किसी भी समाज की परिकल्पना बच्चों के बिना नहीं की जा सकती है। और जब बच्चों की बात आती है तो जाहिर तौर पर उनसे जुड़े कुछ शोषण, सामाजिक कुरीतियां और फिर अधिकार की बात आती है। बिहार जहां कुल जनसंख्या का 46 प्रतिशत बच्चे हैं ये बात और भी अहम हो जाती है कि बच्चों के हितों के लिए एक सुदृढ़ वयवस्था हो। क्यूँकी यही बच्चें कल सभ्य समाज का निर्माण करेंगे।
जब उनका बचपन बाल दासता और बाल विवाह मे जकड़ा नहीं हो और साथ ही उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, बेहतर देखरेख और अन्य सेवाओं से जोड़ते हुए उन्हें सर्वांगीण विकास का अवसर मिले। लेकिन ये सब तभी सुनिश्चित होगा जब समाज के विभिन्न घटक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। समाज के सभी वर्ग के लोगो को आगे आना होगा, तभी बच्चो के जीवन में खुशहाली आएगी। इसी उद्देश्य को लेकर बच्चे की सुरक्षा एवम उनके उचित देखभाल हेतु नालंदा जिले के राजगीर मे प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति एवं बाल विवाह व दहेज प्रथा उन्मूलन हेतु प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स के प्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता संयुक्त रुप से सीडीपीओ राजगीर कंचन कुमारी गिरी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजगीर सुरेंद्र कुमार शर्मा एवं श्रम प्रवर्तन अधिकारी राजगीर अमृता कुमारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सेव द चिल्ड्रन के जिला समन्वयक श्री आभाष कुमार ने उपस्थित लोगो का स्वागत किया।मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने अपनी बात रखते हुये बाल संरक्षण पर सामूहिक भागीदारी जिसमें समुदाय, परिवार की भी महती भूमिका हो पर जोर दिया।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप से बाल संरक्षण सम्बंधित कानून एवं मुद्दे पर सेव द चिल्ड्रेन के पियूष कुमार, रवि कुमार, आभाष कुमार एवं राज अंकुश शर्मा द्वारा विस्तारपुर्वक जानकारी दी गई ।
उनके द्वारा बाल संरक्षण समिति के उद्देशय, कार्य और संरचना की विस्तृत जानकारी देते हुए बच्चों के मुद्दों और उनको खतरों से निजात दिलाने हेतु विस्तृत चर्चा हुई। मौके पर प्रधानाध्यापक छोटेलाल दास, सेव द चिल्ड्रन संस्था के अन्य साथी विक्की कुमार,अमरेंद्र कुमार, पंकज कुमार एवं सुषमा कुमारी के अलावा पंचायत प्रतिनिधिगण सहित महिला पर्यवेक्षिका आदि उपस्थित थे। कार्यशाला का समापन प्रखंड समन्वयक राजगीर अच्युतानंद पांडे द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर किया गया।