टीबी हारेगा, देश जीतेगा के संकल्प के साथ मरीज़ों की खोज के साथ किया जाता हैं जागरूक

IMG 20220801 WA0049 पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

पूर्णिया : वर्ष 2025 तक देश से टीबी जैसी संक्रामक बीमारी को जड़ से मिटाना है। “टीबी हारेगा देश जीतेगा” संकल्प के साथ जिले में टीबी बीमारी से संक्रमित मरीज़ों की खोज करते हुए जागरूकता अभियान लगातार चलाया जा रहा है। इसके तहत टीबी बीमारी के लक्षण और इससे बचाव की जानकारी दी जा रही है। जिले में टीबी बीमारी को हराने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र अपने स्तर से लगातार प्रयासरत है। स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा लागार प्रचार प्रसार किया जा रहा है

IMG 20220402 WA0072 पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

डोर टू डोर भ्रमण कर टीबी चैंपियन करते हैं जागरूक: डॉ मोहम्मद साबिर

संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि जिले में हर माह के अंतिम सप्ताह में जिला यक्ष्मा केंद्र या किसी अन्य सभागार में टीबी चैंपियनों के साथ समीक्षात्मक बैठक की जाती है। डोर टू डोर भ्रमण कर उन्हें जागरूक करने का काम किया जाता हैं। मासिक समीक्षात्मक बैठक के दौरान यह बताया जाता है कि टीबी मरीजों को जागरूक करने के साथ ही उन्हें प्रेरित भी करना है कि दवा का सेवन नियमित रूप से करें। दवा खाने के दौरान अगर किसी प्रकार की कोई परेशानी हो रही हो  तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों के पास जाकर उपचार करायें। दवा खाने के समय किसी भी तरह की कोई मादक पदार्थ या नशीली दवाओं का सेवन नहीं करें। टीबी के मरीज़ों को दवा तब तक खानी है जब तक कि चिकित्सक द्वारा बंद करने के लिए सलाह नहीं दी जाती है

FB IMG 1640250351290 पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

टीबी मरीज़ों के लिए नियमित रूप से दवा का सेवन करना बेहतर विकल्प: राजेश शर्मा 

See also  पावसाची उघडीप; पिकातील ओलावा कसा टिकवाल? वाचा तज्ञांचा सल्ला

टीबी एचआइवी समन्वयक राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि टीबी चैंपियन अपने-अपने टीबी यूनिट में टीबी मरीज़ों की जानकारी मिलने पर उनसे मिलते हैं और परामर्श देने के साथ-साथ यह भी  बताते हैं कि टीबी संक्रमण के फैलने एवं टीबी के कौन से लक्षण होते हैं। टीबी संक्रमित होने के बाद मरीजों की मानसिक स्थिति को जानना एवं टीबी मरीज़ों के साथ रहने वाले परिवार के अन्य सदस्यों की स्क्रीनिंग करना भी प्रमुख दायित्व होता है। इसके बाद स्थानीय स्तर पर सामुदायिक स्तर पर बैठक का आयोजन कर पौष्टिक आहार खाने, रहन-सहन, नियमित रूप से दवा सेवन करने, घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करने, खांसने या छींकते समय मुंह को किसी कपड़े या हाथ से ढंकने जैसी जरूरी बातें बताई जाती है।

Leave a Comment