के अहम हिस्सा है।उन्हें प्राकृतिक सफाईकर्मी भी कहा जाता है। सभी सजीव एकदूसरे के पूरक हैं।विपरीत स्थिति में सभी जीवों का अस्तित्व खतरे में होगा।
आशुतोष कुमार मानव ने बताया कि प्रकृति का संरक्षण करना है तो पक्षियों को बचाना होगा। वहीं केके यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान की छात्रा पल्लवी भारती पक्षियों के कृषि में भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर राजगीर के ब्रांड एंबेसडर भैया अजीत,सद्भावना मंच के दीपक कुमार, डा सुनील कुमार,प्रो कृष्णनंदन प्रसाद, डॉ महेश कुमार,शिक्षाविद गोपाल शरण, डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक डॉ आनंदवर्धन, रणवीर कुमार के अलावे सकडों लोग मौजूद थे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से आयोजित किया गया।